Kumbh Mela 2025: कुंभ मेला जाने की योजना बना रहे हैं तो आस पास की इन जगहों पर घूमने का भी बना लें प्लान
Kumbh Mela 2025: कुंभ मेला जाने की योजना बना रहे हैं तो आस पास की इन जगहों पर घूमने का भी बना लें प्लानKumbh Mela Nearby Attractions: सनातन धर्म में हर बारह साल में एक बार संगम (sangam)के तट पर महाकुंभ मेला (Maha Kumbh Mela 2025 )लग रहा है. 13 जनवरी से प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम तट पर ये महा धार्मिक आयोजन शुरू हो जाएगा और इस मेले में करोड़ों लोग भाग लेंगे. कुंभ मेले के दौरान श्रद्धालू त्रिवेणी संगम तट पर स्नान करते हैं और कई तरह के आय़ोजन होते हैं. शाही अखाड़े भी इस दौरान स्नान के लिए आते हैं. अगर आप भी इस बार कुंभ मेले का हिस्सा बनने की योजना बना रहे हैं तो आपको आस पास की बेहतरीन जगहों को भी देख लेना चाहिए. यूं भी महाकुंभ मेला 12 साल में एक बार लगता है. ऐसे में अगर आप कुंभ मेले में स्नान के लिए जा रहे हैं तो कोशिश करें कि प्रयागराज में मौजूद और आस पास की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों को भी देख लें. चलिए आपको प्रयागराज के महत्वपूर्ण और आकर्षक दर्शनीय स्थलों (see Kumbh Mela Nearby Attractions) की जानकारी देते हैं.यूट्यूबर की फैट से फिट जर्नी, रसमलाई-गुलाब जामुन खाकर 40 किलो किया वजन कम, आप भी जानें फिटनेस रूटीनप्रयागराज के दर्शनीय स्थल prayagraj | Attractions During kumbh mela 2025त्रिवेणी संगममहाकुंभ मेले में स्नान के लिए सबसे खास जगह त्रिवेणी संगम है. ये वो स्थान है जहां पर गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम होता है.ये तीनों नदियां संगम स्थल पर पानी के नीचे ही आपस में मिलती हैं. यहीं पर कुंभ का स्नान होता है और इसलिए ये स्थल काफी धार्मिक और खास माना जाता है. नाग वासुकी मंदिरप्रयागराज में नाग वासुकी मंदिर एक शानदार दर्शनीय स्थल है. इस मंदिर का हाल ही में नवीनीकरण हुआ है. इसकी शिल्प कला और सौंदर्य देखते ही बनता है. जो लोग प्रयागराज आते हैं और खासतौर पर महाकुंभ के दौरान आने वाले लोग इस मंदिर को देखने जरूर आते हैं.लेटे हुए हनुमान जी का मंदिरप्रयागराज के दरगंज क्षेत्र में गंगा नदी के किनारे लेटे हुए हनुमान जी का मंदिर बहुत प्रसिद्ध है. इसे संकट मोचन हनुमान मंदिर कहा जाता है. कहते हैं कि यहां संत समर्थ गुरु रामदास जी ने हनुमान जी की लेटी हुई मूर्ति स्थापित की थी. इसके अलावा मंदिर में और भी देवी देवताओं की मूर्तियां हैं.श्री अलोप शंकरी मंदिरप्रयागराज के अलोपी बाग में श्री अलोप शंकरी मंदिर भी बहुत मशहूर मंदिर है. संगम और अक्षयवट के तीन किलोमीटर की दूरी पर ये मंदिर बना है और यहां काफी भक्त आते हैं.श्री वेणी माधव मंदिरप्रयागराज के निराला रोड पर स्थित इस मंदिर में भगवान विष्णु के बारह रूपों को मूर्तियों के रूप में प्रतिस्थापित किया गया है. यहां भगवान विष्णु की शालिग्राम शिला से बनी मूर्ति भी रखी है. कहते हैं कि कुंभ मेले का स्नान और पंचकोसी परिक्रमा इस मंदिर में दर्शन के बिना अधूरी मानी जाती है.प्रयाग संग्रहालय और गंगा गैलरीप्रयागराज का संग्रहालय भी खासा मशहूर है. यहां पर प्रयागराज की सांस्कृतिक धरोहरों को सहेज कर रखा गया है. इसके साथ साथ गंगा गैलरी में आपको गंगा नदी से जुड़े विचार, वैज्ञानिक पहलू, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से जुड़ी चीजें देखने को मिलेगी.शंकर विमान मंडपमप्रयागराज में 130 फीट ऊंचा शंकर विमान मंडपन मंदिर काफी प्रसिद्ध है. खास बात ये है कि ये मंदिर दक्षिण भारतीय शैली में बनाया गया है. इस मंदिर में कुमारिल भट्ट, जगतगुरु आदि शंकराचार्य, कामाक्षी देवी के साथ साथ तिरुपति बालाजी और योग शास्त्र सहस्त्रयोग लिंग की मूर्तियां स्थापित हैं.आनंद भवनप्रयागराज में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक पारिवारिक निवास है जिसे आनन्द भवन कहा जाता है. हालांकि अब इसे संग्रहालय के रूप में बदल दिया गया और यहां पर देश के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी चीजें रखी गई हैं.विक्टोरिया मेमोरियलप्रयागराज में इटली के संगमरमर पत्थर से बना एक स्ट्रक्चर लोगों को पसंद आता है. ये एक छतरी है जिसके नीचे पहले क्वीन विक्टोरिया की मूर्ति स्थापित की गई थी. बाद में ये मूर्ति हटा ली गई लेकिन छतरी का स्ट्रक्चर अभी भी मौजूद है.फ्लोटिंग रेस्टोरेंटगंगा नदी में विहार करते वक्त आप इस फ्लोटिंग रेस्टोरेंट का लुत्फ उठा सकते हैं. यहां नाव की सवारी भी काफी लुत्फ दिलाती है. आप नाव में बैठकर भोजन भी कर सकते हैं और गंगा किनारे हो रहे आयोजनों को भी देख सकते हैं.अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.