Little Saxophone Artist 10 वर्षीय LN Dutta बना 2023 का वायरल बॉय

Little Saxophone Artist LN दत्ता का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है।
Little Saxophone Artist LN. Dutta हुए वायरल
दस वर्षीय LN Dutta बैंगलोर कर्नाटक के रहने वाले हैं। जो उम्र में केवल 10 वर्ष के हैं। लेकिन उनकी संगीत में पकड़ काफी मजबूत है। LN दत्ता सेक्सोफोन का वादन करते हैं। इसके अलावा उन्हें क्लैरिनेट और अन्य वाद्य भी बजाना पसंद है। उनके पिता जनार्दन दत्ता भी एक सेक्सोफोन आर्टिस्ट है। घर वालों से बातचीत में पता चला कि लिटिल सेक्सोफोन आर्टिस्ट दत्ता ने कहीं बाहर से इसे नही सीखा है और न ही किसी से ट्रेनिंग ली है। कहा जाता है कि जन्म से ही उनके अंदर संगीत का गुण है।
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कर्नाटक संगीत क्या है?
संगीत का क्षेत्र अत्यंत विशाल है। कर्नाटक संगीत ज्यादातर भक्ति संगीत के रूप में होता है और ज्यादातर रचनाएँ हिन्दू देवी देवताओं को संबोधित होता है। इसके अलावा कुछ हिस्सा प्रेम और अन्य सामाजिक मुद्दों को भी समर्पित होता है। जैसा कि आमतौर पर भारतीय संगीत मे होता है, कर्नाटक संगीत के भी दो मुख्य तत्व राग और ताल होता है।
कर्नाटक शास्त्रीय शैली में रागों का गायन अधिक तेज और हिंदुस्तानी शैली की तुलना में कम समय का होता है। त्यागराज, मुथुस्वामी दीक्षितार और श्यामा शास्त्री को कर्नाटक संगीत शैली की ‘त्रिमूर्ति’ कहा जाता है, जबकि पुरंदर दास को अक्सर कर्नाटक शैली का पिता कहा जाता है। कर्नाटक शैली के विषयों में पूजा-अर्चना, मंदिरों का वर्णन, दार्शनिक चिंतन, नायक-नायिका वर्णन और देशभक्ति शामिल हैं।
वराह रूपम देव वारिष्ठम
LN दत्ता एक कार्यक्रम में फ़िल्म कांतारा का ये संगीत सेक्सोफोन में वादन कर रहे हैं। जिनका यह वादन काफी वायरल हुआ है। इनके वीडियो को लाखों लोगों ने देखा है। सोशल मीडिया के अलग अलग प्लेटफार्म में वीडियो वायरल हो रहा है।
संगीत सुनने के लाभ
संगीत हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है। और यह हमारी दैनिक जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। संगीत केवल मनोरंजन के लिए ही नहीं सुना जाता है। वरन इसके कई सारे फायदे हैं। अब संगीत का प्रयोग वैज्ञानिक अनेक रोगों के उपचार के अंदर भी कर रहे हैं। अनेक वैज्ञानिक रिसर्च ने इस बात को प्रमाणित किया है कि संगीत सुनने से कई सारे मानसिक फायदे होते हैं।तनाव कम होता है
आज कल हर इंसान की जिंदगी दौड़ धूप से भरी रहती है। काम करते करते हम बुरी तरह से थक जाते हैं। जब संगीत सुनते हैं तो हमारा दिमाग रिलेक्स मोड के अंदर आता है। हमारे दिमाग मे नई एनर्जी का संचार होता है। व हम अच्छा फील करते हैं। संगीत हमारे मूड को बदल देता है। संगीत दिमाग मे कार्टिसोल के स्तर को कम करता है। जिससे दिमाग बेहतर तरीके से काम करता है।दिमाग की नसों को आराम मिलता है
काम की वजह से दिमाग की नसे ज्यादा थक जाती हैं। संगीत सुनने से दिमाग को आराम मिलता है जहां पर कई बार दवाएं काम नहीं करती हैं ।वहां म्यूजिक थैरेपी काम करती है।स्वर- तरंगें संगीत का रूप लेकर जीवन दायनी सामर्थ्य उत्पन्न करती हैं । दर्द कम करने मे लाभप्रद है।
वैज्ञानिक कारण
कुछ वैज्ञानिक शोध यह बताते हैं कि जब इंसान किसी तरह के दर्द से पीड़ित होता है तो उसे उसका मन पसंद संगीत सुनाया जाना चाहिए । जिससे उसका ध्यान दर्द से हट जाता है। और उसे दर्द का एहसास कम होता है।संगीत सुनने से दिमाग मे डोपामाइन का स्तर अधिक होता है। जो खुशी पैदा करता है।सांस से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए
अमेरिका वैज्ञानिकों के अनुसार संगीत थेरैपी फेफड़ों के लिए काफी अच्छी रहती है। सांस से संबंधित रोगी को संगीत थैरेपी से ईलाज करने से फायदा मिलता है। लेकिन गम्भीर सांस के रोग इससे सही नहीं हो पाते हैं।स्मृति ह्रास (मेमोरी लॉस) को कम करता है
जिन लोगों की यादाश्त अच्छी नहीं होती है। उनको संगीत सुनना चाहिए । जिससे उनकी यादाश्त अच्छी हो जाती है। और दिमाग काफी बेहतर तरीके से काम करने लग जाता है।हृदय के लिए भी संगीत अच्छा है
संगीत सुनने से दिमाग के अंदर एंडोर्फिंस हार्मोन का स्त्राव होता है ।वैज्ञानिकों के अनुसार रोजाना 30 मिनट संगीत सुनने से दिल की क्षमता के अंदर बढ़ोतरी होती है। एक्सरसाइज के साथ संगीत सुनने से दिल की कार्यक्षमता के अंदर इजाफा होता है।नींद अच्छी आती है
अच्छे संगीत सुनने से दिमाग के अंदर चल रहे बेकार के विचारों को विराम मिलता है। और रात के समय दिमाग पूरा खाली हो जाने से अच्छी नींद आती है। आमतौर पर जिन लोगों को नींद नहीं आती उनको सोने से पहले कुछ देर अच्छे गाने सुनने चाहिए।
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