Quick Feed

LJP(R) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आज, पार्टी में टूट के बाद चिराग ने कैसे बचाई पिता की शाख; जानिए पूरी कहानी

LJP(R) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आज, पार्टी में टूट के बाद चिराग ने कैसे बचाई पिता की शाख; जानिए पूरी कहानीआज यानी रविवार को झारखंड की राजधानी रांची में सुबह 11 बजे से एलजेपी रामविलास की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक है. लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत के बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की ये पहली बैठक है. यह बैठक इस लिहाज से भी अहम मानी जा रही है कि इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना है. हालांकि, यह तय है कि एक बार फिर चिराग पासवान को सर्वसम्मति से इस पद के लिए चुना जाएगा.बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी और इसके बाद तय होगा कि एनडीए फोल्डर के तहत कितनी और किन-किन सीटों पर दावेदारी पेश की जाए. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र प्रधान कहते हैं कि हम झारखंड विधानसभा चुनाव में मजबूती के साथ उतरने को तैयार हैं. राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्णयों और निर्देशों के तहत हम आगे कदम बढ़ाएंगे.चाचा से मिला धोखा…पिता रामविलास पासवान के मार्गदर्शन में चिराग ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी. राजनीति में उन्हें प्रवेश करने में मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ा. चिराग का राजनीति में प्रवेश 2012 में हुआ, जब उन्हें लोजपा में संसदीय बोर्ड का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया. वह पहली बार 2014 में बिहार के जमुई लोकसभा सीट से चुने गए. 2019 में भी वह इसी सीट से चुने गए. लेकिन 2020 में पिता के निधन के बाद चिराग की राह आसान नहीं रही. उन्हें अपने ही घर में चाचा से धोखा मिला. मुश्किलों से कुछ इस तरह उभरे चिराग‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ के मिशन को लेकर आगे बढ़ रहे चिराग को 2020 में अपने पिता के निधन के बाद पारिवारिक और राजनीतिक दोनों स्तर पर मुश्किलों का सामना करना पड़ा. पार्टी के छह में से पांच सांसदों ने अलग गुट बना लिया, जिसका नेतृत्व उनके चाचा पशुपति पारस ने किया, लेकिन चिराग ने संयम के साथ परिपक्वता का भी प्रदर्शन किया और उसका फल उन्हें 2024 के संसदीय चुनाव में मिला जब भारतीय जनता पार्टी नीत गठबंधन राजग के तहत उन्हें बिहार में कुल पांच सीट मिलीं.100 प्रतिशत रहा LJP(R) का स्ट्राइक रेटचिराग पासवान एनडीए के ऐसे सहयोगी हैं, जिनका लगातार दूसरे लोकसभा चुनाव में स्ट्राइक रेट 100 प्रतिशत रहा. पिछले चुनाव में उनकी पार्टी 6 सीटों पर चुनाव में उतरी थी और सभी सीटों पर शानदार जीत मिली. 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें गठबंधन की तरफ से 5 सीटें मिली थी और सभी पांच सीटों पर उन्हें जीत मिली.राजनीतिक तौर पर चिराग पासवान अब हुए बेहद मजबूत18 वीं लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद चिराग पासवान की राजनीति एक बार फिर चमक गयी है.  उनके पास 5 सांसद हैं. साथ ही रामविलास पासवान के दौर से यह माना जाता रहा है कि लोजपा ही बिहार की एकमात्र पार्टी है जो किसी भी गठबंधन के पक्ष में वोट ट्रांसफर करवा सकती है. रामविलास पासवान और चिराग पासवान की राजनीति की यह खासियत रही है कि उनके रिश्ते विपक्ष के नेताओं से भी हमेशा अच्छे रहे हैं. बिहार में लालू परिवार के साथ चिराग पासवान के बेहद अच्छे संबंध हैं. ऐसे में आने वाले चुनावों और सरकार में चिराग पासवान की मजबूत उपस्थिति हो सकती है. 

National Executive Meeting of LJP Ram Vilas: केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (आर) ने आज रांची में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है. 2020 में पार्टी में टूट के बाद चिराग को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. लेकिन एक बार फिर से चिराग राजनीति में हिट हैं. जानिए पूरी कहानी…
Bol CG Desk (L.S.)

Related Articles

Back to top button