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NDTV Battleground : तमिलनाडु में दविड़ पार्टियों के लिए कितनी बड़ी चुनौती BJP? क्या मिल पाएगी ‘मिशन-370’ में मदद

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NDTV Battleground : तमिलनाडु में दविड़ पार्टियों के लिए कितनी बड़ी चुनौती BJP? क्या मिल पाएगी ‘मिशन-370’ में मदद

देश में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) को लेकर सभी दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है. बीजेपी ने इस चुनाव में पार्टी के लिए मिशन 370 का लक्ष्य रखा है. साथ ही एनडीए के लिए 400 का टारगेट रखा गया है. उत्तर भारत के कई राज्यों में बीजेपी पहले से ही अधिकतम सीट जीत चुकी है. ऐसे में संख्या को बढ़ाने के लिए तमिलनाडु सहित दक्षिण भारत के राज्य बेहद अहम माने जा रहे हैं. तमिलनाडु में बीजेपी पीएमके सहित 3 दलों के साथ गठबंधन कर के चुनावी मैदान में है. तमिलनाडु में बीजेपी की एंट्री को क्यों अहम माना जा रहा है? तमिलनाडु की राजनीति में अब तक 2 गठबंधनों के बीच मुकाबला देखने को मिलता रहा था. DMK और AIDMK के बीच मुकाबला होता था और किसी एक दल को जीत मिलती थी. पहली बार बीजेपी मजबूती के साथ गठबंधन बनाकर मैदान में है.  बीजेपी की एंट्री को अहम इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि पहली बार किसी दल ने तमिलनाडु में चलते आ रहे दविड़ राजनीति को चुनौती दी है. लोकनीति के नेशनल कंविनर और इलेक्शन डेटा एनालिस्ट संदीप शास्त्री ने कहा, “मैं तमिलनाडु को कई कारणों से चुनाव में अहम मानता हूं. यहां दो गठबंधनों का मुकाबला है. पहला गठबंधन DMK-कांग्रेस का और दूसरा BJP-PMK का. बेशक PMK एक छोटी पार्टी है, लेकिन उसे साथ लेने से फायदा BJP का ही है. BJP का वोट शेयर बढ़ सकता है.” संदीप शास्त्री ने कहा कि तमिलनाडु में BJP इस बार तीसरी फोर्स न सही, लेकिन एक अलग फोर्स जरूर बन रही है. तमिलनाडु की राजनीति में बीजेपी की कैसी रही है पकड़? तमिलनाडु की राजनीति में बीजेपी लंबे समय तक एआईएडीएमके साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है. बीजेपी अब तक एआईएडीएमके के साथ गठजोड़ कर ही मैदान में उतरती थी. बीजेपी को 2014 के लोकसभा चुनाव में 6 प्रतिशत वोट मिले थे. वहीं 2019 के चुनाव में पार्टी को महज 4 प्रतिशत वोट ही मिले थे. तमिलनाडु में बीजेपी के हाथ 2-5 प्रतिशत वोट हमेशा से रहे हैं. 2004 के चुनाव में भी बीजेपी को 5 प्रतिशत वोट मिले थे वहीं 2009 में 2 प्रतिशत वोट मिले थे. हालांकि पीएम मोदी की सभाओं में तमिलनाडु में भाड़ी भीड़ होती रही है. 1999 के चुनाव में बीजेपी को 4 सीटों पर मिली थी जीततमिलनाडु में बीजेपी को 1996 के चुनाव में एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी लेकिन 1998 के चुनाव में पार्टी के हाथ 3 सीट लगे थे. वहीं 1999 के चुनाव में बीजेपी ने 4 सीटों पर जीत दर्ज की थी. हालांकि इन चुनावों में बीजेपी का एआईएडीएमके साथ गठबंधन था. 2019 के चुनाव में बीजेपी को किसी भी सीट पर जीत नहीं मिली थी हालांकि 5 ऐसे सीट थे जहां बीजेपी उम्मीदवारों को 10 प्रतिशत से अधिक वोट मिले थे. अन्नामलाई की बढ़ी है लोकप्रियताकोयंबटूर BJP का ट्रेडिशनली मजबूत इलाका है. साउथ तमिलनाडु में गाउंडर कम्युनिटी सबसे मजबूत है. इस कम्युनिटी के लीडर पलानीस्वामी हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई भी इसी कम्युनिटी से आते हैं. अन्नामलाई तेजतर्रार नेता हैं और उन्हें कोयंबटूर से टिकट भी दिया गया. सोशल मीडिया पर वे मशहूर हैं और गाउंडर युवाओं का भी उन्हें खूब समर्थन मिल रहा है. फर्स्ट टाइम वोटर्स में भी अन्नामलाई के लिए लहर नजर आ रही है.ये भी पढ़ें- :अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से तत्काल राहत नहीं, 29 अप्रैल को अगली सुनवाई”देश की जनता माफ नहीं करेगी”: संविधान बदलने की बात पर लालू यादव ने बीजेपी को घेरा

तमिलनाडु की राजनीति में बीजेपी लंबे समय तक एआईएडीएमके साथ मिलकर चुनाव लड़ रही थी. बीजेपी अब तक एआईएडीएमके के साथ गठजोड़ कर ही मैदान में उतरती थी. बीजेपी को 2014 के लोकसभा चुनाव में 6 प्रतिशत वोट मिले थे.वहीं 2019 के चुनाव में पार्टी को महज 4 प्रतिशत वोट ही मिले थे.
Bol CG Desk

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