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ब्रेन स्ट्रक्चर में जेंडर रिलेटेड अंतर का पता लगाने में मददगार है नई एआई तकनीक : स्टडी

ब्रेन स्ट्रक्चर में जेंडर रिलेटेड अंतर का पता लगाने में मददगार है नई एआई तकनीक : स्टडीअमेरिकी शोधकर्ताओं ने एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक विकसित किया है जो इस बात में अंतर दिखाता है कि पुरुषों और महिलाओं के दिमाग सेलुलर लेवल पर कैसे ऑर्गेनाइज्ड होते हैं, जबकि ब्रेन के आकार और वजन का पता लगाया गया है, सेलुलर लेवल पर ब्रेन के लेआउट की केवल आंशिक तस्वीर ही ज्ञात है. बायोलॉजिक सेक्स ब्रेन पर कैसे प्रभाव डालता है, इसकी विस्तृत समझ मल्टीपल स्केलेरोसिस, ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर, माइग्रेन और अन्य ब्रेन प्रोब्लम्स के लिए डायग्नोस्टिक इक्विपमेंट्स और उपचार को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है जो पुरुषों और महिलाओं में अलग-अलग लक्षणों के साथ काम करते हैं.यह भी पढ़ें: भीषण तपती गर्मी और लू से बचने के लिए अपनाएं ये 4 उपाय, एक में भी चूके तो होगी गड़बड़कैसे किया गया अध्ययन?न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी-लैंगोन हेल्थ के शोधकर्ताओं ने 471 पुरुषों और 560 महिलाओं के हजारों एमआरआई ब्रेन स्कैन का विश्लेषण करने के लिए मशीन लर्निंग नामक एआई तकनीक का उपयोग किया. उन्होंने पाया कि कंप्यूटर प्रोग्राम स्ट्रक्चर और कॉप्लेक्सिटी में पैटर्न का पता लगाकर बायोलॉजिकल मेल और फीमेल ब्रेन के बीच सटीक अंतर कर सकते हैं जो मानव आंखों के लिए अदृश्य थे.साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में ऑनलाइन प्रकाशित अध्ययन से पता चला है कि व्हाइट मैटर में भिन्नताएं – टिश्यी मेनली ह्यूमन ब्रेन की सबसे भीतरी परत में स्थित होते हैं, जो क्षेत्रों के बीच संचार को बढ़ावा देते हैं.ग्रॉसमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन में प्रोफेसर ने कहा, न्यूरोरेडियोलॉजिस्ट यवोन लुई ने कहा, “हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि एक जीवित, मानव ब्रेन कैसे संरचित होता है, जो बदले में कितने मनोरोग और तंत्रिका संबंधी विकार विकसित होते हैं और वे पुरुषों और महिलाओं में अलग-अलग क्यों दिखाई दे सकते हैं, इस बारे में नई समझ प्रदान कर सकते हैं.” यह भी पढ़ें: जंक फूड ज्यादा खाने से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है बुरा असर, बिहेवियर में आ जाता है बदलाव : विशेषज्ञउन्होंने कहा कि तस्वीरों के ग्रुप का विश्लेषण करने के लिए मशीन लर्निंग का उपयोग करने से मानवीय पूर्वाग्रहों को दूर करने में मदद मिली. हालांकि, शोधकर्ताओं ने आगाह किया कि हालांकि एआई उपकरण ब्रेन सेल्स ऑर्गेनाइजेशन में अंतर की रिपोर्ट कर सकते हैं, लेकिन वे यह नहीं बता सकते कि किस लिंग में कौन सी विशेषताएं होने की ज्यादा संभावना है.

न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी-लैंगोन हेल्थ के शोधकर्ताओं ने 471 पुरुषों और 560 महिलाओं के हजारों एमआरआई ब्रेन स्कैन का विश्लेषण करने के लिए मशीन लर्निंग नामक एआई तकनीक का उपयोग किया.
Bol CG Desk (L.S.)

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