जगदलपुर। पुरी के पीठाधीश्वर शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने आरआरएस और उनके प्रमुख पर बड़ा बयान दिया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक के प्रमुख मोहन भागवत की ओर से पंडितों पर दिए गए बयान को लेकर पूरे देश में बवाल मचा है। आरएसएस प्रमुख के इस बयान पर बस्तर पहुंचे गोवर्धन मठ के पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती स्वामी ने बयान देते हुए कहा है।
उन्होंने अपने बयान में कहा कि ”मोहन भागवत को शास्त्र का ज्ञान नहीं है, और न ही कोई जानकारी है।” उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में क्या उथल पुथल मचती है यह देखना काफी महत्वपूर्ण होगा। इसके अलावा उनके बयान के बाद साधु संतों की ओर से क्या प्रतिक्रिया आती है यह भी देखना दिलचस्प होगा।
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शंकराचार्य ने आखिर RSS और Mohanbhagwat पर क्या कहा कहा…
निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि हिंदू के पास रामायण महाभारत है। ईसाई के पास बाइबिल है, मुस्लिम के पास कुरान है, लेकिन RSS के पास कोई ग्रंथ नहीं है, इस लिए उनके पास ज्ञान की कमी है। बता दें कि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख Mohanbhagwat ने जातिवाद को लेकर बड़ा बयान दिया था।
दरअसल मुंबई में संत रविदास जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में रविदास जी के जीवन परिचय को संबोधित करते हुए RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था, “सामाजिक उपेक्षाओं को देखते हुए उन्होंने (संत रविदास ने) सोचा की जो सत्य है वो मुझे ढूंढना चाहिए, जिसे शाश्वत सुख का निदान कहा जाता है क्या वैसा सच में है क्या? उन्होंने (संत रविदास ने) कहीं-सुनी बातों को नहीं माना और कहा कि वे सत्य की प्रत्यक्ष अनुभूति करेंगे, और उन्होंने वैसा ही किया। रामानंद जी के सानिध्य में उन्होंने यह ज्ञान प्राप्त किया की सत्य ही ईश्वर है, और उन्होंने (संत रविदास ने) ने कहा कि सत्य यह कहता है की मैं सब प्राणियों में हूँ, इसलिए रूप नाम कुछ भी हो लेकिन योग्यता एक है, मान सम्मान एक है, सबके बारे में अपनापन हैं। उन्होंने (संत रविदास ने) यह अनुभव किया की कोई भी ऊँचा नीचा नहीं है, शास्त्रों का आधार लेकर पंडित लोग जो कहते हैं, वह झूठ है, जातिगत श्रेष्ठता या ऊंच-नीच के भंवर में फंस गए है, हमें यह भ्रम दूर करना है।”
Mohanbhagwat ने कहा था कि, हमारे समाज के बंटवारे का ही फायदा दूसरों ने उठाया। इसी का फायदा उठाकर हमारे देश में आक्रमण हुए और बाहर से आये लोगों ने फायदा उठाया. देश में विवेक, चेतना सभी एक है। उसमें कोई अंतर नहीं, बस मत अलग-अलग हैं।
RSS ने सफाई में कहा मराठी में पंडित का अर्थ विद्वान
आंबेकर ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि सर संघ चालक ने रविवार को अपने वक्तव्य में पंडित शब्द का उपयोग विद्वान के लिए किया है। मुंबई में संत रविदास जयंती के मौके पर वे मराठी में बोल रहे थे। मराठी में पंडित शब्द का उपयोग विद्वान के लिए किया जाता है।
उन्होंने कहा कि Mohanbhagwat जी ने संतों की अनुभूति के आधार पर कहा कि सत्य यही है कि ईश्वर सब प्राणियों में है। रूप, नाम कुछ भी हो लेकिन योग्यता एक है। मान-सम्मान एक है और सब के बारे में अपनापन है। कोई भी ऊंचा नीचा नहीं है। शास्त्रों का आधार लेकर पंडित अर्थात विद्वान लोग जो जाति आधारित ऊंच-नीच की बात करते हैं वह झूठ है। उनका यही एग्जैक्ट स्टेटमेंट था, मुझे लगता है इसे उचित अर्थों में लिया जाए।
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने भी प्रतिक्रिया दी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने RSS प्रमुख Mohanbhagwat के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। भूपेश बघेल ने कहा है Mohanbhagwat कहते हैं कि पंडितों ने बनाया है… मोदी जी कहते हैं कि हिंदू कोई धर्म नहीं है। इस प्रकार की बात करने वाले लोग… बहुत लोगों ने FIR किया है। मेरे पिता के ऊपर भी FIR की गई थी, लेकिन अब क्या हो गया तथाकथित संगठन चुप क्यों है।
ब्राह्मणों के खिलाफ जब कोई बयान देता था तो जो संगठन खूब हो हल्ला करती थी वह चुप क्यों है? जाति जो शब्द है वह ज्ञाती से बना हुआ है तो जो जिस काम को लेकर ज्ञान रखते थे, उनसे उनकी जात का नाम पड़ा है। छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास ने जाति को तोड़ने के लिए बहुत काम किया लेकिन हो जाति फिर बन जाती है। तो यह कहना कि जाति पंडितों ने बनाई है यह गलत होगा।
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