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1964 में इस फिल्म में फ्रैंडशिप के मायने देख शोले के जय-वीरू की दोस्ती लगेगी फीकी, 60 साल पहले कम बजट में कमाए थे 2 करोड़, जीते थे 6 फिल्मफेयर

1964 में इस फिल्म में फ्रैंडशिप के मायने देख शोले के जय-वीरू की दोस्ती लगेगी फीकी, 60 साल पहले कम बजट में कमाए थे 2 करोड़, जीते थे 6 फिल्मफेयरHappy friendship day 2024 : दोस्ती की जब बात होती है तो शोले फिल्म के जय वीरू की कहानी फैंस के जुबां पर आती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस फिल्म से पहले एक मूवी ने अनोखी दोस्ती को पर्दे पर दिखाया था और दर्शकों का दिल जीत लिया था. 60 साल पहले आई फिल्म ने फ्रेंडशिप के मायने बदल कर रख दिए थे. इतना ही नहीं कम बजट में बनी इस फिल्म ने उस जमाने में 2 करोड़ का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन हासिल किए. जबकि 6 फिल्म फेयर अवॉर्ड भी अपने नाम किए. साल 1964 में आई यह फिल्म दोस्ती है. कहानी दो ऐसे दोस्तों पर बेस्ड थी, जो देख नहीं सकते. लेकिन एक दूसरे के लिए जान तक देने को तैयार हैं. हर कदम पर यही दिलासा देते हैं कि पग पग दीप जलाए मेरी दोस्ती मेरा प्यार. इन दोनों एक्टर्स की दोस्ती की ये जज्बाती कहानी इस कदर मशहूर होती है कि बरसों बरस तक उसकी मिसाल दी जाती है.फिल्म को डायरेक्ट किया था सत्येन बोस ने और लिखा था बान भट्ट और गोविंद मूनिस ने. जबकि पर्दे पर सुधीर कुमार, सुशील कुमार और संजय खान ने इस कहानी को अपनी एक्टिंग से बयां किया था. इसे 7 फिल्म फेयर अवॉर्ड, जिनमें 1965 की बेस्ट फिल्म, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर, बेस्ट लिरिसिस्ट, बेस्ट प्लेबैक सिंगर , बेस्ट स्टोरी और बेस्ट डायलॉग राइटर का अवॉर्ड शामिल है. इसके अलावा बेस्ट फिल्म फीचर इन हिंदी में नेशनल अवॉर्ड भी मिला था. इतना ही नहीं उस समय फिल्म की 90 प्रिंट्स रिलीज की गई, जो उस समय एक असाधारण संख्या थी. कम बजट में बनीं इस फिल्म ने बड़ा प्रॉफिट कमाया था और दूसरे वीकेंड पर अच्छी कमाई हासिल की थी और 2 करोड़ का कलेक्शन हासिल किया था. 

Happy friendship day 2024 : दोस्ती की जब बात होती है तो शोले फिल्म के जय वीरू की कहानी फैंस के जुबां पर आती है.
Bol CG Desk

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