19 साल से अपराध के कई मामले दर्ज, एक बार भी जिलाबदर नहीं

रायपुर। गुंडागर्दी के लिए कुख्यात हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र सिंह तोमर उर्फ रूबी और रोहित सिंह तोमर की शहर के नेताओं, प्रशासनिक-पुलिस अफसरों से साठगांठ थी। यही वजह है कि वर्ष 2006 से अब तक अलग-अलग तरह के आपराधिक कृत्यों में शामिल होने के बावजूद दोनों भाइयों पर एक बार भी जिलाबदर की कार्रवाई नहीं की गई।
हत्या, दुष्कर्म, अपहरण, ब्लैकमेलिंग से लेकर कर्जा एक्ट, आर्म्स एक्ट के अलग-अलग थानों में 20 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। इसके बावजूद दोनों हिस्ट्रीशीटरों को जिलाबदर नहीं किया गया, जबकि दूसरी ओर इससे कम प्रकरण वाले कई बदमाशों पर पुलिस जिलाबदर और सुरक्षा अधिनियमों के तहत कार्रवाई कर चुकी है। इससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि आरोपी वीरेंद्र राष्ट्रीय करणी सेना का प्रदेश अध्यक्ष भी है।
पीड़ितों-गवाहों को नहीं मिलता संरक्षण
दोनों आरोपियों और उसके परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ वर्ष 2019 में ब्लैकमेलिंग, धोखाधड़ी सहित कई अपराध दर्ज हुए थे। इन मामलों में किसी को अब तक सजा नहीं हुई। सूत्रों के मुताबिक पीड़ितों और इन मामलों से जुड़े गवाहों को पुलिस की ओर से किसी प्रकार का संरक्षण नहीं मिलता है।
ऐसे करते हैं वसूली
आरोपी जरूरतमंदों को पहले सामान्य ब्याज पर कर्ज देते हैं। कर्ज देते समय गारंटी के तौर पर कोरे स्टॉम्प पेपर में हस्ताक्षर करवा लेते हैं। ब्लैंक चेक और जमीन-जायदाद के दस्तावेज रख लेते हैं। मूल राशि चुका देने के बाद भी ब्याज वसूलते हैं। मना करने पर गुंडे भेजकर मारपीट और जान से मारने की धमकी देते हैं। मूल राशि से कई गुना अधिक राशि वसूलते हैं। अवैध वसूली के लिए कई गुंडे रखते हैं। वसूली का पूरा काम रोहित की निगरानी में होता है। वसूली के लिए कई कर्जदारों का अपहरण करते थे। इसके बाद उनकी बेदम पिटाई करते थे। आरोपियों ने कारोबारियों, किसानों और नौकरीपेशा लोगों को कर्ज देकर जमकर वसूली की है। हालांकि दोनों के भय के चलते कोई शिकायत करने आगे नहीं आता।
छापे की थी भनक
आरोपी वीरेंद्र सिंह ने कई संगठन बनाकर स्थानीय नेताओं से संबंध बनाए। शहर भर में नेताओं के साथ अपने पोस्टर लगवाता था। इन्हीं पोस्टरों को दिखाकर कई तरह के काम भी करवाता था। थानों में अपना प्रभाव जमाता था। सूत्रों के मुताबिक पुलिस जिस रात वीरेंद्र और रोहित के घर छापा मारने वाली थी, इसकी जानकारी दोनों को मिल गई थी। इस कारण पुलिस के पहुंचने से पहले दोनों भाई दो कार में बड़ी मात्रा में कर्ज और जमीन के दस्तावेज और नकदी लेकर भाग निकले थे। दोनों अब तक पुलिस की पकड़ में नहीं आए हैं। छापे की सूचना देने वाले भी पुलिस के निचले स्टाफ से जुड़े बताए जा रहे हैं।
तीन माह में 7 मामले दर्ज
मई से लेकर जुलाई तक आरोपी वीरेंद्र तोमर, रोहित तोमर और दोनों की पत्नी शुभ्रा व भावना तोमर के अलावा भतीजा दिव्यांश और अन्य उसके अन्य सहयोगियों के खिलाफ तेलीबांधा और पुरानीबस्ती थाने में 7 मामले दर्ज हुए हैं। इसमें ब्लैकमेलिंग, कर्जा एक्ट, वसूली, आर्म्स एक्ट के मामले शामिल हैं।
वर्ष आरोप
2006 आजादचौक इलाके में कारोबारी पर चाकू से हमला
2010 गुढ़ियारी इलाके में उगाही, गुंडागर्दी
2013 कोतवाली इलाके में युवक की हत्या
2015 अमलीडीह इलाके में महिला से अप्राकृतिक कृत्य
2017 भाठागांव इलाके में सूदखोरी, गुंडागर्दी, कर्जा एक्ट
2018 पुरानीबस्ती इलाके में सूदखोरी, धोखाधड़ी, कर्जा एक्ट
2019 कोतवाली इलाके में सूदखोरी, ब्लैकमेलिंग, गुंडागर्दी, आर्म्स एक्ट
2024 गुढ़ियारी इलाके में अपहरण, ब्लैकमेलिंग, गुंडागर्दी, मारपीट
2024 तेलीबांधा इलाके में गुंडागर्दी, मारपीट,
2025 तेलीबांधा में गुंडागर्दी, मारपीट,
2025 पुरानीबस्ती में ब्लैकमेलिंग, वसूली, गुंडागर्दी, कर्जा एक्ट आदि