रिटायरमेंट से छह दिन पहले आर्मी चीफ को 1 महीने का एक्सटेंशन, समझें पूरा मामला
रिटायरमेंट से छह दिन पहले आर्मी चीफ को 1 महीने का एक्सटेंशन, समझें पूरा मामलालोकसभा चुनावों के बीच सरकार ने सेना प्रमुख का कार्यकाल एक महीने के लिए बढ़ा दिया है. सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे 31 मई को रिटायर होने वाले थे. लेकिन अब सरकार के नए आदेश के मुताबिक जनरल पांडे 30 जून को रिटायर होंगे. जनरल एम एम नरवणे के सेवानिवृत्त होने के बाद जनरल पांडे ने 30 अप्रैल, 2022 को थल सेना के 29वें प्रमुख के रूप में पदभार संभाला था. रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने सेना नियम 1954 के नियम 16ए(4) के तहत, थल सेना प्रमुख जनरल मनोज सी पांडे को एक महीने का सेवा विस्तार दिया है, जो उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख (31 मई) से आगे 30 जून तक है.” जनरल पांडे दिसंबर 1982 में ‘कोर ऑफ इंजीनियर्स’ (द बॉम्बे सैपर्स) में शामिल हुए थे. वह अप्रैल 2022 में थल सेना की बागडोर संभालने से पहले ‘वाइस चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ’ के पद पर थे.कौन होगा अगला सेना प्रमुखसरकार के इस फैसले से नए चीफ पर सस्पेंस बढ़ा गया है. जनरल पांडे के एक महीने के कार्यकाल बढ़ाने से अगले चीफ के सलेक्शन प्लान पर असर पड़ने को लेकर कयास लगना शुरू हो गई है. मौजूदा सह सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, इस पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी 30 जून को रिटायर हो रहे है. इनके साथ ही सेना के दक्षिणी कमांड के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल ए के सिंह भी 30 जून को रिटायर होंगे. ऐसे में अटकल लग रही है कि 30 जून के बाद सेना की कमान कौन संभालेगा. दोनों ही सैन्य अधिकारी, लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी और लेफ्टिनेंट जनरल सिंह पाठ्यक्रम सहपाठी हैं.चुनाव के बाद हो सकता है ऐलानकयास यह भी लग है कि चुनावों के बाद सरकार नए चीफ के नाम का ऐलान कर सकती है. हालांकि नए नौसेना प्रमुख के नाम का ऐलान भी चुनावों के दौरान ही हुआ था. सेना में ज़्यादातर समय परंपरा रही है कि वरिष्ठ अधिकारी को ही चीफ बनाया जाता है. पर मौजूदा सरकार ने एकदफा आर्मी चीफ और नेवी चीफ में वरिष्ठता को दरकिनार कर जूनियर को चीफ बनाया था. इससे पहले भी इस परंपरा को एक-दो दफा तोड़ा गया था. जनरल पांडे से पहले 1971 में जनरल मानेकशॉ की सेवा को विस्तार किया गया था. (भाषा इनपुट के साथ)ये भी पढ़ें- घरों की छतें उड़ीं, खंभों के साथ पेड़ भी हुए धराशायी, 10 प्वाइंट्स में जानें कहां-कितनी मची तबाहीVideo : Rajkot Gaming Zone Fire: चार साल से बिना फायर क्लीयरेंस के चल रहा था गेम जोन