महिला डॉक्टर की पहचान हर जगह से हटाएं : कोलकाता रेप-मर्डर मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश
महिला डॉक्टर की पहचान हर जगह से हटाएं : कोलकाता रेप-मर्डर मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेशसुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कोलकाता के महिला डॉक्टर रेप और मर्डर मामले (Doctor Rape-Murder Case) में महिला डॉक्टर की पहचान को हर जगह से हटाने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि मेडिकल कॉलेज में रेप और हत्या की शिकार महिला डॉक्टर का नाम, फोटो और उसके वीडियो को सभी सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्लेटफार्म से हटाया जाए. इस मामले में पश्चिम बंगाल के दो वकीलों की ओर से अदालत में याचिका दायर की गई थी. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर करना उसकी गरिमा का उल्लंघन है और यह सुप्रीम कोर्ट के 2019 के फैसले का भी उल्लंघन है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 73 इस तरह की पहचान के खुलासे पर रोक लगाती है. रेप पीड़ित की पहचान का खुलासा नहीं हो सकता : SCसुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जिस तरह से मीडिया संस्थानों में रेप पीड़ित के नाम की पहचान का खुलासा हो रहा है, वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले में दी गई व्यवस्था के खिलाफ है. किसी भी तरह से रेप पीड़ित की पहचान का खुलासा नहीं हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने लगाई ममता सरकार को फटकार साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा और सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए नेशनल प्रोटोकॉल डेवलेप करने के लिए आज 14 सदस्यीय टास्कफोर्स का गठन किया. कार्यबल तीन सप्ताह में अंतरिम रिपोर्ट और दो महीने में अंतिम रिपोर्ट सौंपेगा. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को फटकार लगाई और कहा कि देश एक और बलात्कार की घटना का इंतजार नहीं कर सकता है. 9 अगस्त को अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला था शव कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर की वारदात को अंजाम दिया गया था. ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव असपताल के सेमिनार हॉल में मिला था. इस घटना को लेकर देशभर में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. कलकत्ता हाई कोर्ट के पिछले सप्ताह निर्देश के बाद सीबीआई ने इस घटना की जांच अपने हाथों में ले ली है.