NEET पर सुप्रीम सुनवाई LIVE: झज्जर में ग्रेस मार्क्स क्यों, बेलगावी-सीकर केंद्र पर भी उठे सवाल, जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या पूछा

NEET पर सुप्रीम सुनवाई LIVE: झज्जर में ग्रेस मार्क्स क्यों, बेलगावी-सीकर केंद्र पर भी उठे सवाल, जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या पूछाNEET-UG Exam विवादों से घिरी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी 2024 (NEET-UG Exam) पर क्या आज सुप्रीम कोर्ट कोई बड़ा फैसला सुनाएगा? नीट-यूजी परीक्षा से संबंधित याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील नरेंद्र हुड्डा ने सुनवाई के दौरान कहा कि लीक कराना एक गिरोह का काम है, जो पहले भी ऐसे मामलों में काम कर चुका है. 4 मई को पहला बयान अनुराग यादव का दर्ज हुआ, उसके बाद नितेश कुमार का बयान दर्ज हुआ. दो और लोग अमित आनंद और सिकंदर प्रसाद ने बिहार पुलिस के सामने बयान दर्ज कराया है. इसके बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, “अमित आनंद मिडिलमैन है. वो 4 मई की रात को छात्रों को इकट्ठा कर रहा था. नितेश कुमार मौके पर मौजूद था, जहां पेपर सुबह मिला और छात्रों को आंसर याद कराया गया. इस पर सीजेआई डी. वाई चंद्रचूड़ ने कहा, “बयानों के आधार पर ये लगता है कि पेपर 5 मई से पहले लीक हुआ था, क्योंकि छात्रो को पेपर रटाया जा रहा था. यह परीक्षा पांच मई को आयोजित की गई थी.”4 में से एक छात्र को ऐसे अंक कैसे मिल सकते हैं?”एक अन्य याचिकाकर्ता के वकील संजय हेगड़े ने कहा, “4 में से एक छात्र को ऐसे अंक कैसे मिल सकते हैं?” हुड्डा ने कहा कि यह व्यवस्थागत विफलता है. गुजरात में फेल होने वाली एक लड़की बेलगावी जाती है और उसे NEET में 705 अंक मिलते हैं और CBSE का पाठ्यक्रम पूरी तरह से NEET से जुड़ा हुआ है. इस पर सीजेआई ने पूछा, “क्या आपने हमें बेलगावी के अन्य स्कोरर दिखाए.. हमें वह भी दिखाएं.” सॉलिसिटर जनरल ने इस पर कहा, “कोटा और सीकर शिक्षा केंद्र हैं, जहां छात्र होस्टलों में रहते हैं और पढ़ाई करते हैं.” हुड्डा ने कहा, “यहां दागी को बेदाग से अलग नहीं किया जा सकता, जो वीडियोग्राफी कर रहा है, वह भी निजी है. सवाई माधोपुर के मामले में… यह उनका अपना मामला है कि गलत प्रश्नपत्र वितरित किया गया. CJI ने याचिकाकर्ता से कहा, “यदि कोई खामियां हैं, तो हम उन्हें दूर करेंगे. मूल रूप से आपने हजारीबाग, पटना पर ध्यान केंद्रित किया है. बहादुरगढ़ में कुछ खामियां हैं. आपने सिस्टेमैटिक फेल्योर यानी प्रणालीगत विफलता कहां दिखाई है?फिर झज्जर में छात्रों को ग्रेस मार्क्स क्यों दिये सीजेआई ने पूछा, “झज्जर में छात्रों को ग्रेस मार्क्स क्यों दिए गए, ऐसा तो नहीं है कि बीच में सही पेपर दे दिया गया? इसके जवाब में सॉलिसिटर जनरल ने कहा, “झज्जर में छात्रों ने पूरा पेपर लिखा और कुछ केंद्रों में गलत पेपर भी वापस ले लिया गया था और SBI के पेपर दिए गए. कुछ सेंटरों में छात्रों ने कैनरा बैंक के आधार पर पूरी परीक्षा दी है.” सॉलिसिटर जनरल ने बताया, “झज्जर में 3 सेंटर थे. एक में कैनरा बैंक वाला पेपर दिया गया और छात्रों को कोई परेशानी नहीं हुई. बाकी दो में गलती का एहसास होने पर पेपर बीच परीक्षा से वापस ले लिया गया और नया पेपर दिया गया. इस प्रकार छात्रों ने कहा कि उन्हें पूरा समय नहीं मिला और यह सच था.” सीजेआई ने पूछा कि फिर ग्रेस मार्क्स क्यों दिया गया? सॉलिसिटर जनरल ने बताया, “यह तय किया गया कि CLAT का एक निर्णय था, जिसमें कहा गया था कि यदि छात्रों के पास कम समय है, तो ग्रेस मार्क्स दिए जाते हैं और फिर बाद में इसे रद्द कर दिया गया और फिर से परीक्षा आयोजित की गई.” सीजेआई ने पूछा, “ऐसे 1563 छात्र कहाँ से थे?” एसजी ने इस पर कहा, “जहां भी समय में गड़बड़ी हुई थी.कई परतें खुलीं, सुप्रीम कोर्ट ने पूछे कई सवालCJI ने कहा, “हमारे पास अभी तक कोई ऐसा सबूत नहीं है, जिससे य़ह पता चले कि नीट-यूजी पेपर लीक इतना व्यापक था कि पूरे देश में फैल गया. हमें यह देखना होगा कि क्या लीक स्थानीय स्तर पर है और यह भी देखना होगा कि पेपर सुबह 9 बजे लीक हुआ और 10:30 बजे तक हल हो गया. अगर हम इस पर विश्वास नहीं करते हैं, तो आपको हमें यह दिखाना होगा कि लीक हजारीबाग और पटना से भी आगे हुआ था. हमें बताएं कि यह कितना व्यापक है. सीबीआई की तीसरी रिपोर्ट से हमें पता चला है कि प्रिंटिंग प्रेस कहां स्थित थी. इस पर याचिकाकर्ता वकील हुड्डा ने कहा, “झज्जर के हरदयाल स्कूल की प्रिंसिपल का वीडियो है, जिसमें उन्होंने कहा है कि केनरा बैंक का पेपर दिया गया था. कोई देरी नहीं हुई थी. इस पर CJI ने कहा पूछा कि क्या सेंटर इंचार्ज को दोनों बैंकों से पेपर मिलते हैं? जवाब में सॉलिसिटर जनरल ने कहा, “किसी सिटी इंचार्ज को यह नहीं बताया जाता कि किस बैंक से पेपर लेना है.” फिर CJI पूछा, “क्या बैंकों को इस बारे में जानकारी नहीं है. जब SBI को पेपर बांटने थे, तो झज्जर इंचार्ज केनरा बैंक कैसे गए और पेपर कैसे लाए? तो क्या कैंडिडेट ने पूरी परीक्षा केनरा बैंक के पेपर में लिखी. हुड्डा ने बताया, “3,000 से ज़्यादा छात्रों को केनरा बैंक के पेपर मिले. पूरे भारत में ऐसा 8 सेंटर पर हुआ है.” सॉलिसिटर जनरल ने इस पर कहा कि दोनों पेपरों का स्तर एक जैसा रखा गया है. सीजेआई ने पूछा- इन 8 केंद्रों में कितने छात्र थे. हुड्डा ने इसके जवाब में कहा लगभग 3,700 छात्र.