दिल्ली NCR में हर दूसरा परिवार बीमारी की दवा क्यों खरीद रहा? सर्वे में खुलासा
दिल्ली NCR में हर दूसरा परिवार बीमारी की दवा क्यों खरीद रहा? सर्वे में खुलासाDelhi NCR Air Pollution: दिल्ली NCR में हर दूसरा परिवार प्रदूषण से बीमारी की दवा ख़रीद रहा है. 20 दिन में दिल्ली NCR के हर तीसरे व्यक्ति ने कफ़ सिरप ख़रीदा है. दिल्ली NCR में बढ़ते प्रदूषण के चलते हर तीसरे व्यक्ति को कफ़ सिरप ख़रीदना पड़ रहा है. यही नहीं 13 फ़ीसदी व्यक्तियों ने इन्हेलर या न्यूबोलाइजर की ख़रीदारी की है.यह जानकारी एक सर्वे रिपोर्ट में सामने आई है.देश की मानी जानी संस्था लोकल सर्कल ने दिल्ली NCR में 21 हज़ार परिवारों का सर्वे किया. इसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. मसलन दिल्ली NCR में 81 फ़ीसदी परिवारों में से कोई एक या एक से ज़्यादा सदस्य को प्रदूषण की वजह से स्वास्थ्य संबंधी परेशानी है. इसके साथ ही दिल्ली NCR में 10 में से 4 परिवार का कोई एक सदस्य बीते दिनों डॉक्टर से मिलने या अस्पताल इलाज कराने गए हैं. हार्ट स्ट्रोक और अटैक के मामले बढ़े दिल्ली में सर्दियों के आते ही प्रदूषण की समस्या आम हो जाती है. पिछले कुछ दिनों से खासकर दीपावली के बाद से यहां पर लोगों को सांस लेने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. प्रदूषण के कारण दिल्ली के लोगों की जिंदगी बहुत बुरे हाल में बीत रही है. अगर कहीं, ट्रैफिक में रुक जाओ, तो वहां सांस नहीं ली जाती है. अस्थमा और अन्य स्वास्थ्य बीमारी से जूझ रहे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अब कहा जा रहा है कि प्रदूषण के कारण हार्ट स्ट्रोक और हार्ट अटैक से लोगों की मौत हो रही है.बेहद खराब हो गई हवाबता दें कि राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ा हुआ है. केंद्रीय प्रदूषण एवं नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार दिल्ली में मंगलवार सुबह 7:30 बजे तक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 355 दर्ज किया गया था, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है. राजधानी दिल्ली की 5 इलाकों में एक्यूआई लेवल 400 से ऊपर बना हुआ रहा, जिसमें आनंद विहार में 404, जहांगीरपुरी में 418, मुंडका में 406, रोहिणी में 415, और वजीरपुर में 424 एक्यूआई दर्ज किया गया. वहीं, दिल्ली के अन्य अधिकांश इलाकों में एक्यूआई स्तर 300 और 400 के बीच रहा. इससे एक दिन पहले सोमवार को दिल्ली में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 347 दर्ज किया गया था.