चीन को ताना, मंगल तक है जाना… अमेरिका का राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप के 30 मिनट के भाषण का मर्म समझिए
चीन को ताना, मंगल तक है जाना… अमेरिका का राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप के 30 मिनट के भाषण का मर्म समझिए ट्रंप सपनों के सौदागर हैं. वह शब्दों के भी अच्छे बाजीगर हैं. शब्दों की चाशनी में सपनों को कैसे लपेटा और फिर परोसा जाता है, वह अच्छे से समझते हैं. अमेरिका की कुर्सी संभालते ही ठीक 30 मिनट के अपने पहले भाषण में ट्रंप ने अमेरिकियों से किए गए उन सपनों, वादों, इरादों को पूरा करने की ललकार भरी, जिसके जरिए वह अमेरिकी राष्ट्रपति की कुर्सी तक पहुंचे हैं. वह अमेरिका को स्वर्णकाल में ले जाने की सपने दिखाते रहे हैं. शपथ लेने के ठीक बाद उनके पहले शब्द भी यही थे- अमेरिका का स्वर्ण काल शुरू हो चुका है. आखिर ट्रंप 2.0 कैसा होगा? दुनिया इस पर नजरें गढ़ाए बैठी है. दुनिया में वर्ल्ड ऑर्डर कितना बदल जाएगा? चीन और रूस से गलबहियां करने को बेताब दिख रहे ट्रंप के मन में आखिर चल क्या रहा है? क्योंकि कभी वह चीन को पुचकारते दिखते हैं, तो कभी दुत्कारते. ट्रंप के लिए कहा जाए कि वह बोलते ज्यादा हैं और फिर पलटते भी ज्यादा हैं, तो गलत नहीं है. लेकिन फिर भी बतौर राष्ट्रपति उनका पहला भाषण मायने रखता है, इससे कई संदेश निकलते हैं.अमेरिका फर्स्ट और स्वर्णकालMAGA यानी चलिए अमेरिका का एक बार फिर महान बनाते हैं. यह लाइन चुनाव में ट्रंप का ‘ट्रंप कार्ड’ थी. राष्ट्रवाद का जो तगड़ा डोज ट्रंप ने दिया था, शपथ के बाद के भाषण में इसकी प्रतिध्वनि सुनाई दी. डोनाल्ड ट्रंप ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि अमेरिका का ‘‘स्वर्ण युग” अभी से शुरू होता है. 20 जनवरी के दिन को ‘लिबरेशन डे’ बताया. कहा अमेरिका के अच्छे दिनों की शुरुआत होगी और बदलाव ‘‘बहुत जल्दी” आएगा. अमेरिका पृथ्वी पर सबसे महान, सबसे शक्तिशाली, सबसे सम्मानित राष्ट्र के रूप में पुनर्स्थापित होगा. ट्रंप ने बताया कि अब अमेरिका फर्स्ट की बारी है. अमेरिका की संप्रभुता और सुरक्षा वापस लौटेगी. अमेरिका जल्द ही महान और ताकतवर मुल्क बनकर उभरेगा. भगवान ने मेरी जिंदगी किसी एक मकसद से बख्शी है. मुझे भगवान ने अमेरिका को एक बार फिर महान बनाने के लिए बचाया है. उनके भाषण में अमेरिका फर्स्ट की लाइन कई इशारे दे गई. यानी ट्रंप काल में अमेरिका वह हर कदम बढ़ाने जा रहा है, जहां उसे मुनाफा दिखाई देगा. अपनी सीमाओं का विस्तार दिखाई देगा. सीमा का यह विस्तार वर्चुअल भी होगा और जमीनी भी. चीन खुश न हो: पनामा पर जमकर सुनायाचीनी राष्ट्रपति शी जिनफिंग के लिए ट्रंप की शपथ में न जाने का फैसला अच्छा ही रहा. चीन वह अकेला नाम था जो ट्रंप ने अपने भाषण में थोड़ी तल्खी के साथ लिया. पनामा नहर तक उसके विस्तारवाद पर ट्रंप ने चोट की. शब्द संभले हुए जरूर थे, लेकिन तीखापन काफी था. ट्रंप ने सोमवार को पनामा नहर को वापस लेने के लिए फिर हुंकार भरी. उन्होंने अमेरिकियों से वादा किया कि उनकी सरकार पानामा नहर को वापस लेकर रहेगी. ट्र्ंप ने आरोप लगाया कि चीन ने इस जलमार्ग पर नियंत्रण हासिल कर लिया है. ट्रंप ने अपने भाषण में कहा, ‘हमने इसे चीन को नहीं दिया है. हमने इसे पनामा को दिया था और हम इसे वापस ले रहे हैं.’ ट्रंप ने कहा की पनामा नहर के बनाने में अमेरिका ने कई जानें गंवाई है. अरबों खर्चें हैं. तो जाहिर तौर पर चीन के लिए ट्रंप के पहले भाषण में यह झटका है. विस्तारवादः कदम पनामा-ग्रीनलैंड तक बढ़ेंगेक्या विस्तारवाद के जिस रास्ते पर चीन और रूस चल पड़े हैं, ट्रंप युग में अमेरिका भी उस ओर कदम बढ़ाने जा रहा है.दूसरे कार्यकाल के ट्रंप के पहले भाषण में तीन ऐसी बातें थीं, जो इशारा है कि अमेरिका का नया ट्रंप काल अलहदा होगा. ट्रंप के इस भाषण में चीन को ललकारते हुए पनामा नहर को वापस लेने की हुंकार के साथ मैक्सिको की खाड़ी का नाम बदलकर उसे अमेरिका की खाड़ी की पहचान देने का ऐलान था. यह माइंडगेम है. जैसे की हमने ऊपर बताया है अमेरिका के गर्व को पुनर्स्थापित करने की ट्रंप की ललक है. मंगल को भी मुट्ठी में करेंगे धरती छोड़िए, ट्रंप ने शपथ लेते ही मंगल तक को नाप लेने की बात कही. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने सोमवार को अमेरिकियों से वादा किया कि सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को दुनिया फिर से एक बढ़ते हुए राष्ट्र के रूप में देखेगी, जो अपना क्षेत्र का विस्तार करेगा. हम मंगल ग्रह पर अपना झंडा लहराएंगे. ट्रंप ने कहा हम सितारों की ओर बढ़ेंगे. अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री मंगल पर सितारे और स्ट्रिप्स लगाएंगे. ट्रंप जब यह बोल रहे थे तो सामने खड़े मस्क का रिएक्शन देखने लायक था. वह मुट्ठी भींच रहे थे. खुशी से डोल रहे थे. जाहिर हो मस्क का मिशन उनके जिगरी यार का सपना है. अमेरिकियों जान लो, जेंडर नंबर दोअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अपनी शपथ ग्रहण भाषण में कहा कि उनकी सरकार पुरुष और स्त्री, केवल दो जेंडर को ही मान्यता देगी. कुछ स्थानों पर तीसरे लिंग के विकल्प को खत्म किया जाएगा. ट्रंप ने कहा कि मैं सरकार की उस नीति को भी खत्म करूंगा जो जाति और लिंग को सार्वजनिक और निजी जीवन के हर पहलू में सामाजिक रूप से इंजीनियर करने की कोशिश करती है. आज से, यह संयुक्त राज्य सरकार की आधिकारिक नीति होगी कि केवल दो लिंग हैं, पुरुष और महिला. अवैध प्रवासी बर्दाश्त नहींट्रंप की प्रेसिडेंशल डिबेट सभी को याद होगी. ट्रंप ने कह दिया था कि अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासी अमेरिका में कुत्ते बिल्ली खा रहे हैं. अवैध प्रवासियों के लिए ट्रंप ने दक्षिण में मैक्सिको बॉर्डर पर सेना भेजने का ऐलान कर दिया है. अवैध प्रवासियों के लिए फिर दीवार खड़ी होगी. बाइडन ने ऐप के जरिए जो एंट्री का रास्ता खोला था, वह ट्रंप ने बंद करने का ऐलान कर दिया है.ये भी पढ़ें-सामने बैठे थे बाइडन और ट्रंप चला रहे थे दिल पर छुरियां, जानिए क्या-क्या सुना गएशपथ से पहले मेलानिया संग व्हाइट पहुंचने पर कार से उतरते ही ट्रंप से क्या बोले बाइडन? 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