स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंध के अवसर पर मंत्री केदार कश्यप का शुभकामना संदेश
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राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप सबसे पहले करेंगे ये काम, अमेरिका में प्रवासी भारतीयों का पढ़ना-बसना हो सकता है मुश्किल

स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंध के अवसर पर मंत्री केदार कश्यप का शुभकामना संदेश

राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप सबसे पहले करेंगे ये काम, अमेरिका में प्रवासी भारतीयों का पढ़ना-बसना हो सकता है मुश्किलअमेरिका में एक बार फिर से ट्रंप का टाइम लौट रहा है. भारी वोटों से चुनाव जीतने के बाद डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ के बाद काम संभालेंगे. अपने कैंपेन में उन्होंने ‘अमेरिका फर्स्ट’ को तवज्जो देते हुए इमिग्रेशन (Immigration) को कम करने का वादा किया था. उनका यह चुनावी वादा अप्रवासियों और खासकर भारतीय-अमेरिकियों के लिए बड़ी चिंता की वजह बन गया है. ट्रंप ने अगर ऐसा कोई कदम उठाया, तो अप्रवासियों और उनके बच्चों के स्वाभाविक रूप से अमेरिकी नागरिक (US Citizenship) बनने के रास्ते में दिक्कत लाएगा.अमेरिका में अगर किसी अप्रवासी के बच्चे का जन्म होता है, तो उसे अपने आप वहां की नागरिकता मिल जाती है. इसे नैचुरलाइज्ड सिटीजनशिप कहते हैं. ऐसे व्यक्ति के पास दो ऑप्शन होते हैं. पहला- वो अमेरिका की नागरिकता ही बरकरार रखे. दूसरा- वह अपनी जिंदगी में किसी भी समय अपने देश के नागरिक बनने का विकल्प चुन सकता है.1 मिलियन का आंकड़ा पार हुआ ग्रीन कार्ड का बैकलॉगएक अनुमान के मुताबिक, भारत से रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड बैकलॉग 2023 की पहली तिमाही में 1 मिलियन का आंकड़ा पार कर गया था. ग्रीन कार्ड (अमेरिकी नागरिकता) के लिए वेटिंग का औसत समय 50 साल से ज्यादा है. इससे पता चलता है कि आधे मिलियन से ज्यादा इमिग्रेंट्स जो पढ़ाई या काम के लिए अमेरिका गए हैं, नागरिकता मिलने से पहले ही उनकी मौत हो जाएगी. इसका मतलब यह भी है कि अपनी नागरिकता का इंतजार कर रहे करीब सवा लाख बच्चे 21 साल की कानूनी उम्र को भी पार कर जाएंगे. इसके बाद अगर वे स्टूडेंट वीजा जैसे ऑल्टरनेटिव वीजा के बैगर वहां रहते हैं, तो वे अवैध अप्रवासी बन जाएंगे.बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी को 50 राज्यों की 538 सीटों में से 295 सीटें मिली हैं. डेमोक्रेटिक पार्टी की कैंडिडेट कमला हैरिस कड़ी टक्कर देने के बावजूद अब तक 226 सीटें ही जीत पाईं.

अमेरिका के राष्‍ट्रपति चुनाव में डोनाल्‍ड ट्रंप (Donald Trump) की जीत ने प्रवासी भारतीयों और छात्रों की चिंता को बढ़ा दिया है. ट्रंप अगर चुनावी वादों पर आगे बढ़ते हैं, तो इससे प्रवासी भारतीयों और छात्रों को तीन बड़ी दिक्‍कत हो सकती है.
Bol CG Desk

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