लॉरेंस बिश्नोई को 5 बार गिरफ्तार करने वाले इंस्पेक्टर ने खोले उसके बचपन से डॉन बनने के राज
लॉरेंस बिश्नोई को 5 बार गिरफ्तार करने वाले इंस्पेक्टर ने खोले उसके बचपन से डॉन बनने के राज लॉरेंस का बढ़ने लगा रुतबापूर्व इंस्पेक्टर अमनजोत सिंह ने बताया कि लॉरेंस तब नया-नया गांव से आया था. जो भी चंडीगढ़ में आता है, उसको लगता है कि मैं अच्छा दिखाई दूं. तब इसको ब्रांडेड कपड़े पहनने का शौक नहीं था, लेकिन जब ये 5वीं 6वी बार अरेस्ट हुआ तो थोड़ा थोड़ा इसके कपड़ों में चेंज आना शुरू हो गया था.ल़ॉरेंस के डॉन बनने की कहानी ये है कि ये जब बार-बार जेल जाता रहा तो जेल में कुछ ऐसे कैदी थे, जिन्होंने बहुत बड़े बड़े क्राइम कर रखे थे. उनको लगा कि इस लड़के में कुछ बात है. कारण ये जल्दी-जल्दी 5-6 बार जेल पहुंच चुका था तो उन्होंने इसको यूज करना शुरू कर दिया. इसको अपनी शरण में ले लिया. कारण उनको पता था कि लॉरेंस की बेल हो जानी है. वो छोटे क्राइम में आता था तो जेल में बंद अपराधी इसको छोटे काम देने लग गए. इससे इसका रुतबा बाहर बढ़ने लगा.बाबा सिद्दीकी से संजय दत्त का क्या था रिश्ता? जानिए कैसे आए राजनीति में और अब तक के बड़े अपडेटगुरु रॉकी फाजिल्का से ऐसे मिलालॉरेंस जब जेल में गया तो इसकी जेल में रंजीत सिंह डुपला से मुलाकात हुई. रंजीत उस समय जसविंदर सिंह रॉकी का काफी क्लोज था तो रंजीत ने जेल में ही इसको रॉकी से मिलवा दिया. रॉकी पहले ही मुख्तार अंसारी ग्रुप के साथ जुड़ा हुआ था और एक बहुत ही नामी गैंगस्टर होता था.राजिंदर सिंह डिंपी के मर्डर में रॉकी उस समय जेल में बंद था. रॉकी ने लॉरेंस को अपनी शरण में ले लिया. रॉकी फिरोजपुर के फाजिल्का का रहने वाला था और ये अबोहर का रहने वाला था. दोनों का गांव आसपास होने के कारण इनका थोड़ा प्यार बढ़ गया और फिर उसकी शरण में आने के बाद लॉरेंस की काफी ग्रूमिंग हुई और फिर ये क्राइम की दुनिया में आगे बढ़ता रहा. रॉकी को ही रॉकी फाजिल्का कहा जाता था. लॉरेंस उसे अपराध की दुनिया में अपना गुरु बना चुका था.पप्पू यादव के पीछे क्यों पड़ गया लॉरेंस बिश्नोई, जानें ‘दो टके’ से शुरू हुई पूरी कहानीरॉकी फाजिल्का का गुरु कौन था?रॉकी फाजिल्का बहुत पुराना गैंगस्टर था. चंडीगढ़ में ही GCM कॉलेज में पढ़ता था. उसकी डिंपी नाम के गैंगस्टर से मुलाकात हुई थी. जैसे लॉरेंस रॉकी की शरण में आकर बड़ा हुआ. वैसे ही रॉकी डिंपी की शरण में आकर बड़ा हुआ. फिर इन्होंने नंदकिशोर रुंगटा और निर्मल कुमार जयपुरिया की बड़ी किडनैपिंग की. इनकी किडनैपिंग करने के बाद ये अरेस्ट हुए.ये चंडीगढ़ की बुडैल जेल में रहा, तो ये इसलिए रहा कि इसने अपने ही साथी डिंपी को कुछ विवाद होने के कारण मार दिया था. 2007 से ये अंदर था. इसी बीच लॉरेंस अंदर गया और इसकी शरण में आने के बाद आगे बढ़ता गया.गोल्डी से ऐसे मिला लॉरेंसविक्की मिद्दुखेड़ा अपराधी नहीं था, वो स्टूडेंट लीडर था. झगड़ों के कारण जेल चला गया था. कोई उसका ऐसा क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं था. वो जब SOPU पार्टी का प्रेसिडेंट था तो उसकी शरण में लॉरेंस आया. गोल्डी बराड़ से लॉरेंस का कोई ऐसा लेना देना नहीं था. वो पंजाब यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट था. ये सारे इकठ्ठे थे. गुरुलाल गोल्डी का कजिन लगता था,तो जब गुरलाल का मर्डर हुआ तब गोल्डी उसका बदला लेने के लिए पिक्चर में आया.लॉरेंस को गोल्डी पहले से जानता था और फिर दोनों मिल गए.इस तरह के बहुत नाम हैं जो स्टूडेंट पॉलिटिक्स से गैंगस्टर बने. इनमें विक्की गोंडर, सुक्खा कालवा, भीमा लहारिया आदि स्टूडेंट पॉलिटिक्स का शिकार होकर गलत रास्ते पर चले गए और फिर वापस नहीं लौटे.पप्पू यादव और रंजीत की लव स्टोरी से लेकर अलग होने की कहानी में लॉरेंस बिश्नोई क्यों आया? सिद्धू मूसेवाला का मर्डर क्योंविक्की मिद्दुखेड़ा के मर्डर में लॉरेंस को लगने लगा कि इस मर्डर के पीछे सिद्धू का हाथ है. विक्की लॉरेंस का खास था. अब लॉरेंस पर दबाव था कि वो बदला ले और आखिरकार उसने ले लिया. लॉरेंस कई राज्यों की जेलों में जा चुका है. 8-9 सालों से जेल में ही है. जेल टू जेल ट्रांसफर हो रहा है. हर जेल में रहने के कारण अब इसका नेटवर्क इतना स्ट्रांग हो गया है कि हर शहर में उसका बंदा है.आखिरी बार लॉरेंस से मुलाकात सिद्धू मुसेवाला मर्डर के बाद इंटेरोगेशन के दौरान हुई थी.