राज्य सरकार ने 22 अफसरों को एक साथ किया सस्पेंड, राज्य गठन के बाद सबसे बड़ा निलंबन

रायपुर। शराब घोटाले में चालान प्रस्तुत होने के बाद राज्य सरकार ने 22 अधिकारियों को एक साथ निलंबित कर दिया है। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2174 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में राज्य सरकार ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए एक साथ 22 वाणिज्य कर एवं आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। आबकारी विभाग द्वारा सोमवार, 7 जुलाई को यह सख्त आदेश जारी किया गया।
यह कदम उस समय उठाया गया जब आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने इसी दिन 29 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ विशेष न्यायालय में करीब 2300 पन्नों का विस्तृत चालान पेश किया। कोर्ट ने इस चालान को स्वीकार कर लिया है, जिससे जांच की दिशा और भी गंभीर हो गई है।
सूत्रों के अनुसार, इस घोटाले में सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से शराब कारोबार में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां की गई थीं। भारी भरकम कमीशन, फर्जी बिलिंग और बेनामी लेन-देन के जरिए राज्य को हजारों करोड़ का नुकसान पहुंचाया गया।
आबकारी विभाग के ये आरोपी अधिकारी हुए सस्पेंड,
- जनार्दन कौरव, सहायक जिला आबकारी अधिकारी
- अनिमेष नेताम, उपायुक्त आबकारी
- विजय सेन शर्मा, उपायुक्त आबकारी
- अरविंद कुमार पाटले, उपायुक्त आबकारी
- प्रमोद कुमार नेताम, सहायक आयुक्त आबकारी
- रामकृष्ण मिश्रा, सहायक आयुक्त आबकारी
- विकास कुमार गोस्वामी, सहायक आयुक्त आबकारी
- इकबाल खान, सहायक जिला आबकारी अधिकारी
- नितिन खंडुजा, सहायक जिला आबकारी अधिकारी
- नवीन प्रताप सिंग तोमर, सहायक आयुक्त आबकारी
- मंजुश्री कसेर, सहायक आबकारी अधिकारी
- सौरभ बख्शी, सहायक आयुक्त आबकारी
- दिनकर वासनिक, सहायक आयुक्त आबकारी
- मोहित कुमार जायसवाल, अधिकारी जिला आबकारी
- नीतू नोतानी ठाकुर, उपायुक्त आबकारी
- गरीबपाल सिंह दर्दी, जिला आबकारी अधिकारी
- नोहर सिंह ठाकुर, उपायुक्त आबकारी
- सोनल नेताम, सहायक आयुक्त, आबकारी
- प्रकाश पाल, सहायक आयुक्त आबकारी
- अलेख राम सिदार, सहायक आयुक्त आबकारी
- आशीष कोसम, सहायक आयुक्त आबकारी
- राजेश जायसवाल, सहायक आयुक्त आबकारी