गाँव में खुदाई से मिले मुगलकालीन चांदी के sikke लाए गए घासीदास संग्रहालय, पुरातत्व विभाग ने कही यह बात
![खुदाई से प्राप्त हुए चांदी के sikke](https://bolchhattisgarh.in/wp-content/uploads/2023/02/5ac4e6e2-39e1-45a3-acb9-b51cf2f2016d.jpeg)
बोल छत्तीसगढ़। राजनांदगांव जिले के नवागांव में नल-जल योजना के तहत पाइपलाइन बिछाने के दौरान खुदाई में कई मुगलकालीन चांदी के sikke मिले थे। बता दे कि कुल 65 सिक्कों को संरक्षण के लिए रायपुर के महंत घासीदास संग्रहालय लाया गया है। ये सिक्के एक मटके में रखे गए थे। पुरातत्व विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक ये सिक्के 16वीं-17वीं शताब्दी के हैं।
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गौरतलब है कि तकरीबन 15 दिन पहले राजनांदगांव के ग्राम बाजार-नवागांव में नल जल योजना के तहत पाइपलाइन बिछाने का कार्य जारी था। इस बीच चल रही खुदाई के दौरान 65 मुगलकालीन चांदी के sikke मिले थे। ये 1700 से 1800 ई. के मुगलकालीन शासक अहमद शाह बहादुर काल के बताए जा रहे हैं। फिलहाल इन्हें महंत घासीदास संग्रहालय में ला लिया गया है।
पुरातत्व विभाग ने क्या कहा
पुरातत्व विभाग के संचालक विवेक आचार्य के निर्देशन में उप संचालक एवं महंत घासीदास संग्रहालय के अध्यक्ष डा. प्रतापचंद्र पारख ने बताया कि पिछले दिनों मिले इन सिक्कों की जानकारी प्राप्त हुई थी। इसके बाद विभाग के विशेषज्ञों की टीम नवागांव पहुंची थी। दरअसल खुदाई के बाद मिले सिक्कों को ग्रामीणों ने गाँव के सरपंच की मदद से थाने में जमा करवा दिया था। अब इन सिक्कों को यहां ला लिया गया है।
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उन्होंने बताया कि खुदाई के दौरान सिक्कों के साथ बाघ के नख के आकार की तीन अंगूठी और मिश्रित धातु के दो कड़े भी मिले हैं। चांदी के सिक्कों को देखने से प्रतीत होता है कि मुगलकालीन शासक अहमद शाह बहादुर के काल के हैं, जो कटक टकसाल में बने होंगे। सिक्कों पर अरबी, फारसी में शब्द अंकित हैं।
पहले भी मिल चुके है सिक्के
दरअसल, डोंगरगांव ब्लाक के ग्राम बरगांव चारभाठा में मुगल शासकों का उप कोषालय हुआ करता था। वहां उनकी जमींदारी भी थी। इसी से लगा खुज्जी गांव मुगलों की नागपुर रियासत की छावनी भी थी। यही कारण है कि आसपास के गांवों में पहले भी चांदी के सिक्के व अन्य जेवरात वगैरह मिलते रहे हैं।
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वर्ष 2010 में भी आसपास के गांव में इसी तरह के सिक्के मिले थे। मटकानुमा पात्र में चांदी के 65 sikke, दो अईंठी (हाथ में पहनने का कड़ा) व तीन अन्य आभूषण शामिल हैं। इसमें की लिखावट मुगलकालीन अरबी भाषा में लिखा होना बताया गया है। खुदाई मे मिले सिक्के व आभूषण को जब्त कर लिया गया था। जिसके बाद थाना प्रभारी भरत ने प्रमाणिकता कराने की बात कही थी।
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सिक्के मुगल शासक अहमद शाह के जमाने के
संस्कृति विभाग के डिप्टी डायरेक्टर प्रताप चंद पारख ने बताया कि ये सिक्के मुगल शासक अहमद शाह के जमाने के हैं। सन 1748 से 1754 के बीच के जान पड़ते हैं। अहमद शाह का राज पाठ का प्रभाव कंधार की ओर अधिक था। डोंगरगांव महाराष्ट्र से लगा इलाका है। तब के जमाने में इस इलाके से राजस्व की वसूली होती थी।
हो सकता है कि तब इन सिक्कों को दबाया छुपाया गया हो। डोंगरगांव में उस जमाने में लुटेरे भी रहा करते थे। इसकी भी संभावना है लुटेरों ने सुरक्षित रखने के लिए इन सिक्कों को गाड़ा होगा। जो अब खुदाई में मिले हैं। विभाग को उम्मीद है कि इलाके में और भी इस तरह कि sikke और पुरानी चीजें मिलेंगी।
sikke आखिर कहाँ से मिले
डोंगरगांव ब्लॉक के बड़गांव चारभाठा में नल जल योजना अंतर्गत खुदाई का कार्य चल रहा था इसी कार्य में लगे मजदूरों को अचानक एक मिट्टी का मटका मिला। मटके के अंदर प्राचीन sikke और आभूषण मिले। जब जांच की गई तो इसमे 65 सिक्के और कुछ आभूषण मिले। आभूषण मिलने के बाद उस आभूषण को देखने लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा जिसके बाद मजदूरों और ग्रामीणों ने इस आभूषण की सूचना थाने में दी।
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पुलिस ने इन सिक्कों को अपने कब्जे में लिया और जिला प्रशासन और पुरातत्व विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना दी । इस क्षेत्र में चांदी और अन्य आभूषण के साथ 65 sikke मिलने के बाद पुरातत्व विभाग को और भी संभावनाएं नजर आ रही हैं और इन क्षेत्रों में पुरातत्व विभाग की नजर है क्षेत्र में और भी खोज किए जा सकते हैं।
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