स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंध के अवसर पर मंत्री केदार कश्यप का शुभकामना संदेश
Quick Feed

रिन्यूएबल एनर्जी में आगे जाने के लिए जर्मन इंजीनियरिंग और फाइनेंशियल को-ऑपरेशन बढ़ाना जरूरी

स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंध के अवसर पर मंत्री केदार कश्यप का शुभकामना संदेश

रिन्यूएबल एनर्जी में आगे जाने के लिए जर्मन इंजीनियरिंग और फाइनेंशियल को-ऑपरेशन बढ़ाना जरूरीइंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ ऑटोमेशन (ISA) में GSDP कंवर्सेशन के शुक्रवार के सेशन में विकासशील देशों, खासकर भारत में विकास को बढ़ावा देने के लिए इनोवेशन और फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स की जरूरत पर जोर दिया गया. लागत को कम करने और नई टेक्नोलॉजी को प्रमोट करने के लिए जर्मन इंजीनियरिंग और फाइनेंशियल को-ऑपरेशन को बढ़ाने पर चर्चा हुई. इस चर्चा के विषय में नेटवर्किंग, सस्टेनेबिलिटी इंवेस्टमेंट और प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी की भूमिका की अहमियत भी समझाई गई. इवेंट में कहा गया कि सस्टेनेबिलिटी इंवेस्टमेंट के लिए टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल, रिन्यूएबल एनर्जी सॉल्यूशन, डेटा एक्सेस और एनर्जी पॉलिसी की चुनौतियों का समाधान निकालना होगा. साथ ही हाइब्रिड एनर्जी सॉल्यूशन, बिजनेस मॉडल और ग्लोबल एनर्जी स्ट्रैटजी पर रिन्यूएबल एनर्जी एक्सपेंशन के प्रभाव की जरूरत पर जोर दिया गया.GSDP कंवर्सेशन के रिन्यूएबल एनर्जी रिवॉल्यूशन पैनल में शुभांगी किचलू, डॉ. अजय माथुर, दिनेश दयानंद जगदले, उवी गहलेन और डॉ. अजय माथुर शामिल रहे.रिन्यूएबल एनर्जी का करना होगा निवेश- अजय माथुर अजय माथुर ने कहा, “रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स में निवेश को बढ़ाना होगा. साथ ही यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी परियोजनाओं को वह निवेश मिले, जिनकी उन्हें जरूरत है. ऐसे क्षेत्र हैं, जहां मैं जर्मनी और भारत के बीच कहीं अधिक बड़ा सहयोग देखना चाहूंगा.”सस्टेनेबिलिटी रिपोर्टिंग अनिवार्य-शुभांगी किचलूशुभांगी किचलू ने कहा, “बेशक भारत के पास BRSR है, जो मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर टॉप 1000 कंपनियों को सस्टेनेबिलिटी रिपोर्टिंग करने के लिए बाध्य करता है. यूरोप में हमारे पास CSRD है, जिसमें सस्टेनेबिलिटी रिपोर्टिंग अनिवार्य है. लेकिन यह सिर्फ अनुपालन प्रणाली नहीं है. इन कंपनियों के लिए उस सस्टेनेबिलिटी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा वास्तव में सोलर एनर्जी पर निवेश करना है.”संभावित वित्तीय संसाधनों को बढ़ाने की जरूरत- उवे गेहलेनउवे गेहलेन ने कहा, “जब आप संभावित वित्तीय संसाधनों को देखते हैं, तो आपको यह ध्यान में रखना होगा कि जिस देश के मुद्दों को आप संबोधित कर रहे हैं, उसकी स्थिति क्या है. क्योंकि यह इस बात से संबंधित है कि वे कैसे व्यवस्थित हैं.”हमारा जोर रिन्यूएबल एनर्जी पर- दिनेश दयानंद जगदलेदिनेश दयानंद जगदले ने कहा, “पिछले 10 वर्षों में भारत ने क्या हासिल किया है और 2030 तक, 2070 तक भारत क्या हासिल करना चाहता है, इस पर नजर डालें तो यह हमारी आज की स्थिति से कई गुना अधिक है. हम लगभग 205 गीगावॉट रिन्यूएबल, नॉन-फॉसिल आधारित क्षमता पर है. हम इसे 500 गीगावॉट तक पहुंचना चाहते हैं. अभी लंबा रास्ता तय करना है, लेकिन जाहिर है हमारी महत्वाकांक्षा का वर्तमान स्तर यही है.”

GSDP कंवर्सेशन में कहा गया कि सस्टेनेबिलिटी इंवेस्टमेंट के लिए टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल, रिन्यूएबल एनर्जी सॉल्यूशन, डेटा एक्सेस और एनर्जी पॉलिसी की चुनौतियों का समाधान निकालना होगा.
Bol CG Desk

Related Articles

Back to top button