Illegal Mosque korba : गांव में अवैध मस्जिद, अब व्यवस्थापन की तैयारी, शिकायत पर प्रशासन ने नहीं की कार्रवाई
कोरबा। Illegal Mosque korba जिले के दादरखुर्द के ग्रामीणों ने कलेक्टर से अवैध कब्जा कर बनाये गए मस्जिद हटाने की मांग की है। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव की नजूल जमीन पर अवैध कब्जा कर खानकाहे चिस्तिया मस्जिद बना लिया है, जिस पर जल्द कार्रवाई की जाए। वहीं व्यवस्थापन पर भी रोक लगाई जाए।
Illegal Mosque korba कलेक्टर से कार्रवाई की मांग
Illegal Mosque korba ग्रामीणों ने एक ज्ञापन कलेक्टर के नाम से सौंपा है। इसमें लिखा है कि हमारे ग्राम दादरखुर्द, एवं कोरबा की सीमा में स्थित नजूल भूमि खसरा क्रमांक 247/1क रकबा 27.256 हेक्टेयर पर स्व० हाजी सुफो अनवर खान के द्वारा मस्लिम सम्प्रदाय के लोगों के साथ मिलकर अवैध रूप कब्जा कर खानकाहे चिस्तिया नामक मस्जिद का अवैध निर्माण कर लिया और वहां पर नवाज अदा करने का कार्य करने लगे।
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Illegal Mosque korba इस संबंध में विभिन्न राजस्व अधिकारियों एवं पुलिस अधिकारियों के समक्ष शिकायत पत्र प्रस्तुत किया गया। उक्त नजूल भूमि पर अवैध कब्जा कर मस्जिद निर्माण किये जाने की वजह से ग्रामवासियों का भारी विरोध प्रदर्शन भी हुआ था जिसकी वजह स नजूल तहसीलदार कोरबा के द्वारा स्थगन आदेश 24 दिसंबर 2017 को जारी किया गया था। उसके बावजूद भी स्व० हाजी सुफो अनवर खान उक्त भूमि पर निर्माण कार्य जारी रखा। तब हमारे द्वारा अपने एक ग्रामीण बन्धु के माध्यम से अनुविभागोय दण्डाधिकारी कोरबा के समक्ष 15 जनवरी 2021 को धारा 145 छग भू राजस्व संहिता के तहत परिशांती भंग पर कार्यवाही बाबत प्रकरण प्रस्तुत किया एवं नजूल तहसीलदार कोरबा के समक्ष भी प्रस्तुत किया।
दोनों प्रकरणों में हल्का पटवारी कोरबा के द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया कि उक्त नजूल की भूमि पर अवैध निर्माण कर धार्मिक कार्य किया जा रहा है, अनुविभागोय दण्डाधिकारी कोरबा के द्वारा उक्त नजूल भूमि पर पुनः स्थगन आदेश 17 फरवरी 2021 जारी किया इसके बावजूद भी उनके द्वारा निर्माण कार्य चालू रखा गया।
स्व हाजी सुफो अनवर खान के मृत होने के बाद उक्त भूमि के वर्तमान अवैध कब्जाधारी इदमाम हुसैन के द्वारा उक्त भूमि के भूमि व्यस्थापन का आवेदन नजूल तहसीलदार के समक्ष प्रस्तुत किया है, हमारे द्वारा प्रस्तुत दोनों प्रकरणों में जानबूझकर दोनों न्यायालयों में पेशी पर पेशी दिया जा रहा है, जबकि पटवारी प्रतिवेदन प्रस्तुत होने के बाद कोई कार्यवाही नहीं बचती, इससे हमें यह प्रतीत हो रहा है कि प्रशासन के द्वारा उक्त अवैध कब्जाधारियों की मदद की जा रही है। वे उक्त भूमि का भूमि व्यस्थापन करवा लें, ताकि उस मस्जिद को वहां से कोई हटा ना सके। जबकि जहां कहों भी नजूल भूमि पर धार्मिक उद्देश्य के लिए अवैध कब्जा किया जाता है वहां भूमि व्यस्थापन का प्रावधान लागू नहीं होता। इसलिए उक्त भूमि के भूमि व्यस्थापन को तत्काल प्रभाव से रोका जाए और उक्त दोनों प्रकरणों मे प्रस्तुत पटवारी प्रतिवेदनों पर संज्ञान लेते हुए नजूल भूमि से मस्जिद खानकाहे चिस्तिया को तोड़कर रिक्त करवाया जाये नहीं तो हम ग्रामवासी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
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