स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंध के अवसर पर मंत्री केदार कश्यप का शुभकामना संदेश
बिहार भूमि सर्वेक्षण क्या है, यहां जानिए उससे जुड़े तमाम सवालों का आसान जवाबबिहार की नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सरकार की तरफ से महत्वाकांक्षी बिहार भूमि सर्वेक्षण (Bihar Land Survey) की शुरुआत की गयी है. लोगों का मानना है कि बिहार में सबसे अधिक हिंसा और हत्या ज़मीन से जुड़े विवाद में होते हैं. सरकार ने अगले एक साल में राज्य में ज़मीन सर्वे का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा है. जिसमें ज़मीन के काग़ज़ात की छानबीन कर उसका मालिकाना हक तय किया जायेगा. जिससे उस पर कोई विवाद ना हो. बिहार में वर्तमान में कई जिलों में आजादी से पहले का ही जमीन सर्वे रिकॉर्ड उपलब्ध है. यही कारण है कि कई जगहों पर इसे लेकर प्रशासनिक स्तर पर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.बिहार भूमि सर्वेक्षण को लेकर आम लोगों के बीच कई तरह की शंका हैं. एनडीटीवी ने भागलपुर के डीएम नवल किशोर चौधरी और पटना हाईकोर्ट के वकील से बात कर लोगों के बीच इस सर्वे को लेकर जो भी सवाल हैं उसे दूर करने का प्रयास किया है. भूमि सर्वेक्षण का क्या है उद्देश्य, यह लोगों के लिए क्यों है जरूरी? भागलपुर के डीएम नवल किशोर चौधरी ने बताया कि वर्तमान में कई जगहों पर काफी पुराने खतियान के आधार पर काम चलाया जा रहा है. भूमि सर्वेक्षण का उद्देश्य पुराने खतियान को अपडेट करना है, जिसमें जमीन की खरीद-बिक्री से जुड़े बदलाव शामिल होंगे. नये जेनरेशन के लोगों के बीच जमीन का बंटवारा होता है तो इस कारण से परेशानी होती है. इन सब कारणों से बिहार में भूमि विवाद बहुत अधिक बढ़ रहा है. समस्या के समाधान के लिए सर्वे ऑथिरिटी की तरफ से टीम ग्राउंड जीरो पर जाएगी और एक-एक प्लॉट का सर्वे करेगी. इसके लिए आम सभा भी की जाएगी. एक-एक डिटेल को तैयार किया जाएगा. डीएम ने कहा कि नि:संदेह प्रोसेस कठिन है लेकिन इसका परिणाम बेहद अच्छा होगा. कैसे होगा बिहार जमीन सर्वे, क्या होगी जांच प्रक्रिया? जानिए भागलपुर के DM डॉ नवल किशोर चौधरी से
बिहार भूमि सर्वेक्षण को लेकर आम लोगों के बीच कई तरह के सवाल हैं. एनडीटीवी ने लोगों के तमाम सवालों के जवाब को जानना चाहा है.