बांग्लादेश में कब-कब हुआ तख्तापलट? सद्दाम, गद्दाफी…के तानाशाह बनने से लेकर अंत की कहानी

बांग्लादेश में कब-कब हुआ तख्तापलट? सद्दाम, गद्दाफी…के तानाशाह बनने से लेकर अंत की कहानीशेख हसीना की कहानीभारत में काफी समय रहने के बाद जब बांग्लादेश में स्थिति ठीक हुई तो साल 1981 में शेख हसीना अपने देश बांग्लादेश वापिस लौटीं. जब शेख हसीना वापिस अपने देश लौटीं तो उनके समर्थन में लाखों लोग एयरपोर्ट पर पहुंच गए. उन्होंने पूरे देश में अपने समर्थन में लोगों को खड़ा किया और फिर 1986 के आम चुनाव में हिस्सा लिया. हालांकि, इस चुनाव में वह हार गईं. कहा जाता है कि इस चुनाव में सेना का दखल बहुत ज्यादा था. इसके बाद 1991 के चुनाव में भी शेख हसीना को हार का सामना करना पड़ा. 1996 में जब बांग्लादेश में स्वतंत्र रूप से चुनाव हुए तो शेख हसीना की पार्टी जीत गई और फिर शेख हसीना ने पीएम का पद संभाला. हालांकि, इसके बाद 2001 का चुनाव फिर से शेख हसीना हार गईं. मगर, 2009 में जब वो बांग्लादेश की पीएम बनीं तो तब से अब तक लगातार उनकी ही सरकार देश में रही. अब फिर बांग्लादेश में तख्तापलट हो गया.श्रीलंका में जनता ने ही किया तख्तापलट13 जुलाई 2022 को आर्थिक संकट और महंगाई के खिलाफ कई महीनों से चल रहे व्यापक विरोध प्रदर्शन के बाद श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को अपना देश छोड़ना पड़ा था. हजारों लोगों ने प्रधानमंत्री कार्यालय पर धावा बोल दिया था. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने प्रदर्शन को देखते हुए वादा किया था कि वह इस्तीफा दे देंगे और सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण का रास्ता साफ करेंगे. मगर, उससे पहले ही हजारों प्रदर्शनकारियों ने कोलंबो में उनके आधिकारिक आवास पर कब्जा कर लिया और उन्हें वहां से भागना पड़ा.