Quick Feed

ओम बिरला के दोबारा लोकसभा अध्यक्ष बनने से राहुल, अखिलेश के बधाई संदेश तक, पढ़ें 10 बड़े अपडेट

ओम बिरला के दोबारा लोकसभा अध्यक्ष बनने से राहुल, अखिलेश के बधाई संदेश तक, पढ़ें 10 बड़े अपडेट18वीं लोकसभा के लिए ओम बिरला को स्पीकर चुन लिया गया है. ध्वनिमत से वह लोकसभा अध्यक्ष चुने गए. विपक्ष ने उनके नाम का विरोध नहीं किया. स्पीकर के लिए पीएम मोदी ने सदन में ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव पेश किया. राजनाथ सिंह,ललन सिंह समेत कई दिग्गजों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया.ओम बिरला को जब अध्‍यक्ष चुना गया, तो इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी और नेता विपक्ष राहुल गांधी उनकी सीट तक गए. इस दौरान पीएम मोदी और राहुल गांधी ने हाथ मिलाया. यह एक ऐतिहासिक पल था. ओम बिरला के लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने पर पीएम मोदी ने कहा कि हमारा विश्वास है कि आप (ओम बिरला) आने वाले पांच साल तक हम सभी का मार्गदर्शन करते रहेंगे. ओम बिरला के लोकसभा अध्यक्ष बनने पर कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने उनको बधाई देते हुए कहा कि जिस पद पर आप बैठे हैं, उससे बहुत गौरवशाली परंपराएं जुड़ी हुई हैं. मुझे उम्मीद है कि यह बिना भेदभाव के आगे बढ़ेगा. राहुल गांधी ने ओम बिरला को बधाई देते हुए कहा कि सरकार के पास राजनीतिक सत्ता है, लेकिन विपक्ष देश की आवाज का प्रतिनिधित्व करता है. इस बार भी विपक्ष देश की आवाज का प्रतिनिधित्व कर रहा है. उन्होंने कहा,” महत्वपूर्ण यह है कि विपक्ष को सदन में जनता की आवाज को उठाने दिया जाए. मुझे विश्वास है कि आप हमें अपनी आवाज और जनता की आवाज को उठाने का मौका देंगे.”चंद्रशेखर आजाद नें ओम बिरला को बधाई देते हुए कहा कि बहुत सारे सदस्यों ने आपकी तारीफ की. परेशानी आने पर आपने मेरा संरक्षण किया और मैं आपसे संरक्षण की उम्मीद करता हूं. मेरी ये भी प्रार्थना है कि आप लोकतंत्र के रक्षक हैं और प्रकृति आपको लोकतंत्र की रक्षा करने की ताकत प्रदान करें. विपक्षी गठबंधन की तरफ से शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) सांसद अरविंद सांवत ने लोकसभा स्पीकर के पद के लिए के. सुरेश के नाम का प्रस्ताव सदन में रखा, जिसका समर्थन आरएसपी नेता एनके प्रेमचंद्रन ने किया. अन्य कई विपक्षी नेताओं ने भी के. सुरेश के नाम का प्रस्ताव सदन में रखा और कई सांसदों ने उनका समर्थन किया. सदन के प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने ध्वनिमत से ओम बिरला के लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने की घोषणा कर दी. विपक्षी दलों की तरफ से मत विभाजन की मांग नहीं की गई, जिसके बाद बिरला को  ध्वनिमत से ही अध्यक्ष चुन लिया गया.लोकसभा में नंबर पूरी तरह से एनडीए के पक्ष में होने की वजह से ओम बिरला का जीतना लगभग तय था. ऐसे में निर्दलीय और छोटी पार्टियों से सांसदों को भी साधने की कोशिश की गई. जानकारी के मुताबिक आजाद समाज पार्टी कांशीराम के अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर से भी बात की गई. लेकिन इन सभी के समर्थन की नौबत ही नहीं आई.

लोकसभा अध्यक्ष बनने के बाद पहले ही दिन ओम बिरला (Loksabha Speaker Om Birla) ने सदन में आपातकाल की जमकर निंदा की, जिसके बाद सदन में विपक्ष ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया.
Bol CG Desk (L.S.)

Related Articles

Back to top button