
रायपुर. कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के एक बड़े फैसले से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सियासत की कहानी साफ हो जाती है। कांग्रेस आलाकमान ने सरगुजा संभाग की सभी 14 सीटों के साथ खुद अपनी सीट गंवा देने वाले टीएस सिंहदेव को बड़ी जिम्मेदारी दी है।
सिंहदेव को 2024 की लोकसभा के लिए कांग्रेस की घोषणापत्र समिति का संयोजक बनाया गया है। सिंहदेव ने कहा है कि भारत के सपने ‘न्याय’ की पटकथा लिखने के लिए कांग्रेस हमेशा तैयार है। इसके साथ सियासी गलियारे में कई तरह की खुसफुसाहट शुरु हो गई है। साथ ही कांग्रेस के इस फैसले के मायने निकाले जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री रहे भूपेश बघेल को दरकिनार कर कांग्रेस आलाकमान ने सिंहदेव को जो ये जिम्मेदारी सौंपी है, उससे साफ है कि वो उनकी कीमत और अहमियत समझती है। याद रहे कि टीएस सिंहदेव 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले बनी कांग्रेस की घोषणापत्र समिति के संयोजक थे। समाज के सभी वर्गों से बात कर और पूरे प्रदेश का दौरा कर उन्होंने घोषणापत्र बनाया था। उनके घोषणापत्र का ही कमाल था कि कांग्रेस की झोली में 67 सीटें आईं और 15 साल से सत्ता में रही भाजपा बाहर हो गई।
खैर, सिंहदेव को तवज्जो मिलने की शुरुआत तभी से हो गई थी, जब भूपेश बघेल मुख्यमंत्री थे। जब मीडिया और पूरे सियासी जगत में ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री की बात चली। भूपेश बघेल के समर्थक मंत्री और विधायकों के दिल्ली में ताकत दिखाने की नौबत आ गई, तब भी सिंहदेव शांत रहे। इसका इनाम उन्हें चुनाव से छह महीने पहले डिप्टी सीएम बनाकर दिया गया। फिर कांग्रेस ने उन्हें प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया में सबसे अहम ओहदा और जिम्मेदारी दी।
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