ग्रहण लगने पर मान्यतानुसार गर्भवती महिलाओं को रखना चाहिए कुछ बातों का ध्यान, नहीं करने चाहिए ये काम
ग्रहण लगने पर मान्यतानुसार गर्भवती महिलाओं को रखना चाहिए कुछ बातों का ध्यान, नहीं करने चाहिए ये कामEclipse 2024: ग्रहण एक खगोलीय घटना है परंतु इसका सूतक काल भी अत्यधिक मायने रखता है. जब भी ग्रहण लगता है उससे पहले सूतक काल लग जाता है. सूतक काल को अशुभ समय माना जाता है और कहा जाता है कि सूतक काल में खासतौर से कुछ काम नहीं किए जाने चाहिए. खासकर गर्भवती महिलाओं को कुछ काम करने की मनाही होती है. माना जाता है कि गर्भवती महिलाओं (Pregnant Women) को ग्रहण के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए. हालांकि, वैज्ञानिक तौर पर ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला पर ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है लेकिन धार्मिक तौर पर कुछ बातों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण कहा जाता है. इस साल का पहला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) 8 अप्रैल के दिन लगेगा और दूसरा चंद्र ग्रहण 17-18 सितंबर की रात लगने वाला है. ऐसे में यहां जानिए धार्मिक मान्यतानुसार गर्भवती महिलाओं को कौनसे काम करने से परहेज करना चाहिए और किस तरह की सावधानी बरतना जरूरी है. सोमवती अमावस्या के दिन कुछ चीजों का दान करना माना जाता है बेहद शुभ, मान्यतानुसार पितरों का मिलता है आशीर्वादमाना जाता है कि ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को भोजन करने से परहेज करना चाहिए.ग्रहण लगने पर नुकीली चीजों से दूर रहने की सलाह भी दी जाती है. इसीलिए सिलाई-कढ़ाई जैसे काम नहीं किए जाते हैं जिनमें सूईं का इस्तेमाल होता है. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण (Eclipse) में बाहर जाने की भी मनाही होती है. कहते हैं ग्रहण लगा हो तो वातावरण अत्यधिक नकारात्मक हो जाता है. इसीलिए गर्भवती महिलाएं इस दौरान घर में रहें तो बेहतर कहा जाता है. ग्रहण के दौरान सोने से भी मना किया जाता है. गर्भवती महिलाओं को इस दौरान भगवान का स्मरण करने के लिए कहा जाता है. जब भी ग्रहण लगा हो तो स्नान करने से मनाही होती है. लेकिन, ग्रहण काल खत्म हो जाने के बाद स्नान किया जा सकता है. 8 अप्रैल के दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा. यह पूर्ण सूर्य ग्रहण होने वाला है जिसके चलते सूर्य पूरी तरह अंधकारमय हो जाता है. इस ग्रहण को यूरोप, नॉर्थ अमेरिका, साउथ अमेरिका, पेसिफिक, अटलांटिक और आर्कटिक से देखा जा सकता है, भारत में यह ग्रहण नजर नहीं आएगा. साल का दूसरा चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) 17-18 सितंबर की रात लगने वाला है. यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा जो यूरोप, अधिकतर एशिया, अफ्रीका, नॉर्थ अमेरिका, साउथ अमेरिका, पेसिफिक, अटलांटिक, हिंद महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका से दिखेगा. अगला ग्रहण सूर्य ग्रहण होगा जो 2 अक्टूबर के दिन लगेगा. इस ग्रहण को नॉर्थ अमेरिका, अधिकतर साउथ अमेरिका, पेसिफिक, अटलांटिक और अंटार्कटिका से देखा जा सकेगा. यह वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा. वलयाकार सूर्य ग्रहण रिंग ऑफ फायर यानी आग के छल्ले की तरह दिखाई पड़ता है. (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)