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बिहार में रुपौली के बाद इन सीटों पर होंगे उपचुनाव, 4 विधायक बने हैं सांसद; ऐसे बन रहे समीकरण

बिहार में रुपौली के बाद इन सीटों पर होंगे उपचुनाव, 4 विधायक बने हैं सांसद; ऐसे बन रहे समीकरणBihar Bypoll 2024 : लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए बीमा भारती के इस्तीफे से खाली पूर्णिया की रुपौली विधानसभा सीट पर 10 जुलाई को मतदान और 13 जुलाई को मतगणना होगी. लोकसभा चुनाव हारने के बाद वह फिर से राजद उम्मीदवार बनकर विधानसभा उपचुनाव लड़ रही हैं. जदयू ने इस बार कलाधर मंडल को टिकट दिया है. पप्पू यादव और बीमा भारती की मुलाकात से मुकाबला और दिलचस्प हो चुका है. अब देखना यह है कि कौन बाजी मारता है. हालांकि, बिहार में अभी एक और राउंड में उप चुनाव होने हैं. अभी इनकी तारीख तय नहीं हुई है.कहां होंगे रुपौली के बाद उपचुनाव2024 लोकसभा चुनाव में बिहार के 4 विधायकों का प्रमोशन हो गया और वे सांसद बन गए. एक विधायक तो केंद्र सरकार में मंत्री भी बन गए हैं. ऐसे में इन विधानसभा क्षेत्रों में उप चुनाव होना तय है. इसे देखते हुए सभी राजनीतिक दलों ने एक बार फिर विधानसभा में अपनी सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए कमर कसनी शुरू कर दी है. चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वालों को भी मौका मिल गया है और वह भी अपनी दावेदारी जताने और क्षेत्र में घूमने लगे हैं. यह अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों के लिए अंतिम टेस्ट होगा.जगदानंद सिंह के दूसरे बेटे पर नजर रामगढ़ के विधायक सुधाकर सिंह अब बक्सर के सांसद बन गए हैं. यह राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से हैं. इनके पिता जगदानंद सिंह राजद के प्रदेश अध्यक्ष हैं. सुधाकर सिंह के सांसद बनने के बाद राजद अब उनके भाई अजित सिंह को यहां से उम्मीदवार बना सकती है. अजित सिंह इस सीट पर दावेदार भी कर रहे हैं. वहीं इस सीट पर 2020 विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से अशोक कुमार सिंह उम्मीदवार थे. पिछले चुनाव में वह मामूली अंतर से चुनाव हार गए थे. इस बार भी भाजपा की तरफ से अशोक कुमार सिंह को मैदान में उतारा जा सकता है.सुनील पांडेय बेहद सक्रियइसी तरह तरारी से विधायक सुदामा प्रसाद अब आरा के सांसद बन गए हैं. यह सीट गठबंधन में माले को मिली थी. माले इस बार भी अपना ही उम्मीदवार इस सीट पर गठबंधन की तरफ से उतारना चाहेगी और लगता नहीं कि राजद या कांग्रेस में इसको लेकर कोई आपत्ति होगा. एनडीए की ओर से 2020 में भाजपा उम्मीदवार कौशलेंद्र विद्यार्थी तीसरे नंबर पर रहे थे. ऐसे में लगता नहीं कि उन्हें दोबारा मौका मिलेगा. इस सीट पर सबसे ज्यादा सक्रियता तरारी के पूर्व विधायक नरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ सुनील पांडेय की दिख रही है. यह बाहुबली माने जाते हैं. वह एक बार समता पार्टी और दो बार जदयू के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं. 2020 के चुनाव में वह निर्दलीय लड़े और दूसरे स्थान पर रहे. ऐसे में अगर भाजपा इस सीट से अपनी दावेदारी छोड़ती है तो वे जदयू से उम्मीदवार हो सकते हैं.   सुरेंद्र यादव का बेटे के लिए दावाबेलागंज के विधायक सुरेंद्र यादव अब जहानाबाद के सांसद बन गए हैं. राजद में उनकी काफी पैठ है. वह अपने बेटे विश्वनाथ यादव को टिकट दिलाना चाहते हैं. ऐसे में लगता नहीं कि राजद किसी और को टिकट देकर सुरेंद्र यादव की नाराजगी मोल लेना चाहेगी. 2020 के विधानसभा चुनाव में सुरेंद्र यादव के खिलाफ जदयू उम्मीदवार अभय कुमार सिन्हा अब औरंगाबाद से राजद के सांसद हैं. जदयू अब इस सीट को हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को देकर बदले में इमामगंज की सीट लेना चाहती है, लेकिन लगता नहीं है कि ऐसा होगा. जाहिर है जदयू इस सीट पर कमजोर नजर आ रही है.जीतन राम मांझी किसे देंगे टिकटइमामगंज में हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी के परिवार के लोग ही एनडीए उम्मीदवार होंगे. पिछली बार भी यह सीट भी हम ने ही जीती थी. यहां से जीतन राम मांझी चुनाव जीते थे. अब मांझी गया से सांसद और केंद्र सरकार में मंत्री हैं. जाहिर है इस सीट पर उनकी दावेदारी को भाजपा और जदयू नकारेंगे नहीं. वैसे भी इस सीट पर भाजपा मजबूत है लेकिन वह मांझी को सपोर्ट करती है.

Bihar Bypoll 2024 : बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है. सभी दलों की निगाह अब उसी पर है. मगर इससे पहले उप चुनाव की अग्निपरीक्षा पार करनी पड़ेगी. पढ़िए, क्या बन रहे समीकरण…
Bol CG Desk (L.S.)

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