पुरी शङ्कराचार्य के सानिध्य में धनुर्विद्या प्रशिक्षण, कहा- राष्ट्र व धर्म की रक्षा के लिए फौलादी व्यक्ति की आवश्यकता
रायपुर। ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय गोवर्धन मठ पुरी पीठ पीठाधीश्वर अनंतश्रीविभूषित श्रीमद्जगदगुरू शङ्कराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद महाराज के सानिध्य में आदित्यवाहिनी रायपुर द्वारा सुदर्शनसंस्थान शङ्कराचार्य आश्रम रवांभाटा रायपुर में 3 दिवसीय धनुर्विद्या आत्मरक्षा प्रशिक्षण (Archery training) शिविर का आयोजन हुआ, जिसमें आदित्यवाहिनी रायपुर, दुर्ग-भिलाई,नागपुर व आसपास क्षेत्रों के वाहिनी कार्यकर्ता व अन्य हिन्दुओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
Archery training धनुर्विद्या की कला हो पुनर्जीवित
Archery training जहां समय के साथ लुप्त हो रही धनुर्विद्या की कला पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से शिविर में आधुनिक धनुष के स्थान पर विशेषकर वनवासी भाइयों द्वारा पारंपारिक विधि से निर्मित धनुष-बाण का ही प्रयोग किया गया, जिस से धनुष निर्माण की कला को भी प्रोत्साहन मिले व वनवासियों की कला से उन्हें रोजगार मिले।
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हिन्दू राष्ट्र निर्माण का अभियान
Archery training पुरी शङ्कराचार्य जी हिन्दू हित के अनेक कार्य करने के पश्चात अब 2021 से हिन्दू राष्ट्र निर्माण का अभियान चला रहे हैं, उनका कहना है कि प्रथम चरण 2025 में भारत, नेपाल व भूटान हिन्दू राष्ट्र बनेंगे आमूलचूल परिवर्तन होगा। पूरे विश्व में शासन तंत्र बिलकुल पलट जाएगा, जिसमें मुख्य भूमिका प्रकृति व पितृ एवं नागलोक में बैठे भगवतभक्तों की होगी। साथ में सावधान भी किया की देश दुनिया में भीषण प्राकृतिक आपदा व अस्थिरता आने को है।
वे कहते हैं की राष्ट्र व धर्म की रक्षा के लिए फौलादी व्यक्ति की आवश्यकता होती है जिस व्यक्ति को राष्ट्र की वेदना हो, सर में दर्द हो गौ हत्या आदि को लेकर पीड़ा हो वे पुरी के शङ्कराचार्य व आदित्यवाहिनी से संपर्क करें।
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मुग्दर व्यायाम का भी प्रशिक्षण
इस शिविर में “आशुतोष मिश्र” ने धनुर्विद्या का प्रशिक्षण (Archery training) दिया। साथ ही साथ मुग्दर व्यायाम का भी प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें मुख्य रूप से भूमिका पीठपरिषद् से सीमा तिवारी, अमरजीत सिंह व वाहिनी से आयुष शर्मा, अक्षय आयुष यदुवंशी व गौरव सोलंकी की रही।