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छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल टॉपर्स ने की स्मार्ट पढ़ाई, बताया ये सक्सेस मंत्र, डॉक्टर-वैज्ञानिक बनने का है सपना

रायपुर। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10वीं और 12वीं कक्षा के परिणाम के साथ मेरिट जारी की गई है। 10वीं बोर्ड की मेरिट लिस्ट में पहला स्थान हासिल करने वाले जशपुर के राहुल यादव ने अपनी सफलता के पीछे स्मार्ट स्टडी को बड़ी वजह बताया।

जशपुर के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी मीडियम स्कूल के छात्र राहुल यादव के पिता रामेश्वर यादव खेती-किसानी करते हैं, वहीं माता कौशल्या यादव गृहिणी हैं। राहुल की एक बड़ी बहन भी है, जिसने 12वीं की परीक्षा अच्छे अंकों से पास किया है।

राहुल बताते हैं कि वे रोजाना 5-6 घंटे पढ़ाई किया करते थे, इसके लिए चेप्टर को कठिन और सरल भागों में बांटकर पहले कठिन भागों की पढ़ाई की, उसके बाद सरल हिस्सों की।

राहुल बताते हैं कि उन्होंने पढ़ाई के लिए कोचिंग का सहारा नहीं लिया, बल्कि शिक्षकों के मार्गदर्शन में पढ़ाई की। खासतौर से शिक्षक दिलीप कुमार का जिक्र करते हुए वे बताते हैं कि उनके मार्गदर्शन की वजह से प्रश्नपत्रों को हल करने में आसानी हुई। राहुल आगे चलकर डॉक्टर बनना चाहते हैं, जिससे वे समाज की बेहतर तरीके से सेवा कर सकें।

छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल

सेकंड टॉपर सिकंदर की भी डॉक्टर बनने की इच्छा
स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट इंग्लिश मीडियम स्कूल के छात्र सिकंदर यादव ने 98.67 प्रतिशत अंक हासिल कर 10वीं बोर्ड की मेरिट लिस्ट में दूसरा स्थान हासिल किया है। जशपुर के पुरानी टोली निवासी सिकंदर यादव बताते हैं कि स्कूल में पढ़ाई करने के बाद वे घर में जाकर रिवीजन किया करते थे। इसके अलावा शाम को वे 6-7 घंटे पढ़ाई किया करते थे।
भविष्य में डॉक्टर बनना चाहता है।

छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की 12वीं कक्षा की मेरिट लिस्ट में पहला स्थान हासिल करने वाली रायगढ़ की विधि भोंसले कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक या डॉक्टर नहीं बल्कि कृषि वैज्ञानिक बनना चाहती है। रायगढ़ के पुसौर निवासी बासुदेव और चंद्रकांता भोंसले की बेटी और अभिनव स्कूल की छात्रा विधि भोंसले ने 12वीं की परीक्षा में 98.20 प्रतिशत हासिल कर मेरिट लिस्ट में पहला स्थान हासिल किया है।

विधि ने बताया कि साल की शुरुआत से ही उन्होंने नियमित पढ़ाई शुरू कर दी थी। स्कूल शिक्षकों के साथ घर में भी पढ़ाई में बहुत मदद मिली। सफलता का श्रेय माता-पिता, भाई-बहन के साथ शिक्षकों को देते हुए बताया कि रोजाना 7-8 घंटे की पढ़ाई किया करती थी। इसके साथ ही अच्छे परिणाम हासिल नहीं कर पाने वाले सहपाठियों के लिए उन्होंने सलाह दी कि अगर आपने अच्छे से मेहनत की है, तो हताश होने की जरूरत नहीं है।

Onima Shyam Patel

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