
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव अब अपने पुरे शबाब पर है. पहले चरण का मतदान 7 नवंबर और दूसरे चरण का मतदान 17 नवंबर को होने वाला है. सभी पार्टियों के कार्यकर्ता घर-घर जाकर चुनाव प्रचार में लगे हुए है. दोनों पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए है. पार्टियां प्रचार में लग गई है. इस बीच पार्टी के अंदर जो असंतोष उभर रहे है. वो पार्टी के लिए चिंता का कारण बने हुए है.सामरी से विधायक रहे चिंतामणि महाराज कांग्रेस छोड़कर भाजपा में प्रवेश कर लिए है.उनके इस कदम से सरगुजा क्षेत्र के अनेक सीटों पर प्रभाव पड़ने की आशंका जताई जा रही है.
आपको बता दे सामरी विधायक चिंतमणि महाराज गहिरा गुरु के पुत्र है. गहिरा गुरु सरगुजा के जनजातीय समाज के बेहद सम्मानित व्यक्तित्व रहे है.और इसलिए चिंतामणि महाराज के बीजेपी से छोड़कर कांग्रेस में जाने के कारण ही कांग्रेस को सरगुजा में जबरदस्त लाभ हुआ था. और भारतीय जनता पार्टी को 14 में से एक भी सीट हासिल नहीं हुई.
एक ओर टी.एस बाबा का असंतोष और कांग्रेस के अंदर में बृहस्पति सिंह अमरजीत सिंह और टी.एस बाबा के आपस की गुटबाज़ी और ऊपर से चिंतामणि महाराज का कांग्रेस छोड़कर भाजपा में प्रवेश करना कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ी मुसीबत साबित हो सकता है. 14 सीटों में जो 17 नवंबर को चुनाव होंगे .उसमें जनजातीय वोटों का झुकाव अगर भाजपा की तरफ हुआ तो इससे कांग्रेस पार्टी की स्थिति में बहुत बड़ा परिवर्तन दिखाई देगा.और जो 2008 में स्थिति थी उससे भी ख़राब स्थिति आ सकती है.
क्या अगले साल लोकसभा चुनाव में मिलेगा मौका
यह पूछे जाने पर कि क्या बीजेपी महाराज को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में मैदान में उतारेगी, इस पर माथुर ने कहा कि इसके लिए इंतजार करें. महाराज वर्तमान में बलरामपुर जिले की सामरी सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. कांग्रेस ने इस बार विजय पैकरा को चुनाव मैदान में उतारा है. बीजेपी ने इस सीट से उधेश्वरी पैकरा को अपना उम्मीदवार बनाया है जो बलरामपुर जिला पंचायत की सदस्य हैं. उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर लुंड्रा सीट से 2013 का विधानसभा चुनाव लड़ा था और पहली बार विधायक चुने गए थे. आपको बता दे वर्ष 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने महाराज को सामरी सीट से मैदान में उतारा था जहां उन्होंने बीजेपी के सिद्धनाथ पैकरा को 21,923 मतों के अंतर से हराया था.
बृजमोहन अग्रवाल और विष्णु देव साय ने की थी मुलाकात
पिछले सप्ताह बीजेपी के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय ने सामरी क्षेत्र में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान महाराज से मुलाकात की थी. बैठक के बाद महाराज ने संवाददाताओं से कहा था कि यदि उन्हें अंबिकापुर सीट (कांग्रेस के उम्मीदवार और उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव के खिलाफ) से मैदान में उतारा जाता है तो वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं.