कौशल विकास योजना : युवाओं को हुनर देने के बाद भी नौकरी या रोजगार में काफी पीछे
छत्तीसगढ़ में युवाओं को हुनर देने के बाद नौकरी या रोजगार के लायक बनाने के लिए चल रही कौशल विकास योजना अपने उद्देश्य से काफी पीछे चली गई है। उन्हें न कहीं नौकरी मिली है और न रोजगार शुरू हुआ है।
राजधानी में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 6148 युवाओं को ट्रेनिंग दी गई है, लेकिन नौकरी सिर्फ 1957 लोगों को ही मिली है। 145 लोगों ने अपना रोजगार शुरू किया है। सरकार की ओर से प्रशिक्षण देने वाली फर्म को एक युवा का 45 रुपए प्रति घंटे दी जाती है। इस आधार पर ट्रेंनिंग में कुल 8 करोड 29 लाख रुपए खर्च किया है।
इस योजना के तहत प्रशिक्षणोपरांत 70 प्रतिशत युवाओं को नौकरी दिलवाने का प्राविधान एजेंसियों के लिए रखा गया है, लेकिन इसके बावजूद सालभर में अब तक सिर्फ 31 प्रतिशत लोगों को ही रोजगार मिल पाया है। वहीं, स्व रोजगार दिलाने में भी विभागीय अमला नाकाम साबित हो रहा है। आंकड़ों के अनुसार कुल प्रशिक्षित युवाओं में से सिर्फ दो प्रतिशत युवा ही स्व-रोजगार शुरू कर पाए हैं। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है, कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का जिले में क्या हाल है।
विधानसभावार प्रशिक्षित अभ्यर्थी और जारी किए गए प्रमाण पत्र
क्षेत्र-नामांकन-प्रशिक्षित-जारी प्रमाण पत्र
- रायपुर ग्रामीण-2346-1850-1197
- रायपुर पश्चिम-1538-1538-1319
- रायपुर दक्षिण-840-840-733
- रायपुर उत्तर-1199-1199-889
शाखावार रोजगार के आंकड़े
शाखा-नियाेजित-स्व नियोजित
- एपेरल-63-45
- आटोमोटिव-30-0
- बीएफएसआइ-86-0
- कंस्ट्रक्शन-91-1
- इलेट्रानिक एवं हार्डवेयर-392-39
- हैंडीक्राफ्ट एवं कारपेट-16-0
- हेल्थकेयर-5-8
- आइटी-162-0
- लाइफ साइंस-16-0
- लाजिस्टिक-265-32
- रिटेल-639-20
- टूरिज्म एवं हास्पिटेलिटी-192-0
- कुल-1957-145
तीन-चार महीने की दी जाती है ट्रेनिंग
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत एक युवा को प्रशिक्षित करने के लिए तीन से चार माह की अवधि तय की जाती है। उक्त अवधि में प्रशिक्षण पूरा हो जाता है। वहीं, प्रशिक्षण देने के बाद इनके रोजगार की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी भी संबंधित संस्थान की ही होती है, लेकिन इसका आंकड़ा पूरा करने में विभागीय अमला नाकाम साबित हो रहा है।
प्रति घंटे प्रति प्रशिक्षणार्थी 45 रुपये तय
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत राशि से लेकर एजेंसियों से अनुबंध भी केंद्र द्वारा किया जाता है। वहीं, भुगतान भी उन्हीं के द्वारा किया जाता है। इसके तहत प्रति घंटे प्रति प्रशिक्षणार्थी 45 रुपये की राशि तय की गई है। इस हिसाब से अनुमनित एक बच्चे को प्रशिक्षित करने में 13,500 रुपये का खर्च आता है।
2016 से चल रही योजना
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना वर्ष 2016 से चल रही है। इसके तहत केंद्र सरकार द्वारा ही लक्ष्य दिया जाता है और उसी आधार पर युवाओं को प्रशिक्षण व नौकरी देने के लिए नियम व कायदे बनाए जाते हैं। इसके तहत 12 ट्रेडों में युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, लेकिन नौकरी के आंकड़े पाने में विभागीय अमला नाकाम साबित हो रहा है।
- दादर स्टेशन के पास हनुमान मंदिर को तोड़ने के आदेश पर सियासत, उद्धव ठाकरे ने बीजेपी के हिंदुत्व पर खड़े किए सवाल
- अतुल सुभाष आत्महत्या केस: सहकर्मियों ने दहेज उत्पीड़न कानून में सुधार की मांग की
- मणिपुर में बंदूकधारियों ने बिहार के दो प्रवासी श्रमिकों की गोली मारकर हत्या की
- ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर केंद्र जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में करेगा संशोधन
- उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव की आरक्षण सूची जारी, देहरादून सीट सामान्य तो हरिद्वार में महिला-OBC, देखें पूरी लिस्ट