स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंध के अवसर पर मंत्री केदार कश्यप का शुभकामना संदेश
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international thalassemia day : आज अंतर्राष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस, जानिए इस बीमारी के बारे में…

स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंध के अवसर पर मंत्री केदार कश्यप का शुभकामना संदेश

नई दिल्ली। international thalassemia day अंतर्राष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस 8 मई को यानी आज मनाया जा रहा है। यह दिन थैलेसीमिया पीड़ित मरीजों को समर्पित है, जो इस बीमारी से जूझ रहे हैं। साथ ही इसे उन लोगों की याद में भी मनाया जाता है, जिन्होंने इस बीमारी की वजह से अपनी जान गंवाई है।

यह एक गंभीर समस्या है, जिससे दुनियाभर में कई लोग पीड़ित है। अकेले भारत में ही हर साल लगभग 10 हजार से 15 हजार बच्चे थैलेसीमिया के साथ पैदा होते हैं। छत्तीसगढ़ में हजारों लोग इससे पीड़ित है। ऐसे में इस बीमारी के प्रति जागरुकता फैलाने के मकसद से हर साल थैलेसीमिया दिवस मनाया जाता है।

थैलेसीमिया क्या है?

थैलेसीमिया एक रक्त विकार आनुवांशिक बीमारी है। जो माता-पिता से उनके बच्चों तक पहुंचती है। इसमें शरीर हीमोग्लोबिन की जरूरी मात्रा को बनाने में विफल रहता है। यह बीमारी माता-पिता से बच्चे में जाती है और इसकी वजह से बहुत सारे रेड ब्लड सेल्स खत्म होने लगते हैं।


अल्फा और बीटा थैलेसीमिया के दो रूप हैं। वहीं इस बीमारी के कुछ प्रमुख लक्षणों में एनीमिया, पीली त्वचा, अत्यधिक थकान, सांस लेने में तकलीफ, अनियमित दिल की धड़कन, उच्च रक्तचाप आदि शामिल है।

थैलेसीमिया को लेकर आज भी लोगों के बीच कई तरह के मिथक मौजूद हैं। ऐसे में लोगों तक इस बीमारी की सही जानकारी पहुंचाने और इसके प्रति दुनियाभर में जागरुकता फैलाने के मकसद से हर साल इंटरनेशनल थैलेसीमिया डे मनाया जाता है। इस मौके पर कई संगठनों द्वारा कार्यशालाएं और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

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इस साल थैलेसीमिया दिवस 2023 की थीम थैलेसीमिया के बारे में लोगों का शिक्षित करना (Strengthening Education to Bridge the Thalassaemia Care Gap) तय की गई है।

थैलेसीमिया दिवस की शुरुआत 1994 में

अंतर्राष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस मनाने की शुरुआत साल 1994 में थैलेसीमिया इंटरनेशनल फेडरेशन (टीआईएफ) द्वारा की गई थी। टीआईएफ, एक नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन है, जिसकी स्थापना साल 1986 में पैनोस एंगेल्स ने अपने बेटे जॉर्ज और अन्य थैलेसीमिया मरीजों की याद में की थी, जिन्होंने इस बीमारी से डटकर लड़ाई लड़ी थी।

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Onima Shyam Patel

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