स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंध के अवसर पर मंत्री केदार कश्यप का शुभकामना संदेश
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NDTV Battleground: तमिलनाडु में BJP पहली बार गठबंधन को कर रही लीड, क्या काम करेगा मोदी फैक्टर?

स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंध के अवसर पर मंत्री केदार कश्यप का शुभकामना संदेश

NDTV Battleground: तमिलनाडु में BJP पहली बार गठबंधन को कर रही लीड, क्या काम करेगा मोदी फैक्टर?लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) में दक्षिण भारत के 5 राज्यों में कर्नाटक के बाद तमिलनाडु दूसरा राज्य है, जहां BJP सफलता की उम्मीद कर रही है. तमिलनाडु की 39 लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को पहले ही फेज में वोटिंग है. यहां मुकाबला त्रिकोणीय है. DMK-कांग्रेस अलायंस सबसे मजबूत है. दूसरा अलायंस AIADMK ने कुछ छोटी पार्टियों के साथ मिलकर बनाया है. तीसरा अलायंस BJP-PMK का है. BJP पहले AIADMK के साथ गठबंधन में थी. पिछले महीनों में पीएम मोदी की चेन्नई और तमिलनाडु के दूसरे इलाकों में कई रैलियां हुई हैं. विभिन्न मंचों से पीएम ने तमिल इतिहास और संस्कृति की वकालत की है. दशकों से राज्य पर हावी रही द्रविड़ राजनीति में सेंध लगाने के लिए अब BJP प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निर्भर है. ऐसे में सवाल है कि तमिलनाडु में मोदी फैक्टर कितना अहम है? राज्य में जातिगत राजनीति कितनी कारगर है?NDTV के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया के खास शो ‘Battleground’ में पॉलिटिकल स्ट्रैटजिस्ट अमिताभ तिवारी ने कहा, “तमिलनाडु के लोगों की आकांक्षाएं और जमीनी हकीकत के फर्क को पीएम मोदी अच्छे से समझते हैं. पीएम मोदी को वो अंडरकरेंट दिखता है, जो औरों को नहीं दिखता. अगर आप 2019 में हुई रैलियों को याद करें, तो पीएम मोदी की टॉप 3 रैलियां यूपी, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में हुईं. जहां पार्टी को लगा कि सीटें कम हो सकती हैं. तमिलनाडु में भी बीजेपी इसी रणनीति पर चल रही है.”NDTV बैटलग्राउंड : क्या BJP के लिए दक्षिण का दरवाजा खोलेगा कर्नाटक, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्टDMK के वोट शेयर में सेंध लगाना जरूरीअमिताभ तिवारी कहते हैं, “फिर भी इसमें एक दिक्कत है. बीजेपी को देश के अन्य हिस्सों में जो फायदा मिलता है, वही फायदा तमिलनाडु में DMK को मिलता है. DMK के वोट शेयर में सेंध लगाए बिना BJP जीत की उम्मीद नहीं कर सकती. वोट लाने के लिए यह प्रधानमंत्री के करिश्मे पर निर्भर है.”वहीं, सत्ताधारी DMK के प्रवक्ता मनुराज सुंदरम ने कहा, “मीडिया जगत और आम लोगों के बीच प्रधानमंत्री को काफी तवज्जो मिलती है… हमें खुशी है कि प्रधानमंत्री अक्सर तमिलनाडु आते रहते हैं.”चुनाव में सही मुद्दे उठाने वाले को मिलेगा फायदासुंदरम ने कहा-“हालांकि, इसमें दो महत्वपूर्ण बातें हैं. पहला- अब दिल्ली पर अविश्वास करने की प्रवृत्ति है. साथ ही परिसीमन प्रक्रिया को लेकर काफी आशंकाएं हैं. इससे उत्तर की तुलना में दक्षिणी राज्यों का संसद में प्रतिनिधित्व अनिवार्य रूप से कम हो जाएगा. दूसरा- तमिलनाडु एक ऐसा राज्य है, जिसमें एक प्रकार की राजनीति का वर्चस्व रहा है. द्रविड़ या समाजवादी राजनीति की पहचान हमारी मजबूत भावना है.” मनुराज सुंदरम ने कहा, “चुनाव में जो इन मुद्दों को उठाएगा और समाधान बताएगा, जनता उसका साथ देगी.”NDTV बैटलग्राउंड : लोकसभा चुनाव को लेकर क्या सोचता है युवा वोटर, क्या हैं उम्मीदें?तमिल लोगों के लिए कुछ ठोस कदम उठाएं केंद्र- AIADMK प्रवक्तावहीं, AIADMK की प्रवक्ता अप्सरा रेड्डी ने कहा, “मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं. उन्हें राज्यों को समानता की दृष्टि से देखना चाहिए.” उन्होंने कहा, “पीएम का अप्रोच सीजनल है. मतलब जैसा समय होता है, वो वैसा बर्ताव करते हैं. जब चुनावों की घोषणा होती है, तो वह यहां आते हैं. मैं कहना चाहती हूं कि तिरुक्कुरल की कुछ लाइनें पढ़कर आप तमिल नहीं बन जाते. इससे बड़ी सीटें या वोट शेयर हासिल नहीं होगा. आपको तमिल लोगों के लिए कुछ ठोस करना होगा.”तमिलनाडु में BJP का किसके साथ गठबंधन?तमिलनाडु में BJP पहली बार किसी गठबंधन को लीड कर रही है. इससे पहले 2014 में भी BJP ने थर्ड फ्रंट बनाया था, लेकिन तब नेतृत्व विजयकांत की DMDK के पास था. इसबार BJP ने PMK के साथ गठबंधन किया है. इसके लीडर पूर्व यूनियन मिनिस्टर रामदास हैं. ये OBC जाति विशेष की पार्टी है. BJP ने इन्हें 10 सीटें दी हैं. इनका वोट शेयर 5% रहता है. PMK नॉर्थ तमिलनाडु, कावेरी डेल्टा रीजन में असर रखने वाली पार्टी है. यहां BJP का असर कम है.BJP ने अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम यानी AMMK से भी गठबंधन किया है. ये पूर्व सीएम जयललिता की करीबी रहीं शशिकला के भांजे टीटीवी दिनाकरण की पार्टी है. समझौते के तहत इसे 2 सीटें मिली हैं. इस पार्टी का असर तमिलनाडु साउथ में है. इसके अलावा भगवा पार्टी ने तमिल मनीला कांग्रेस के साथ भी डील की है. पूर्व केंद्रीय मंत्री जीके वासन इस पार्टी के नेता हैं. इसके अलावा कई छोटी-छोटी पार्टियां भी गठबंधन का हिस्सा हैं.  अन्नामलाई का बढ़ रहा कदकोयंबटूर BJP का ट्रेडिशनली मजबूत इलाका है. साउथ तमिलनाडु में गाउंडर कम्युनिटी सबसे मजबूत है. इस कम्युनिटी के लीडर पलानीस्वामी हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई भी इसी कम्युनिटी से आते हैं. अन्नामलाई तेजतर्रार नेता हैं और उन्हें कोयंबटूर से टिकट भी दिया गया. सोशल मीडिया पर वे मशहूर हैं और गाउंडर युवाओं का भी उन्हें खूब समर्थन मिल रहा है. फर्स्ट टाइम वोटर्स में भी अन्नामलाई के लिए लहर नजर आ रही है.NDTV Battleground: कर्नाटक में मोदी फैक्टर कितना कारगर? क्या BJP के मिशन-370 में करेगा मदद, जानें एक्सपर्ट्स की रायतमिलनाडु में जातिगत राजनीति कितनी कारगर?आजादी के वक्त तक तमिलनाडु में ब्राह्मण राजनीति का काफी वर्चस्व रहा, लेकिन समय बीतने के साथ ही द्रविड़ आंदोलन और दलित राजनीति के उभरने से यहां इनका दबदबा कम होता चला गया. BJP की राजनीतिक विचारधारा हिंदुत्व है, यही वजह है कि यहां पार्टी को फायदा नहीं मिलता. क्योंकि तमिलनाडु में हिंदुत्व नहीं, बल्कि द्रविड राजनीति चलती है. सबसे पहला और बड़ा विरोध भाषा का है. हिंदुत्ववादी राजनीति में संस्कृत भाषा की जगह बहुत महत्वपूर्ण है. दूसरी तरफ द्रविड़ राजनीति में द्रविड़ भाषा तमिल महत्वपूर्ण है. बेशक चुनाव में जातिगत राजनीति और हिंदुत्व बनाम द्रविड़ की राजनीति का मुद्दा छाया रहेगा. अब देखना ये है कि हिंदुत्व बनाम द्रविड़ की राजनीति के आगे पीएम मोदी की गारंटी कितना असर करती है.NDTV Battleground: मोदी की गारंटी या कांग्रेस के वादे? कर्नाटक में कौन वोटर्स को खींच पाएगा अपनी ओर

NDTV Battleground: तमिलनाडु में सहयोगी पार्टी अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के अलग होने के बाद BJP अलग-थलग पड़ गई है. तेलंगाना में 2019 के लोकसभा चुनाव में BJP ने 4 सीटें जीती थीं, लेकिन 2023 का विधानसभा चुनाव हारने के बाद यहां कांग्रेस मजबूत नजर आ रही है.
Bol CG Desk

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