RSS ने मीडिया संस्थानों के खिलाफ दर्ज कराई FIR, अयोध्या पर छापी भ्रामक खबर, जानिए पूरा मामला
लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने कई मीडिया संस्थान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। दरअसल, अयोध्या में 100 एकड़ ज़मीन खरीद कर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एक नया कार्यालय बनाने की गलत खबर 14 फरवरी को कई मीडिया संस्थानों ने छापी थी। जिसका खंडन अवध प्रांत के प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ अशोक दुबे ने किया है। उन्होंने ने इस मामले को लेकर दैनिक भास्कर समेत अन्य मीडिया संस्थानों के खिलाफ आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत लखनऊ के हजरतगंज थाना में शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस ने आईपीसी की धारा 153ए, 505, व आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत एफआईआर दर्ज की है। और पढ़ें:- क्लिक करें
डॉ. अशोक दुबे ने पुलिस से कहा कि 14 फरवरी को दैनिक भास्कर ने अपनी वेबसाइट पर ‘अयोध्या में 100 एकड़ में बनेगा आरएसएस मुख्यालय’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इसी दिन न्यूज़ 24 चैनल ने भी उक्त समाचार चलाया। इस मनगढ़ंत समाचार का खंडन करते हुए (RSS) शिकायतकर्ता ने त्वरित ही सभी को प्रेषित किया। दैनिक भास्कर के स्थानीय प्रतिनिधि के साथ-साथ विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधियों से भी बात की। दैनिक भास्कर के प्रतिनिधि की ओर से आश्वस्त भी किया गया था, लेकिन इसके बावजूद दैनिक भास्कर ने 15 फरवरी के अपने प्रिंट एडिशन में पुनः समाचार प्रकाशित किया।
RSS ने मीडिया संस्थानों के खिलाफ दर्ज कराई FIR
दैनिक भास्कर व न्य़ूज़ 24 द्वारा प्रकाशित समाचार के आधार पर अन्य संस्थानों (हरिभूमि न्यूज़, टीवी9, पंजाब केसरी, 24 न्यूज़, जनादेश टुडे, भारत न्यूज व अन्य) ने भी यह तथ्यहीन समाचार प्रकाशित व प्रसारित किया। मनगढ़ंत समाचार के कारण पाठकों, स्वयंसेवक व सामान्य जन में संघ की विपरीत छवि प्रस्तुत हुई।
जबकि तथ्य यह है कि पिछले कई वर्षों से RSS का कार्यालय साकेत निलयम अयोध्या में है। दुबे ने आरोप लगाया कि ऐसा प्रतीत होता है कि एक प्रेरित साजिश के तहत, पूरे तथ्यों से अवगत होने के बावजूद मीडिया रिपोटरें का उद्देश्य फर्जी समाचार प्रकाशित कर आरएसएस की सद्भावना और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना था।
प्रतीत होता है कि राष्ट्रीय RSS की छवि को धूमिल करने व गलत छवि निर्माण करने के उद्देश्य से ही यह मनगढ़ंत समाचार प्रकाशित व प्रसारित किया गया। उक्त झूठा व मनगढ़ंत समाचार प्रकाशित करने से पूर्व विभिन्न संस्थानों ने तथ्यों को जांचना भी उचित नहीं समझा। जबकि मीडिया का दायित्व बनता है कि पूर्ण रूप से जांचने के पश्चात ही समाज के समक्ष तथ्यों को रखा जाए। शिकायत के साथ ही न्यूज वीडियो भी पुलिस को सौंपे हैं।
RSS के FIR पर पुलिस का बयान
हजरतगंज के सहायक पुलिस आयुक्त अरविंद कुमार वर्मा ने कहा कि आरोपी समाचार संगठनों के पत्रकारों और एक कार्यकारी निदेशक के खिलाफ आईपीसी 153 ए (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), आईपीसी 505 (शरारत करने वाले बयान) और आईटी अधिनियम की धारा 66 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा, हमारी जांच है और जल्द ही आरोपियों के बयान लिए जाएंगे।
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