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छत्तीसगढ़बस्तर संभाग

Shankarachary ने लखमा के ‘आदिवासी हिंदू नहीं’ बयान पर किया पलटवार, कही बड़ी (Big) बात

बोल छत्तीसगढ़। प्रदेश के बस्तर में आदिवासियों के हिंदू धर्म के होने और नहीं होने पर बवाल मचा हुआ है। कुछ दिन पहले ही मंत्री कवासी लखमा ने आदिवासियों को हिंदू धर्म से अलग बताया था। लखमा ने कहा था कि आदिवासी हिंदू नहीं है, आदिवासियों की अपनी अलग ही प्रथा है ,जो हिंदूओ से बिल्कुल अलग है। इस बयान को लेकर मचे बवाल के बीच बस्तर पहुंचे पूरी पीठाधीश्वर स्वामी Shankarachary निश्चलानंद सरस्वती ने मंत्री कवासी लखमा के बयान पर पलटवार किया है। स्वामी Shankarachary ने कहा कि अगर आदिवासी हिंदू नहीं है तो कौन है?

Shankarachary ने आखिर क्या कहा

स्वामी Shankarachary ने आगे कहा कि आदिकाल से वनवासियों का धर्म हिंदू है, आदिवासियों में दाह संस्कार है या नहीं, श्राद्ध है या नहीं, प्रण है या नहीं, खुद वनवासियों के पूर्वजों ने कहा है कि हम हिंदू हैं। उन्होंने कहा कि यह ना कहा जाए कि हम हिंदू नहीं है, सब के पूर्वज आदिकाल से ही हिंदू हैं और ऐसा कोई प्रमाण है तो उसे सिद्ध करिए जिसमें यह कहा जाए कि आदिवासी हिंदू नहीं है।

पीठाधीश्वर स्वामी Shankarachary ने इस बारे में कहा कि सब के पूर्वज सनातन वैदिक हिंदू हैं। अगर वे खुद को हिंदू नहीं कहेंगे तो देश का क्या होगा ,देश में हिंदुओं की संख्या घटा करके क्या बनाना चाहेंगे वो, नया पाकिस्तान? पाकिस्तान ऐसे ही बेहाल है। अपने आप को हिंदू नहीं बताकर भारत को कहां ले जाना चाह रहे हैं, सोचिए।

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लखमा ने कही थी यह बात

दरअसल पिछले कुछ दिनों से छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के हिंदू होने के मुद्दे को लेकर लगातार आदिवासी नेता और जनप्रतिनिधियों के बयान सामने आ रहे हैं। जिसमें मंत्री कवासी लखमा ने भी आदिवासियों को हिंदू धर्म से अलग होना बताया था और उनके रीति रिवाज भी हिंदू धर्म से अलग होना बताया था. इस बयान को लेकर छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रांतीय उपाध्यक्ष राजाराम तोड़ेंम ने भी कवासी लखमा के बयान को गलत ठहराया था और कहा था कि आदिवासी शुरू से ही सनातन धर्म को मानने वाले हैं और वह हिंदू है।

इस बयान के बाद सर्व आदिवासी समाज के संभागीय अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने भी आदिवासियों को हिंदू नहीं होना बताया था। उन्होंने कहा था कि आदिवासी भारत के मूल निवासी है और प्रकृति के पुजारी हैं, लेकिन वह हिंदू नहीं है। वहीं अब बस्तर पहुंचे स्वामी Shankarachary इन बयानों को लेकर अपना बयान दिया है और आदिवासियों को आदिकाल से ही हिंदू धर्म का होना बताते हुए उनके पूर्वजों को भी हिंदू धर्म से होना बताया है।

शंकराचार्य ने ईसा मसीह और धर्मांतरण पर कही यह बात

Shankarachary स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने धर्मांतरण को लेकर भी अपना बयान दिया है। उन्होंने कहा कि, मैं ईसाइयों से कहता हूं आप ईसा मसीह को मानते हैं तो उनके बारे में कितना जानते हैं? उन्होंने कहा कि, रोम में ईसा मसीह की प्रतिमा वैष्णव तिलक में है। वह वैष्णव हो गए। जो लोग ईसा मसीह के नाम पर ईसाई बन रहे हैं उन्हें उनका इतिहास नहीं मालूम। ईसा मसीह कई सालों तक कहां रहे यह किसी को नहीं पता। भारत में ईसा मसीह 3 साल तक थे। रोम में ईसा मसीह की प्रतिमा को ढक दिया गया है। जिसे अब तक खोला नहीं गया है।

उन्होंने कहा कि, RSS के संचालक रहे सुदर्शन मेरे पास आते थे। उन्होंने ईसा मसीह को लेकर मुझे एक इतिहास बताया था। ईसा मसीह को जब सूली पर चढ़ा दिया गया था और उन्होंने समझा अब ईसा मसीह मर जाएंगे। लेकिन ईसा मसीह जीवित निकले और पैदल घूमते-घूमते भारत के जम्मू कश्मीर में आ गए थे। आज भी जम्मू-कश्मीर में ईसा मसीह की समाधि है। इस इतिहास का क्या करेंगे?

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Bol Chhattisgarh Desk

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