Jallikattu : जल्लीकट्टू, बैलगाड़ी दौड़ और कंबाला खेल पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, याचिका खारिज
नई दिल्ली। Jallikattu सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के जल्लीकट्टू, महाराष्ट्र के बैलगाड़ी दौड़ और कर्नाटक के कंबाला खेल पर बड़ा फैसला सुनाया है। पांच जजों की संविधान पीठ ने तीनों राज्य के कानून को सही ठहराया है। कोर्ट ने कहा कि नए कानून में क्रूरता के हर पहलू को ध्यान में रखा गया है। खेल सदियों से संस्कृति का हिस्सा और इसे बाधित नहीं किया जा सकता।
Jallikattu तीनों अधिनियम वैध
वहीं कर्नाटक के कंबाला खेल और महाराष्ट्र में बैलगाड़ी दौड़ के खिलाफ लगी याचिका को भी कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि तीनों अधिनियम वैध हैं और इसमें पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।
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याचिका खारिज, लेकिन क्रूरता पर होगी कार्रवाई
बता दें कि याचिकाकर्ता ने सांड़ों के साथ क्रूरता का हवाला दिया था। इसी के तहत कानून रद्द करने की मांग कोर्ट से की थी। याचिका में कानून को संसद से पास पशु क्रूरता निरोधक कानून का उल्लंघन बताया गया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अगर कोई पशु से क्रूरता करता है तो उस पर कार्रवाई होगी।
5 जजों की पीठ ने सुनाया फैसला
याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय के जस्टिस केएम जोसेफ, अजय रस्तोगी, अनिरुद्ध बोस, ऋषिकेश रॉय और सीटी रविकुमार की पांच जजों की संविधान पीठ ने सुनवाई की। उन्होंने कहा कि जल्लीकट्टू कई सालों से खेले जाने वाला पारंपरिक खेल है, जिस पर रोक लगाना सही नहीं होगा।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि मामले को हमले अच्छे से देखा है। हम ये कह सकते हैं कि कानून को राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त होने के साथ, हम हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं।
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