Surya Grahan : साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा, दुनियाभर में देखा जा रहा, लेकिन भारत में नहीं, देखें तस्वीरें


नई दिल्ली। Surya Grahan साल का पहला सूर्य ग्रहण लग चुका है। यह एक कंकणाकृति सूर्य ग्रहण है जिसे मिश्रित सूर्य ग्रहण भी कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह की अमावस्या तिथि पर लगने वाला सूर्य ग्रहण आज सुबह 7 बजकर 04 मिनट से शुरू हो गया है और इसका समापन दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर होगा।
Surya Grahan सूर्य ग्रहण ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में दिखा
Surya Grahan यह सूर्य ग्रहण ऑस्ट्रेलिया में देखा जा रहा है। यह अमेरिका, जापान, चीन में इसे देखा जा रहा है लेकिन भारत में नहीं दिख रहा। यह एक कंकणाकृति सूर्य ग्रहण है, जिसे मिश्रित सूर्य ग्रहण भी कहा जाता है।


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ज्योतिष में ग्रहण अशुभ
गौरतलब है कि ज्योतिष में Surya Grahan ग्रहण को अशुभ घटनाओं में गिना जाता है। ग्रहण के दौरान और उसके पहले से सूतक काल लग जाता है। सूतक काल में किसी भी तरह का शुभ कार्य और पूजा-पाठ करना वर्जित माना जाता है।
भारत में सूर्य ग्रहण का प्रभाव नहीं
इस वजह से इस दौरान शुभ कार्य और पूजा पाठ वर्जित होता है लेकिन भारत में सूर्य ग्रहण का प्रभाव नहीं होने के कारण इसका सूतक काल भी नहीं लगेगा। इसलिए देश के सभी मंदिरों में पूजा पाठ जारी है। मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के सूर्य को कष्ट होता है। शास्त्रों में ग्रहण को अच्छा नहीं माना जाता है।


100 साल में एक बार ऐसी स्थिति
साल का पहला सूर्य ग्रहण बेहद खास है, क्योंकि इसके तीन अलग- अलग रूप (आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार) दिखाई देंगे। आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार सूर्य ग्रहण का मिश्रण हाइब्रिड सूर्यग्रहण कहलाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सूर्य ग्रहण की ऐसी स्थिति लगभग 100 साल में एक बार देखने को मिलती है।


आंशिक सूर्यग्रहण में चंद्रमा सूर्य के छोटे से हिस्से में आकर उसकी रोशनी को बाधित करता है। कुंडलाकार सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य के ठीक बीच में आकर उसकी रोशनी को रोकता है। जबकि, पूर्ण सूर्य ग्रहण में सूर्य के चारों ओर चमकती रोशनी का गोला बन जाता है, जिसे रिंग ऑफ फायर कहते हैं। ऐसी स्थिति में पृथ्वी का एक भाग पूरी तरह से अंधेरे में डूब जाता है।
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