स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंध के अवसर पर मंत्री केदार कश्यप का शुभकामना संदेश
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बलौदाबाजार में स्कूलों का है बुरा हाल, कई जर्जर तो कई गिरने की कगार पर, कैसे पढ़ेंगे बच्चे…

स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंध के अवसर पर मंत्री केदार कश्यप का शुभकामना संदेश

छत्तीसगढ़ के बलोदाबाजर जिले में स्कूलों का बुरा हाल है। कहीं स्कूल भवन जर्जर हैं तो कहीं भवन विहीन हैं। इनके बच्चे कहीं मिडिल तो कहीं पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं। कुछ में शौचालयों का पुर्ननिर्माण अतिआवश्यक है। कुछ में तो शौचालय जर्जर अवस्था में हैं, जो टूटकर गिरने लगे हैं। वहीं कुछ स्कूलों के भवन इतने जर्जर हो गए है कि उन्हें डिस्मेंटल करना बेहद जरूरी हो गया है। कई स्कूलों की छत गिर रही है और कई की टपक रही हैं।

उल्लेखनीय है कि शिक्षा सत्र 2022-23 खत्म हो गया है। अगले महीने से नया शिक्षा सत्र शुरू हो जाएगा। बच्चों में भी नई चुनौती को लेकर उत्साह होगा। शिक्षा विभाग भी प्रवेशोत्सव की तैयारी में जुटेगा, लेकिन इस बार भी सरकारी स्कूलों की हालत में सुधार नहीं हो पाया है। छात्र-छात्राएं फिर नए सत्र में इन काम चलाऊ सुविधाओं के बीच मजबूरी में पढ़ेंगे। सरकार के भरोसे पढ़ रहे इन बच्चों को फिर सुविधाओं के अभाव में शिक्षा दी जाएगी।

21 स्कूल के बच्चे पेड़ के नीचे पढ़ रहे

बलौदाबाजार जिले में 13 हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल सहित 21 स्कूल भवन विहीन है। इनके बच्चे कहीं मिडिल तो कहीं पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं। 212 स्कूल ऐसे हैं जहां पर शौचालयों का पुननिर्माण अति आवश्यक है, कहीं 281 स्कूलों में शौचालय जर्जर हो चुकी है जो टूटकर गिरने लगे हैं। 291 प्राइमरी और और 2. हायर सेकंडरी स्कूल सहित 367 कभी भी कोई भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है।

भवन की दीवारें गिर रहीं टंकी की सफाई भी नहीं

प्राथमिक शाला जांगडा में भवन में ऐसी कोई दीवार नहीं है जिसमें दरारें न देखने को मिलें। सिर्फ इतना फर्क है. कि कहीं पतली तो कहीं मोटी दरारे हैं। फ्लोरिंग तक उखड़ गई है। वहीं शासकीय प्राथमिक शाला ढावाडीह के भवन की हालत इससे भी अधिक खराब है। एक जगह तो दीवारें फट चुकी है। इन क्षतिगस्त स्कूलों में अकेले भाटापारा विकासखंड में 121 स्कूल ऐसे हैं जहां के भवन अत्यधिक जर्जर हो चुके हैं। वहीं पानी टंकियों का सालों तक सफाई नहीं हुई है।

40 स्कूलों में बिजली नहीं

जिले के 40 स्कूल ऐसे हैं जहां बिजली ही नहीं है। ऐसे में छात्र-छात्राएं फिर से नए सत्र से मजबूरी में अंधेरे और गर्मी में पढ़ाई करेंगे। इसके अलावा 57 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जहां सिर्फ शिक्षक ही पढ़ाता है. अंदाजा लगाया जा सकता है कि 5 कक्षाओं में 5-5 विषयों को एक ही शिक्षक कैसे और क्या पढ़ा पाता होगा। इससे भी हैरान करने वाली बात यह भी है कि जिले में 2 स्कूल ऐसे भी है जहां शिक्षक ही नहीं है, ऐसे में इन स्कूलों में व्यवस्था के तहत पढ़ाई कराई जा रही है।

जर्जर भवनों का काम जल्द होगा शुरू: शिक्षा

अधिकारीजिला शिक्षा अधिकारी सीएस ध्रुव ने बताया कि जो स्कूल जर्जर हैं, जिनमें छोटे-मोटे काम है उन स्कूलों की जानकारी बनाकर हमने भेज दी है, कुछ स्कूलों के लिए राशि भी आ चुकी है, मरमम्मत हो या निर्माण कार्य जल्द कराया जाएगा।

Bol CG Desk

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