दिखावे का विकास : supebeda में मौत पर मंत्री रुद्रगुरु नींद में! साढ़े चार साल बाद भी पानी के लिए नहीं हुआ टेंडर

रायपुर। supebeda छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले का गांव सुपेबेड़ा। इस गांव में किडनी की बीमारी से 100 से अधिक ग्रामीणों की मौत हो चुकी है। मौत का यह मुद्दा देशभर में छाया रहा। मामले की जांच शुरु हुई थी। बीमारी की वजह पानी बताई गई। कांग्रेस जब विपक्ष में थी तब गांव में साफ पानी पहुंचाने का वादा किया था। लेकिन सरकार का कार्यकाल खत्म होने को है और आज तक गांव में पानी नहीं पहुंचा है।
supebeda सरकार से जवाब से विपक्ष संतुष्ट नहीं
आज हम यह बात क्यों बता रहे हैं, क्योंकि बिंद्रानवागढ़ के भाजपा विधायक धमरूधर पुजारी ने विधानसभा में यह मुद्दा उठाया। पूछा कि कांग्रेस की सरकार बनने के साढ़े चार साल बाद भी सुपेबेड़ा में पानी नहीं पहुंचा है। इसके लिए टेंडर भी नहीं हुआ है। विपक्ष के इस मुद्दे पर घिरते देख पीएचई मंत्री रूद्र कुमार गुरू ने ऐलान किया कि एक महीने में टेंडर करा देंगे। मंत्री के जवाब से विपक्ष के सदस्य संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने सरकार पर लोगों को पानी नहीं पिलाने का आरोप लगाकर बहिर्गमन कर दिया।
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विधायक पुजारी ने पूछा यह सवाल
डमरूधर पुजारी ने प्रश्नकाल के दौरान पूछा कि उनके विधानसभा क्षेत्र बिंद्रानवागढ़ में 2021 से इस साल 31 जनवरी तक जल जीवन मिशन के अंतर्गत कौन-कौन से काम स्वीकृत किए गए हैं? पीएचई मंत्री ने बताया कि रेट्रोफिटिंग नल जल योजना, एकल ग्राम नल जल के अंतर्गत 372 काम स्वीकृत हैं। इसकी लागत 30341.63 लाख है। फ्लोराइड रिमूवल प्लांट स्थापना के 40 काम स्वीकृत हैं। इसकी लागत 669.62 लाख है। इसके अलावा सुपेबेड़ा बहुग्राम जल प्रदाय योजना स्वीकृत है। इसकी लागत 1034.32 लाख है।

पुजारी ने कहा कि सुपेबेड़ा में लोग मर रहे हैं। कांग्रेस ने घोषणा की थी कि सरकार बनने पर शुद्ध पानी देंगे। मंत्री ने कहा कि हमारी घोषणा है और हम शुद्ध पानी पिलाएंगे। पुजारी ने पूछा कब पिलाएंगे। इस पर मंत्री ने कहा कि अति शीघ्र पिलाएंगे। पुजारी ने आरोप लगाया कि जब से सरकार बनी है, तब से अब तक कुछ नहीं किया गया है।
मंत्री ने कहा कि सीएम से बजट में फंड लेकर योजना बनाई। पहले एकल ग्राम योजना थी बाद में जल जीवन मिशन आने पर नए सिरे से टेंडर की प्रक्रिया शुरू की गई। टेंडर में एक ही प्रतिभागी होने के कारण नए सिरे से प्रक्रिया शुरू की गई। मंत्री के इस जवाब पर विपक्ष ने नाराजगी जताई।
विपक्ष के हंगामे के बीच विधानसभा स्पीकर डॉ. चरणदास महंत ने मंत्री ने कहा कि यह संवेदनशील विषय है इसे लेकर देशभर में चर्चा हुई थी। मंत्री इसे व्यक्तिगत रूप से देखें। स्पीकर ने विपक्ष से कहा कि सिंगल टेंडर आया था तो क्या कर सकते हैं?
कृष्णमूर्ति बांधी ने कहा कि पानी के कारण मौतें हो रही हैं। मंत्री यह मानने के लिए तैयार नहीं हैं। इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि सरकार बनते ही हम लोग वहां गए थे। आप लोग तो 15 साल सरकार में रहे, लेकिन इतने दिनों में कुछ नहीं किया। इसके बाद विपक्ष ने हंगामा कर दिया। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने बहिर्गमन करने की बात कही और विधायकों ने वॉकआउट कर दिया।
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