ऐसा क्या हुआ कि भारत के जिगरी दोस्त रहे रूस ने अमेरिका को लगा दी फटकार
ऐसा क्या हुआ कि भारत के जिगरी दोस्त रहे रूस ने अमेरिका को लगा दी फटकारअमेरिका ने पिछले दिनों आरोप लगाया था कि खालिस्तानी आतंकी गुरुपवंत सिंह पन्नू (Khalistani Terrorist Pannu) की हत्या की साजिश में भारत का हाथ है, लेकिन भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था. अब भारत का जिगरी दोस्त रहा रूस (Russia India) भी उसके समर्थन में मजबूती से आगे आया है. रूस ने इन आरोपों पर अमेरिका को कड़ी फटकार लगाई है. रूस ने गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ हत्या की साजिश रचने के अमेरिका के आरोपों को खारिज कर दिया है. रूसी विदेश मंत्रालय का कहना है कि इस मामले में अभी तक वाशिंगटन ने भारतीय नागरिकों की संलिप्तता का कोई विश्वसनीय सबूत पेश नहीं किया है. रूसी विदेश मंत्रालय की आधिकारिक प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने एक ब्रीफिंग में कहा, “हमारे पास मौजूद जानकारी के मुताबिक, वाशिंगटन ने अभी तक किसी गुरुपवंत पन्नू की हत्या की साजिश में में भारतीय नागरिकों की संलिप्तता का कोई विश्वसनीय सबूत नहीं दिया है. सबूत के अभाव में इस मामले पर अटकलें अस्वीकार्य हैं.” उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मानसिकता के साथ ही भारत के विकास के ऐतिहासिक संदर्भ को नहीं समझता है. वह एक राज्य के रूप में भारत का अनादर कर रहा है. दरअसल रूस ने यह बात मॉस्को में मीडिया के एक सवाल के जवाब में कही. वहीं अमेरिकी न्यूज पब्लिशर ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ ने कहा कि भारत वही करने की कोशिश कर रहा है, जो रूस और सऊदी अरब ने अपने दुश्मन के खिलाफ किया था. रूस ने अमेरिका को क्यों लगाई फटकारवहीं रूसी विदेश मंत्रालय ने एक ब्रीफिंग के दौरान कहा, “मुझे ऐसा लगता है कि ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ को अपने द्वारा दोहराई गई सभी बातों का उपयोग “दमनकारी शासन” शब्द और वाशिंगटन के संबंध में करना चाहिए. घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों मामलों में वाशिंगटन से ज्यादा दमनकारी शासन की कल्पना करना मुश्किल है.” उन्होंने कहा कि अमेरिका की ओर से नई दिल्ली के खिलाफ लगातार और निराधार आरोप (हम देखते हैं कि वे न केवल भारत बल्कि कई अन्य राज्यों पर भी निराधार आरोप लगाते हैं) धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन हैं, यह अमेरिका की राष्ट्रीय मानसिकता, ऐतिहासिक संदर्भ की गलतफहमी को दिखाते हैं. यह एक राज्य के रूप में भारत का अनादर है. हमें लगता है कि यह नव-उपनिवेशवादी मानसिकता, औपनिवेशिक काल की मानसिकता, स्लेव ट्रेड के पीरियड और साम्राज्यवाद से भी आता है.”‘भारत की आंतरिक राजनीति को अस्थिर करने की कोशिश’रूस ने कहा, “यह सिर्फ भारत पर लागू नहीं होता है. इसकी वजह देश में चल रहे लोकसभा चुनावों को जटिल बनाना और भारत की आंतरिक राजनीतिक स्थिति को असंतुलित करना है. बेशक, यह भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का हिस्सा है.” बता दें गुरुपवंत सिंह पन्नू को भारत ने आतंकी घोषित किया है. उसके पास अमेरिका और कनाडा की नागरिकता है. नवंबर में, अमेरिकी न्याय विभाग ने पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में कथित संलिप्तता के लिए एक भारतीय नागरिक के खिलाफ अभियोग चलाया था. विदेश मंत्रालय ने अप्रैल में वाशिंगटन पोस्ट की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था, जिसमें खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने के कथित पोस्ट में भारतीय रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के अधिकारी की संलिप्तता बताई गई थी. विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के इस आरोप को “अनुचित और निराधार” बताया था. अमेरिकी राष्ट्रीय दैनिक वाशिंगटन पोस्ट में छपी रिपोर्ट पर मीडिया के सवालों के जवाब में, जयसवाल ने कहा कि भारत सरकार की तरफ से गठित एक हाई लेवल कमेटी अमेरिकी सरकार की ओर से संगठित अपराधी, आतंकवादी और अन्य पर साझा की गई सुरक्षा चिंताओं की जांच कर रही है.ये भी पढ़ें-हे भगवान यह कैसा पाप! क्लर्क, टेक्नीशियन, डॉक्टर… दिल्ली के हॉस्पिटल में सब मिले थे, पढ़ें इनसाइड स्टोरीये भी पढ़ें-“15 मिनट नहीं, बस 15 सेकेंड के लिए हट जाए पुलिस तो…” : ओवैसी को नवनीत राणा की चुनौती