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Bada Naam Karenge फैमिली शो लेकर आ रहे हैं सूरज बड़जात्या, बोले-आज लोग रिश्तों को लेकर अधिक खुले हैं, लेकिन प्यार की सादगी अभी भी मौजूद है

स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंध के अवसर पर मंत्री केदार कश्यप का शुभकामना संदेश

Bada Naam Karenge फैमिली शो लेकर आ रहे हैं सूरज बड़जात्या, बोले-आज लोग रिश्तों को लेकर अधिक खुले हैं, लेकिन प्यार की सादगी अभी भी मौजूद हैसूरज बड़जात्या अपनी कल्ट क्लासिक्स  हम आपके हैं कौन..! (1994), हम साथ साथ हैं (1999), और विवाह (2006) जैसी पारिवारिक फिल्मों के लिए जाने जाते हैं. इन मल्टी-स्टारर फिल्मों और परिवार के प्यार के इर्द-गिर्द घूमती उनकी कहानी ने उन्हें बेहतरीन फिल्म निर्माता बना दिया. बड़जात्या एक और दिल को छू लेने वाली फैमिली  ड्रामा फिल्म ‘बड़ा नाम करेंगे’ की रिलीज के लिए पूरी तरह तैयार हैं.  गुल्लक फेम पलाश वासवानी इस शो के निर्देशक हैं. सूरज बड़जात्या ने बताया कि “मैं बस वही देखता हूं जो मेरे आस-पास है. मैं अपने बच्चों के दोस्तों को देखता हूं और मुझे एहसास होता है कि हम सिनेमा या मीडिया में जो दिखाते हैं, वह हमेशा सनसनीखेज होता है.View this post on InstagramA post shared by Sony LIV (@sonylivindia)हमेशा याद रखें कि यह कभी भी अंतिम सत्य नहीं होता. मुझे लगता है कि युवाओं को अभी भी अपनी जड़ों से जुड़ना और खुद को जमीन से जुड़ा हुआ महसूस करना बाकी है. साथ ही जब वेस्ट की तुलना में भारत में माता-पिता और उनके बच्चों के बीच की संस्कृति की बात आती है, जैसा कि हम अपनी  शो ‘बड़ा नाम करेंगे’ में दिखाते हैं. भारत में बच्चे अपने माता-पिता को नाराज़ नहीं करना चाहते हैं और उन्हें  रिश्ते को निभाने या फिट होने के लिए बहुत कुछ करना पड़ता है. उन्होंने आगे कहा, “सोनी लिव एक ऐसा पारिवारिक शो चाहता था, जिसे युवाओं के नज़रिए, विवाह और हम साथ-साथ हैं की तरह कुछ हो.  इसलिए जब यह समझने की बात आती है कि इन पारिवारिक कहानियों में ऐसा क्या है जो दर्शकों से जुड़ता है.बड़ा नाम करेंगे की कहानी निर्माताओं के पास कैसे आई, इस बारे में बात करते हुए, बड़जात्या ने खुलासा किया कि यह कहानी 2000 से उनके पास थी. उन्होंने बताया कि वे इसे कैसे आगे बढ़ाएं, इसकी शुरुआत, मध्य या अंत नहीं ढूंढ़ पा रहे थे. और फिर आखिरकार 2020 में कहानी ने आकार लेना शुरू किया.बड़ा नाम करेंगे में आम भारतीय परिवारों की कहानी है. बच्चे अपने घरों से दूर रहते हैं, माता-पिता लगातार चिंता करते हैं.  उन्हें कभी-कभी परिवार के बड़ों से झूठ बोलने की ज़रूरत होती है, ताकि उनकी चिंता थोड़ी कम हो जाए.”यह सब मेरे आस-पास हो रही घटनाओं का मेरा अवलोकन है.”वे कहते हैं, “बच्चे अंततः अपने घर को छोड़ देंगे और कहानी के उस हिस्से को बताने की इच्छा स्वाभाविक रूप से सामने आई.हाल ही में बहुत सारी लव स्टोरीज आईं. मिसमैच्ड और बंदिश बैंडिट्स जैसे शो ने दर्शकों के दिलों को में जगह बनाई. खासकर, मिसमैच्ड सीजन 2 एआई की दुनिया में एक गहरी छलांग थी. जहां ऋषि (रोहित सराफ) और डिंपल (प्राजक्ता कोली) की लवस्टोरी को दिखाने में उन्नत तकनीक प्रमुख भूमिका निभाती है. सूरज ने आगे कहा, “इस शो को सबसे अलग बनाने वाली बात यह है कि यह एक प्योर लव स्टोरी है. मैं कुछ ऐसा बनाना चाहता था जिसे पूरा परिवार बैठकर देख सके. जैसे एक पोता अपने दादा-दादी के साथ बैठकर इसे देखता है. मुझे लगता है कि हम चाहते हैं कि यह शो एक पारिवारिक अनुभव बने. निर्देशक पलाश से मेरी एकमात्र अपील यह थी कि कृपया दिखाएं कि वे शो की लीड जोड़ी अच्छे और बुरे समय से गुज़रते हैं, वे सिर्फ़ पार्टी नहीं कर रहे हैं.सूरज बड़जात्या ने कहा, ‘बड़ा नाम करेंगे’ दो लोगों की कहनी है जो वास्तव में अपने परिवारों को गौरवान्वित करना चाहते हैं.  अगर मुझे कोई ऐसा टाइटल चुनना होता जो अच्छी तरह बिक सके, तो मैं कभी भी प्रेम रतन धन पायो नाम नहीं लेता.  

सूरज बड़जात्या अपनी कल्ट क्लासिक्स  हम आपके हैं कौन..! (1994), हम साथ साथ हैं (1999), और विवाह (2006) जैसी पारिवारिक फिल्मों के लिए जाने जाते हैं. इन मल्टी-स्टारर फिल्मों और परिवार के प्यार के इर्द-गिर्द घूमती उनकी कहानी ने उन्हें बेहतरीन फिल्म निर्माता बना दिया.
Bol CG Desk

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