आम आदमी पार्टी ने एक्जिट पोल को किया खारिज, कहा- उसके प्रदर्शन को कम करके आंका गया
आम आदमी पार्टी ने एक्जिट पोल को किया खारिज, कहा- उसके प्रदर्शन को कम करके आंका गयाआम आदमी पार्टी (आप) ने बुधवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए एक्जिट पोल के नतीजों को खारिज करते हुए कहा कि सर्वेक्षणकर्ताओं ने ‘‘ऐतिहासिक रूप से” उसके प्रदर्शन को कम करके आंका है, जबकि भाजपा ने इन पूर्वानुमानों को लोगों की बदलाव की इच्छा का प्रतीक बताया.दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए बुधवार शाम छह बजे मतदान संपन्न होने के बाद अधिकांश एक्जिट पोल ने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी पर भाजपा को बढ़त मिलने का अनुमान लगाया.आप की राष्ट्रीय प्रवक्ता रीना गुप्ता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि एक्जिट पोल में हमेशा से अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी को कमतर आंका गया है, लेकिन वास्तविक नतीजों में पार्टी को इन अनुमानों से कई गुना अधिक लाभ होता है.गुप्ता ने कहा, ‘‘ आप किसी भी एक्जिट पोल को देख लीजिए – चाहे 2013, 2015 या 2020 के एक्जिट पोल हों- आप को हमेशा कम सीट मिलती दिखाई गईं। लेकिन असल नतीजों में उसे ज्यादा सीट मिलीं.”उन्होंने दावा किया कि दिल्ली के लोगों ने आप को बड़ी संख्या में वोट दिया है और पार्टी ऐतिहासिक जीत दर्ज करने जा रही है तथा केजरीवाल चौथी बार मुख्यमंत्री बनेंगे.चुनाव नतीजे शनिवार को घोषित किये जायेंगे. एक्जिट पोल चुनाव-सर्वेक्षण एजेंसियों द्वारा किए गए अनुमान हैं, जो मतदान केंद्रों से वोट डालने के बाद बाहर आने वाले मतदाताओं के साक्षात्कारों पर आधारित होते हैं. ये वास्तविक परिणामों से काफी भिन्न हो सकते हैं.‘पीपुल्स पल्स’ के एक्जिट पोल के अनुसार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को 51 से 60 सीट मिल सकती हैं, जबकि आप को 10 से 19 सीट मिल सकती हैं. उसका दावा है कि कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाएगी.‘पीपुल्स इनसाइट’ के एक्जिट पोल के अनुसार राजग को 40 से 44 सीट, आप को 25 से 29 सीट और कांग्रेस को शून्य से एक सीट मिलने की संभावना है. कुछ अन्य एक्जिट पोल में भी भाजपा की जीत की संभावना जतायी गयी है.प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि पार्टी एक्जिट पोल अनुमानों का सम्मान करती है. उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि दिल्ली के लोगों ने बहुत पहले ही मन बना लिया था कि उन्हें बदलाव चाहिए.”उन्होंने विश्वास जताया कि आप सत्ता से बाहर होने वाली है और भाजपा 25 साल से अधिक के अंतराल के बाद दिल्ली में अपनी सरकार बनाने जा रही है.