बॉन्ड… जेम्स बॉन्ड, यहां जानिए इस किरदार की ऐसी बातें जो आज तक आपको पता नहीं होंगी
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बॉन्ड… जेम्स बॉन्ड, यहां जानिए इस किरदार की ऐसी बातें जो आज तक आपको पता नहीं होंगीJames Bond Secrets: बॉन्ड, जेम्स बॉन्ड. इसके दीवाने दुनिया भर में हैं. फिल्में न देखने वालों ने भी इस नाम को जरूर सुन रखा होगा. कई इस किरदार को हकीकत मानते हैं तो कई अफसाना. इस किरदार में इतनी खूबियां हैं कि हर कोई इसका कायल है. रोमांच की असीम ऊंचाइयों तक ले जाने वाले इस किरदार को अगर सिनेमा के सबसे बड़े नायक की उपाधि दी जाए तो गलत नहीं होगा. जेम्स बॉन्ड की अब तक आपने कई कहानियां फिल्मों में देखी होंगी, मगर यहां आपको उसकी असली कहानी जानने को मिलेगी. पहले ये जान लीजिए कि अमेज़ॅन एमजीएम स्टूडियो अब जेम्स बॉन्ड फिल्मों के निर्माता माइकल विल्सन और बारबरा ब्रोकोली के साथ एक ऐतिहासिक समझौते के तहत इस फ्रेंचाइजी का क्रिएटिव कंट्रोल लेगा. यह सिनेमा में एक बड़े बदलाव का प्रतीक है.जेम्स बॉन्ड हकीकत या अफसानाPhoto Credit: Image credit: X/@DiscussingFilmजेम्स बॉन्ड ने एक पेज पर अपना जीवन शुरू किया. मतलब जेम्स बॉन्ड एक काल्पनिक किरदार है. जेम्स बॉन्ड के लेखक इयान फ्लेमिंग हैं. सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान नौसैनिक खुफिया विभाग में सेवा करने के बाद, फ्लेमिंग कई अनुभवों से गुजरे थे. कमांडर फ्लेमिंग के प्रमुख मिशनों में से एक ऑपरेशन गोल्डनआई था, जिसका उद्देश्य स्पेन और जर्मनी के बीच संबंधों को खराब करना था. उनका पहला उपन्यास, “कैसीनो रोयाल” 1953 में रिलीज़ हुआ था और बहुत हिट हुआ था. एक सुपरहीरो सीक्रेट एजेंट की रचना ने ब्रिटिश जनता को युद्ध के बाद की गंभीर वास्तविकता को भूलने में मदद की और गौरव महसूस कराया. फ्लेमिंग ने 13 और बॉन्ड उपन्यास लिखे और अपने बेटे के लिए बच्चों की कहानी “चिट्टी चिट्टी बैंग बैंग” लिखी, जो एक हिट संगीत के रूप में स्क्रीन पर भी आई. पहली बॉन्ड फिल्म प्रदर्शित होने के ठीक दो साल बाद 1964 में 56 साल की उम्र में फ्लेमिंग की मौत हो गई.जेम्स बॉन्ड क्या सबसे बड़ा हिटआंकड़े अलग-अलग हैं, लेकिन बॉन्ड स्पष्ट रूप से सभी समय की सबसे सफल फिल्म फ्रेंचाइजी में से एक है, जिसने 25 आधिकारिक फिल्में दी हैं. उद्योग डेटा साइट द नंबर्स दुनिया भर में बॉक्स ऑफिस कमाई के मामले में बॉन्ड को केवल मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स और स्टार वार्स के बाद तीसरे स्थान पर रखती है. जबकि किंग कांग और गॉडज़िला जैसी फ्रेंचाइजी लंबे समय से हैं, मगर बॉन्ड अधिक रेगुलर है. इसकी हर फिल्म के बीच शायद ही कभी दो या तीन साल से अधिक का समय लगता है. सबसे लंबा अंतराल टिमोथी डाल्टन की 1989 की आखिरी फिल्म “लाइसेंस टू किल” और 1995 में पियर्स ब्रॉसनन की “गोल्डनआई” के बीच था. फ्रेंचाइज़ी की वैल्यू को देखते हुए, अमेज़ॅन ने 2021 में एमजीएम से $8.45 बिलियन में बॉन्ड के अधिकार खरीदे.जेम्स बॉन्ड के साथ 007 क्या हैपिछले 60 वर्षों में बॉन्ड के किरदार में अलग-अलग शख्स नजर आए. अब तक ब्रिटिश नागरिक डेनियल क्रेग और रोजर मूरे, स्कॉट्समैन सीन कॉनरी, ऑस्ट्रेलिया से जॉर्ज लेज़ेनबी, वेल्स से टिमोथी डाल्टन और आयरिशमैन पियर्स ब्रॉसनन बॉन्ड बने हैं. उपन्यासों में, बॉन्ड एक स्कॉटिश पिता और स्विस मां का बेटा है. जब वह बच्चा था तो उसके माता-पिता की एक क्लाइंबिंग दुर्घटना में मौत हो जाती है. बॉन्ड के कोडनेम “007” का एक विशिष्ट अर्थ है. “00” पदनाम एजेंट के हत्या करने के लाइसेंस को दर्शाता है, जबकि “7” ब्रिटेन की बाहरी खुफिया सेवा एमआई6 की विशिष्ट इकाई के भीतर उसकी पहचान है. बॉन्ड के बॉस को नामित करने वाला एम “मिशन विभाग” से आता है. क्यू, जो बॉन्ड को अपने सभी बेहतरीन गैजेट्स से सुसज्जित करता है, उसका उपनाम “क्वार्टरमास्टर” है. यह एक सैन्य शब्द है, जो आपूर्ति के प्रभारी व्यक्ति को बताता है.बॉलीवुड में स्पाई फिल्मेंजेम्स बॉन्ड को शुरुआत में बढ़ावा देने वालों में से एक बड़ा नाम अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी का था, जिन्होंने अपनी शीर्ष 10 पुस्तकों में “फ्रॉम रशिया विद लव” में इसका उल्लेख किया था. कथित तौर पर, नवंबर 1963 में डलास के लिए रवाना होने से पहले यह आखिरी फिल्म थी, जो उन्होंने देखी थी. जेम्स बॉन्ड ने पश्चिमी देशों और खासकर ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी को दुनिया भर में चर्चित किया और आम लोगों में ब्रिटेन की ताकत की धारणा को अंदर तक बिठा दिया. इस एक फिल्म ने जासूसी की दुनिया के प्रति आम लोगों को रोमांचित कर रखा है और इसकी वजह से न जानें कितनी स्पाई फिल्में सुपर-डुपर हिट हुईं. भारत में भी एजेंट विनोद से लेकर बेबी, एक था टाइगर, मद्रास कैफे, डी डे, फैंटम जैसी फिल्में बनी हैं.