Digital Snan In Mahakumbh: क्या घर बैठे ऑनलाइन भी लगा सकते हैं महाकुंभ में डुबकी? ज्योतिषी ने बताया प्रयागराज जाए बिना कैसे प्राप्त करें पुण्य
Digital Snan In Mahakumbh: क्या घर बैठे ऑनलाइन भी लगा सकते हैं महाकुंभ में डुबकी? ज्योतिषी ने बताया प्रयागराज जाए बिना कैसे प्राप्त करें पुण्यDigital Snan In Mahakumbh: आपने डिजिटल दर्शन सुने होंगे, डिजिटल पूजन के बारे में सुना होगा. पर, क्या आपने महाकुंभ में डिजिटल स्नान (Digital Snan karne ke fayde) के बारे में सुना है. ये सुनकर अजीब लग सकता है कि लेकिन महाकुंभ में कई स्टार्टअप चल रहे हैं, जो महाकुंभ के दौरान गंगा जल में स्नान करने का सिलसिला शुरू किया. जिसे लोगों ने अपनी फोटोज भी भेजीं. पर, क्या हिंदू शास्त्रों के तहत डिजिटल स्नान किया जा सकता है. क्या बिना जाए जिस तरह पूजा या दर्शन, मोबाइल फोन के माध्यम से करना सही माना जाता है. क्या उसी तरह सिर्फ फोटो को जल में स्नान कराना पुण्य (Bina Jaye Mahakumbh ka labh kaise milega) फलदायी हो सकता है. इस बारे में कुछ ज्योतिषियों और जानकारों से बात की. चलिए जानते हैं डिजिटल स्नान को लेकर उन्होंने क्या तर्क दिए.डिजिटल स्नान स्टार्टअप का वीडियो वायरल (Digital Snan Viral Video)जानकारों का मत जानने से पहले डिजिटल स्नान का स्टार्टअप शुरू करने वाले शख्स का वायरल वीडियो देख लीजिए.महाकुंभ में एक शख्स ने दावा किया कि वो खुद प्रयागराज में रहते हैं और लोगों को डिजिटल स्नान करवा रहे हैं.ये स्नान उन लोगों के लिए है जो महाकुंभ नहीं आ सकते. उन्हें ये शख्स डिजिटल तरीके से स्नान करवाते हैं.ये युवक ऐसी इच्छा रखने वाले भक्तों से उनकी फोटो वॉट्सएप पर मंगाता है.उन फोटोज का प्रिंट निकालता है. और, उन फोटो को गंगाजल में डुबकी लगवाता है.इस पूरी प्रक्रिया का वीडियो बनाकर वो लोगों को सेंड भी करता है.डिजिटल स्नान करवाने के लिए ये युवक प्रति भक्त 11 सौ रु. भी चार्ज कर रहा है.युवका का दावा है कि प्रयाग इंटरप्राइजेज के नाम से उसने इसी महाकुंभ से ये स्टार्टअप शुरू किया है.क्या डिजिटल स्नान से पुण्य प्राप्त हो सकता है? (Punya Phal can be gained from digital bathing?)View this post on InstagramA post shared by Akash Banerjee (@akashbanerjee.in)अब सवाल ये उठता है कि क्या डिजिटल स्नान के इस तरीके से महाकुंभ में स्नान का असल पुण्य फल प्राप्त किया जा सकता है. एनडीटीवी ने इस बारे में अलग अलग जानकारों की राय जानने की कोशिश की. चलिए आपको भी बताते हैं उन्होंने इस बारे में क्या कहा.डॉ गौरव कुमार दीक्षित, ज्योतिषाचार्य/न्यूमेरोलोजिस्ट/वास्तु विशेषज्ञ/टैरो कार्ड रीडर का मतफोटो लेकर डिजिटल स्नान का विधान शास्त्रों में नहीं है. ये सिर्फ प्रोफेशनल तरीका है. इससे जातक को पुण्य लाभ नहीं मिलेगा.पूजन के दौरान चेतना का आह्वान कर फोटो रख कर पूजा करवाई जा सकती है. लेकिन स्नान नहीं.पंडित राहुल दीक्षित, ज्योतिषाचार्य का मतपंडित राहुल दीक्षित ने इस तरह के स्टार्टअप को अशास्त्रिक (शास्त्रों में जिसका उल्लेख न हो) और अमर्यादित बताया है.डिजिटल तरीके से पूजन या दर्शन अलग बात है लेकिन डिजिटल तरीके से या फोटो को स्नान कराने से पुण्य लाभ मिलना असंभव है.अगर कुंभ न जा सके तो कैसे मिल सकता है पुण्य लाभ? (How To Get Punya Labh Without Going Kumbh)शास्त्र और ज्योतिष के दोनों जानकारों से एनडीटीवी ने ये भी जाना कि ऐसे कौन से तरीके हो सकते हैं, जिनके जरिए बिना कुंभ जाए भी स्नान का पुण्य हासिल किया जा सकता है.घर बैठे महाकुंभ में करना चाहते हैं तो पंडित गौरव कुमार दीक्षित के बताएं नियम का पान कर सकते हैंपहला तरीकाब्लड रिलेशन में जो लोग हैं, वो कुंभ में आपका नाम लेकर डुबकी लगाएं तो पुण्य लाभ मिल सकता है.ब्लड रिलेशन यानी कि माता, पिता, भाई, बहन, पुत्र या पुत्री. पति अपनी पत्नी और पत्नी अपने पति का नाम लेकर डुबकी लगाए तो भी पुण्य लाभ मिल सकता है.दूसरा तरीकाअपने किसी परिचित या रिश्तेदार के हाथ अपना पहना हुआ कपड़ा भिजवा दें.उस कपड़े को गंगा जल में डुबकी लगा कर, वहीं छोड़ देने से भी पुण्य लाभ मिल सकता है.तीसरा तरीकागंगा जी का पवित्र जल और रज यानी मिट्टी को बुलवा लें.पहले गंगा रज को माथे पर लगाएं फिर शरीर पर लाएं.उसके बाद गंगाजी के जल से स्नान कर लें. ऐसा करने से भी महाकुंभ में स्नान जितना ही पुण्य लाभ मिल सकता है.पंडित राहुल दीक्षित, ज्योतिषाचार्य का मतपहला तरीकाआप महाकुंभ में मौजूद पंडित को नाम, गोत्र की जानकारी दें.वो उस नाम और गोत्र को लेते हुए गंगा किनारे बैठ कर मंत्र जाप करे. ऐसा करने से भी पुण्य फल प्राप्त होता है.दूसरा तरीकामहाकुंभ में आए जरूरतमंद लोगों को दान करवाएं.अन्न और वस्त्र के दान से पुण्य लाभ होगा.तीसरा तरीकामहाकुंभ में यज्ञ और अनुष्ठान करवाएं.इन में आपकी डिजिटल उपस्थिति से भी पुण्य फल मिलेगा.(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)