निःशक्तजन वित्त एवं विकास निगम अब दिव्यांगजन निगम

रायपुर। ईश्वर की बनाई सृष्टि में कुछ लोग भले ही दिव्यांग हों, मगर देहदान और नेत्रदान करके वे महादानी बन गए हैं। सक्षम दिव्यांग सेवा केन्द्र संगठन देशभर में दिव्यांगजनों को इसके लिए प्रेरित कर रहा है। उनके सशक्तिकरण के लिए समर्पित है। नर सेवा नारायण सेवा है, यह लाइनें दिव्यांगों की सेवा में पूरी तरह फिट उतरती हैं। न बोल पाना, न सुन पाना, न देख पाना, ऐसे लोगों को दिव्यांग कहा गया है।
इनकी मदद और सेवा के लिए देशभर में एक संगठन कार्य कर रहा है जिसे ‘सक्षम दिव्यांग सेवा केन्द्र’ के नाम से जाना जाता है। इस संस्था ने देशभर में सैकड़ों दिव्यांगों को नि:शुल्क ट्राइसिकल, व्हीलचेयर, ब्लाइंड सफेद छड़ी, चिकित्सा उपचार, वाकर, यूडीआईडी उपकरण उपलब्ध कराये हैं साथ ही गरीब और अनाथ दिव्यांगों के लिए नि:शुल्क छात्रावास की सुविधा भी उपलब्ध कराई है। सक्षम’ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुरेन्द्र शुक्ला कहते हैं कि SAKSHAM यानि समदृष्टि क्षमता विकास एवं अनुसंधान मंडल एक पंजीकृत धर्मार्थ राष्ट्रीय संगठन है जिसकी स्थापना 20 जून 2008 को नागपुर में हुई।
रज्जू भैया सेवा न्यास एवं भाउराव देवरस न्यास के सान्निध्य में संचालित संस्था सक्षम दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए समर्पित है। देशभर में दिव्यांग सेवा केन्द्र, नेत्र कुंभ, धीमहि, अंधत्व मुक्त भारत अभियान, प्रणव तथा रक्तदान के लिए प्राणदा कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं। सक्षम का दृढ़ विश्वास है कि प्रत्येक मनुष्य दिव्य गुणों और क्षमताओं से संपन्न है और विकलांगता प्रकृति में निहित विविधता का एक आंतरिक पहलू है।
शुक्ला बताते हैं कि सक्षम संगठन दिव्यांगों के बीच ऐसा वातावरण बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां दिव्यांगजन जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे दैनिक कार्य, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक आदि में खुद को समाहित कर सकें तथा आत्म-सम्मान और गरिमा के साथ अपना जीवन जी सकें तथा राष्ट्र के पुनर्निर्माण में अपनी भूमिका निभा सकें। सक्षम दिव्यांग केन्द्र के सेवा कार्यों पर एक नजर डालें तो अब तक प्रदेशभर में 1852 दिव्यांगों से संपर्क किया गया तथा उनकी आवश्यकतानुसार ट्राई साइकिल 09 को, यूडीआईडी 140 को, दिव्यांग प्रमाण पत्र 115 को, वाकर 03 को, ब्लाइंड सफेद छड़ी 02 को, चिकित्सा परामर्श 118 को, तीस दिव्यांग विदयार्थियों को नि:शुल्क पुस्तकें, पांच को नि:शुल्क चिकित्सा उपचार के अलावा सक्षम संस्था की ओर से 15 व्हीलचेयर का वितरण किया गया तथा 15 दिव्यांग खिलाड़ियों को ट्रेक सूट बांटे गए।
जरूरतमंद महिलाओं को स्वरोजगार के लिए 41 सिलाई मशीनें भेंट की गईं। इन्हीं में से सुश्री ज्योति खंडोरे कहती हैं कि सक्षम की मदद से मैं आत्मनिर्भर हूं तथा खुद का रोजगार संचालन करके आर्थिक रूप से समृद्ध हुई हूं। उन्होंने सक्षम का आभार जताया। छत्तीसगढ़ में ‘सक्षम’ संस्था के योगदान को देखें तो राजनांदगांव में दिव्यांगों के लिए सीआरसी सेंटर चलाया जा रहा है। रायपुर में नि:शुल्क छात्रावास की व्यवस्था की गई है जबकि कवर्धा, जांजगीर चांपा, बिलासपुर व लोहारा में छात्रावास के साथ—साथ दिव्यांग स्कूल स्पोर्टस का संचालन एवं रक्तदान—नेत्रदान शिविर का आयोजन किया गया। संस्था द्वारा दिव्यांगों को देहदान के लिए प्रेरित किया जाता है।
इसी से प्रेरित होकर विनोद यादव नामक कार्यकर्ता ने देहदान का संकल्प लिया। दूसरी ओर अब तक 150 से अधिक दिव्यांग कार्यकर्ताओं ने नेत्रदान करने का संकल्प लिया है। प्रांत संगठनमंत्री रामजी राजवाड़े कहते हैं कि जब दिव्यांग खुद किसी अंग के ना होने की कमी जिंदगीभर महसूस करते हैं तो ऐसे में उन्हें खुद आकर देहदान करने का संकल्प लेना चाहिए। हमने यह संकल्प सभी दिव्यांगों को दिलाया है, उम्मीद है कि इसके आशानुरूप परिणाम जरूर मिलेंगे। दिव्यांग की सहायता कर उन्हें रोजगार से जोड़कर समाज में उचित स्थान दिलाना पुनीत कार्य है। दिव्यांगों की सेवा करना ईश्वर की सबसे बड़ी पूजा है। उनके अंदर सकलांगों से अधिक कार्य करने की क्षमता होती है बस उनकी मदद करने और आत्मविश्वास जगाने की जरूरत है। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 में 21 प्रकार के दिव्यांगों को चिन्हांकित किया गया है।
सक्षम संस्था ने इन सभी को अपने सेवा कार्यों के दायरे में रखा है। हमारा प्रयास विकलांग व्यक्तियों और बच्चों में मानसिक, शारीरिक एवं बौद्धिक विकास लाना है। भविष्य में दृष्टिहीन भाई-बहनों के लिए हिन्दी और इंगलिश भाषा में साप्ताहिक पाठयक्रम को ब्रेल लिपि में प्रस्तुत करना, इसे प्रदेश के सभी दृष्टिहीनजनों के विद्यालयों की लाइब्रेरी को प्रदान करने का लक्ष्य हमने रखा है। छत्तीसगढ़ दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष लोकेश कावड़िया ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर 15 दिव्यांग हितग्राहियों को ऋृण, 11 दिव्यांग हितग्राहियों को ऋृण अदायगी करने पर ब्याज सब्सिडी एवं श्रवण बाधित दिव्यांग को श्रवण यंत्र प्रदान किया गया।
उन्होंने बताया कि आयोग के वित्तीय संसाधन बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। निःशक्तजन वित्त एवं विकास निगम अब दिव्यांगजन निगम मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ऐलान किया है कि छत्तीसगढ़ निःशक्तजन वित्त एवं विकास निगम को छत्तीसगढ़ दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार दिव्यांगों के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। दिव्यांगों के जीवन स्तर को बेहतर करने के लिए छत्तीसगढ़ की सरकार द्वारा विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमें दिव्यांग बच्चों का सर्वे कर उनके व्यवसाय एवं नए स्टार्टअप के लिए ऋण प्रदान कर मदद करनी चाहिए, ताकि उनके जीवन स्तर में सकारात्मक सुधार आ सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान दंतेवाड़ा जिले में आए थे तब दिव्यांगजनों से उनका विशेष लगाव देखने को मिला था। आज हमारी सरकार ने बेहद अनुभवी सामाजिक कार्यकर्ता को इसकी जिम्मेदारी दी है, जिसका सीधा लाभ दिव्यांग साथियों को मिलेगा। मुख्यमंत्री साय की ओर से 15 दिव्यांग हितग्राहियों को ऋृण, 11 दिव्यांग हितग्राहियों को ऋृण अदायगी करने पर ब्याज सब्सिडी एवं श्रवण बाधित दिव्यांग को श्रवण यंत्र प्रदान किया गया।