भारत

स्वदेशी युद्धक जहाज INS Imphal आज नौसेना में शामिल

भारत का स्वदेशी युद्धक जहाज आईएनएस इंफाल आज नौसेना में शामिल हो जाएगा। आईएनएस इंफाल के नौसेना में कमीशन होने का कार्यक्रम मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में होगा।

इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी कार्यक्रम में शामिल होंगे। आईएनएस इंफाल विशाखापत्तनम श्रेणी के डेस्ट्रॉयर है, जिसे भारतीय नौसेना ने ही डिजाइन किया और भारत में ही इसका निर्माण किया गया है।

आईएनएस इंफाल से जुड़े 10 फैक्ट्स

  1. आईएनएस इंफाल पहला युद्धक जहाज है, जिसका नाम उत्तरपूर्व के किसी शहर के नाम पर रखा गया है। आईएनएस इंफाल इस बात की अहमियत दर्शाता है कि देश की सुरक्षा और समृद्धि में देश के उत्तरपूर्व क्षेत्र भी अहम है। युद्धक जहाज का नाम मणिपुर की राजधानी इंफाल के नाम पर रखने के फैसले को साल 2019 में राष्ट्रपति ने मंजूरी दी थी।
  2. आईएनएस इंफाल का निर्माण मझगांव डॉक लिमिटेड में किया गया है और इसके निर्माण में 75 प्रतिशत तकनीक स्वदेशी है। आईएनएस इंफाल पर जमीन से जमीन पर मार करने वाली, जमीन से हवा में मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइलें तैनात हैं। साथ ही इस पर पनडुब्बियों को निशाना बनाने वाले रॉकेट लॉन्चर और 76एमएम की सुपर रैपिड गन भी लगाई गई है। आईएनएस इंफाल बराक 8 मिसाइलें, सर्विलांस रडार और टॉरपीडो से भी लैस है।
  3. आईएनएन इंफाल परमाणु हमले, जैविक हमले और रसायनिक हमले की स्थिति में भी लड़ने के लिए सक्षम है।
  4. इसमें कंपाइंड गैस और गैस प्रोपल्शन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिसकी वजह से यह युद्धक जहाज 30 नॉट्स की स्पीड से चलने में सक्षम है।
  5. नौसेना का कहना है कि भारत में अब तक बने युद्धक जहाजों में आईएनएस इंफाल सबसे बेहतर है और यह युद्धक जहाज बनाने की भारत की क्षमताओं का परिचायक है।
  6. आईएनएस इंफाल को 20 अक्तूबर को भारतीय नौसेना को डिलीवर किया गया था। इससे पहले इसके ट्रायल हुए थे। नौसेना ने भी इसका सफल परीक्षण किया, जिसके बाद अब यह नौसेना में शामिल होने के लिए तैयार है।
  7. नौसेना में कमीशन होने के बाद आईएनएस इंफाल नौसेना की वेस्टर्न नेवल कमांड का हिस्सा बनेगा।
  8. यह युद्धक जहाज नौसेना के प्रोजेक्ट 15बी (विशाखापत्तनम श्रेणी) का हिस्सा है। जो कि प्रोजेक्ट 15ए (कोलकाता श्रेणी) और प्रोजेक्ट 15 (दिल्ली श्रेणी) का आधुनिक स्वरूप है।
  9. आईएनएस इंफाल की कुल लंबाई 535 फीट, ऊंचाई 57 फीट और कुल वजन 7400 टन है। इस पर 300 नौसैनिक तैनात हो सकते हैं और यह एक बार में 42 दिनों तक समुद्र में रह सकता है। इस पर ध्रुव और सी किंग हेलीकॉप्टर भी तैनात किए जा सकते हैं।
  10. हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव के जवाब में भारतीय नौसेना भी लगातार अपनी क्षमताओं में इजाफा कर रही है। आईएनएस इंफाल के नौसेना में शामिल होने से भारत की युद्धक क्षमताएं बेहतर होंगी।
Senior Desk Bol CG

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button