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छत्तीसगढ़

stray dogs dangerous : आवारा कुत्तों के हमले से जा रही लोगों की जान, क्या पशु क्रूरता कानून ने बांध रखे हाथ…व्यापक समाधान क्यों नहीं?

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रायपुर। stray dogs dangerous देश में आवारा कुत्तों के हमले को लेकर बहस छिड़ गई है। कोई कुत्तों की संख्या कम करने बधिया करण की बात करते हैं, कुछ आवारा जानवरों के लिए पर्याप्त भोजन उपलब्ध कराने की बात करते हैं। लेकिन आवारा कुत्तों के हमलों से लोगों की जान चली जा रही है। इसके शिकार बच्चे अधिक हो रहे हैं। पिछले दिनों ऐसे ही एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था, जिसमें एक बच्चे को कुत्तों के झुंड ने नोच नोच कर मार डाला। इसके अलावा घरेलू पालतू कुत्तों के हमले का मामला भी सामने आ चुका है। एक पालतू कुत्ते ने घर में अकेली मां को नोच कर मार डाला। उसका बेटा जिम ट्रेनर था। वह घर से बाहर था। इस वक्त अचानक कुत्ते ने मां पर हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।

stray dogs dangerous पशु प्रेमी बनाम लोगों की जान

stray dogs dangerous हम इस पर आज चर्चा क्यों कर रहे हैं, क्योंकि छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में कुत्ते पर हमला करने के आरोप में एक युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है। दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रही है। इस वीडियो में एक शख्स कुत्ते को बेरहमी से पीट रहा है। कुछ वक्त बाद पशु प्रेमी उस जगह पर पहुंचे और युवक की शिकायत थाने में दर्ज कराई। जिसके बाद पशु क्रूरता अधिनियम के तहत युवक पर कार्रवाई की गई है। और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। यह पूरा मामला नैला चौकी अंतर्गत ग्राम कन्हाईबंद का है।

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पशु पर हमला करना जायजा नहीं है। किसी भी हाल में पशुओं पर क्रूरता नहीं करनी चाहिए,लेकिन जब कोई अपने बचाव में करे तो क्या उसे क्रूरता के दायरे में माना जाएगा। हाल की घटनाओं को देखते हुए आवारा कुत्तों के व्यवहार में बदलाव आया है। जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इस पर शोध करने की जरूरत है। आखिर कुत्ते अचानक इतने आक्रामक क्यों हुए? राहगीरों पर अचानक हमले क्यों कर रहे हैं?

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी है। पिछले दिनों पूर्व महापौर प्रमोद दुबे भी कुत्तों के शिकार होते होते बचे। उन्होंने ट्वीटर पर इसकी जानकारी दी। लिखा कि, कुत्तों का आतंक इतना बढ़ गया है कि सुबह 5 बजे 6 कुत्ते घेर लिए।समझ मे नही आ रहा था कि रोकें कि तेजी से पैडल मारे,लेकिन देश मे इसके लिए बने कानून के सामने नतमस्तक होना पड़ता है। जनता से भी अपील है कि मान @narendramodi जी को ट्वीट कर ऐसे संविधान में संशोधन करने हेतु पहल करें।

हालांकि प्रमोद दुबे के इस ट्वीट पर पशु प्रेमियों ने आपत्ति जताई लेकिन अगर किसी की जान चली जाए तो क्या पशु के कृत्य को नजरअंदाज किया जा सकता है। क्या किसी इंसान की जान लौटाई जा सकती है। ऐसे कई सवाल है, जिनके जवाब पशु प्रेमियों को देने की जरूरत है। ॉ

वहीं क्या आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी पर अंकुश लगना नहीं चाहिए। क्या आक्रमक हो चुके कुत्तों की पहचान करने की आवश्यकता नहीं है। झुंड में कुत्ते क्यों हमले कर रहे हैं, इसकी पड़ताल करने की आवश्यकता नहीं है।

अगर ऐसे हमले से नहीं जागे तो कल बीच सड़क में किसी की भी जान जा सकती है। और पशु प्रेमी हाथ मलते रह जाएंगे।

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Onima Shyam Patel

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