कपूर फैमिली के इस ‘बदनसीब’ एक्टर ने की 38 साल में 48 फिल्में, लीड रोल के लिए रहा तरसता, गुमनामी में काट दी जिंदगी
100 साल से भी पुराने इंडियन सिनेमा पर कपूर फैमिली ने सबसे ज्यादा राज किया है और आज कपूर खान की विरासत को रणबीर कपूर आगे बढ़ा रहे हैं. इंडियन सिनेमा में कपूर फैमिली का सफर पृथ्वीराज कपूर से शुरू हुआ था. कपूर फैमिली से हिंदी सिनेमा में कई एक्टर्स आए, लेकिन शोहरत सभी को नहीं मिली. वहीं, कपूर फैमिली का एक और एक्टर जिसको उसके काम के लिए कभी भी क्रेडिट नहीं मिला और ना ही बड़ा नाम. इस एक्टर ने कपूर खानदान से होने के बाद भी फिल्मों में बस साइड रोल ही किए और पर्दे पर गुमनामी की जिंदगी बिता दी. आइए जानते हैं कपूर फैमिली के इस एक्टर के बारे में.कौन है कपूर फैमिली का यह अभागा एक्टर?दरअसल, हम बात कर रहे हैं हिंदी सिनेमा के शो-मैन राजकपूर के चाचा रविंद्र कपूर की, जो कि पृथ्वीराज कपूर के चचेरे भाई हैं. रविंद्र कपूर के असली भाई कमल कपूर हैं, जो एक कैरेक्टर आर्टिस्ट थे और फिल्मों में बतौर विलेन नजर आते थे. रविंद्र कपूर को उनके स्टार भतीजे राज कपूर के फिल्म प्रोडक्शन कंपनी आरके फिल्म्स से भी कभी फिल्मों में काम नहीं मिला, लेकिन कमल कपूर ने जरूर काम किया था. रविंद्र कपूर ने ठोकर (1953) और पैसा (1957) जैसी फिल्मों में काम किया था. रविंद्र कपूर हिंदी सिनेमा के बाद पंजाबी सिनेमा से भी जुड़े थे. रविंद्र कपूर को आखिरी बार साल 1991 में रिलीज हुई फिल्म ‘बेनाम बादशाह’ में देखा गया था.हिट फिल्मों में किया काम नहीं मिला फेमबता दें, रविंद्र कपूर फिल्मों में छोटे-मोटे रोल ही करते रह गए. यहां तक कि रविंद्र कपूर ने फिल्म ‘द बर्निंग ट्रेन’ जैसी पॉपुलर फिल्म में भी काम किया था, लेकिन उन्हें फिल्म में क्रेडिट तक नहीं मिला था. यहां तक कि फिल्मों में उनके रोल का नाम तक भी नहीं होता था. वहीं, पंजाबी सिनेमा में उन्हें रविंद्र कपूर गोगा के नाम से जानते थे, लेकिन पंजाबी फिल्मों को छोड़ वह फिर बॉलीवुड में लौटे और धर्मेंद्र स्टारर ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘आया सावन झूम के’ साथ-साथ ‘यादों की बारात’ जैसी हिट फिल्मों में काम किया था, लेकिन इस फिल्मों से भी उन्हें कोई पहचान नहीं मिली. रविंद्र कपूर आज गोगा कपूर के नाम से जाने जाते हैं. बता दें, रविंद्र कपूर का जन्म 15 दिसंबर 1940 को पाकिस्तान के गुजरावाला में हुआ था और वहीं 3 मार्च 2011 में 70 साल की उम्र में मुंबई में उनका निधन हो गया था.