Quick Feed

“भारत की सफलता को पचा नहीं पा रहे” : ब्रिटेन में भारतीय छात्र ने लगाया ‘नफरती’ अभियान का आरोप

“भारत की सफलता को पचा नहीं पा रहे” : ब्रिटेन में भारतीय छात्र ने लगाया ‘नफरती’ अभियान का आरोप

लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (London School of Economics) में पढ़ने वाले भारतीय छात्र सत्यम सुराणा (Satyam Surana) ने छात्र संघ चुनावों में अपने खिलाफ नफरत और बदनामी से भरा अभियान चलाए जाने का आरोप लगाया है. सत्यम सुराणा वही शख्स हैं, जिन्होंने पिछले साल अक्टूबर में  भारतीय ध्वज के अपमान किए जाने के दौरान उसे भीड़ में घुसकर उठा लिया था. दरअसल लंदन में भारतीय उच्चायोग की इमारत के सामने खालिस्तानी विरोध प्रदर्शन के दौरान भारतीय झंडे के अपमान की कोशिश की गई थी. इसी दौरान सत्यम सुराणा चर्चा में आए थे. अब उन्होंने इस साल होने वाले लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में छात्र संघ चुनावों (Student Union Elections) में खुद के खिलाफ  नफरत और बदनामी भरा कैंपेन चलाए जाने का आरोप लगाया है.ये भी पढ़ें-अमेरिका में जहाज की टक्कर लगने से पुल ढहा, 6 के मरने की आशंका, सभी भारतीय क्रू मेंबर सुरक्षित”मुझे बदनाम करने के लिए चलाया कैंपेन”सत्यम  का आरोप है कि वोटिंग से ठीक 12 घंटे पहले उनके खिलाफ एक बहुत ही ‘सुनियोजित’ कैंपेन चलाया गया, इस कैंपेन में उनको बीजेपी से जोड़ा गया. उनको ‘फासीवादी’ भी बताया गया. बता दें कि सत्यम का जन्म महाराष्ट्र के पुणे में हुआ था. वह कुछ महीनों तक बॉम्बे हाई कोर्ट में प्रैक्टिस भी कर चुके हैं. फिलहाल वह लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में एलएलएम कर रहे हैं, जो इस साल कंप्लीट होनी है. सत्यम सुराणा ने न्यूज एजेंसी एएनआई को छात्र संघ चुनावों के दौरान चलाए जा रहे कैंपने के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि एलएसई चुनाव फरवरी और मार्च की शुरुआत में घोषित किए गए थे. उन्होंने अफना नामांकन महासचिव पद के लिए दाखिल किया था. उन्होंने देखा कि 14-15 मार्च को, उनके पोस्टरों को फाड़ दिया गया. उन्होंने इसकी शिकायत अधिकारियों से की. इसके बाद भी पोस्टर में उनके चेहरे पर क्रॉस के निशान लगाए गए,  इसमें लिखा था ‘सत्यम के अलावा कोई भी’. और मेरा बहिष्कार कर दिया गया. “मुझे बीजेपी समर्थक बताया”सत्यम ने आगे बताया कि 17 मार्च की दोपहर को एलएसई के सभी ग्रुमों में मैसेज सर्कुलेट किए गए, जिनमें दावा किया गया था कि वह बीजेपी समर्थक हैं और एक फासीवादी हैं, एक इस्लामोफोब, ट्रांसफ़ोब हैं. इन मैसेज में ये भी लिखा था कि भारत सरकार और मौजूदा प्रतिष्ठान बहुत देशद्रोही और विवादास्पद हैं.सत्यम का आरोप है कि कट्टरपंथियों ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर उनके पोस्ट का स्क्रीनशॉट भी लिया, जहां उन्होंने सिर्फ बीजेपी सरकार की तारीफ की थी, लेकिन उनके पोस्ट का इस्तेमाल उन्हें “फासीवादी” कहने वाले दुर्भावनापूर्ण एजेंडे के साथ किया गया. सत्यम ने बताया कि उनके घोषणापत्र में कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं था, बल्कि सिर्फ परिसर के वास्तविक मुद्दे थे. हालाँकि शुरुआत में उन्हें भारी समर्थन मिला, लेकिन इस घृणित अभियान ने सब खराब कर दिया. सत्यम ने बताया कि वह अपनी पूरी टीम के साथ पूरे परिसर में गए. वह सभी विभागों में पहुंचकर अपनी नीतियों को समझा रहे थे.उनके पास एक बहुत अच्छी तरह से लिखा और अच्छी तरह से तैयार किया गया घोषणापत्र था, जो बिल्कुल भी राजनीतिक नहीं था. इसमें कहा गया था कि एलएसई में, कैसे  सुधार की जरूरत है. किस तकह से एक शिकायत निवारण पोर्टल और  कैंपस में सब्सिडी वाले खाना की जरूरत है. इस पर उनको समर्थन मिल रहा था और लोग कह रहे थे कि वे उनको वोट देंगे. पहले हुई वाहवाही, अब चलाया जा रहा नफरती अभियानसत्यम ने कहा कि उन तीन लोगों में से सिर्फ मुझे ही निशाना बनाया गया. जब ये मैसेज आने शुरू हुए तो उनकी पूरी टीम हैरान रह गई. वह दुविधा में थे और टीम की पूरी नैतिक चेतना चकनाचूर हो गई. सत्यम ने पिछले साल भारतीय उच्चायोग के सामने हुए ध्वज प्रकरण को याद करते हुए कहा, “अक्टूबर की शुरुआत में, मैं खबरों में था क्योंकि मैंने खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों के बीच भारतीय उच्चायोग के बाहर राष्ट्रीय ध्वज उठाया था. मुझे मीडिया कवरेज पाने का सौभाग्य मिला. राष्ट्रीय मीडिया चैनलों ने मेरा इंटरव्यू भी लिया था.” सत्यम ने बताया कि एक पोस्ट में खालिस्तानियों को ‘आतंकवादी’ कहने के लिए उन्हें निशाना भी बनाया गया.सत्यम ने कहा, “देखिए, यह मेरा देश है. मैं हमेशा अपने देश का वकील रहूंगा. ब्रिटेन में छात्र संघ चुनावों के लिए भारतीय राजनीति कैसे प्रासंगिक है? मेरे विचार और मेरी सरकार का समर्थन पूरी तरह से मेरी राय है.”  सत्यम ने बताया कि महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस के साथ उसकी एक फोटो का इस्तेमाल चरमपंथी उन्हें बीजेपी से जुड़ा हुआ बताने के लिए कर रहे हैं. इस फोटो को देवेद्र फड़णवीस ने उनके भारत पहुंचने पर आमंत्रित किए जाने पर क्लिक किया था.People are now Anti-India because they are Anti-Modi‼️They attempted to harass me. I was cancelled, I was slurred.Why?- Because I supported PM Modi.- Because I supported BJP.- Because I spoke up for the truth when the Ram Mandir was built.- Because I supported the… pic.twitter.com/OArzoof3aN— Satyam Surana (@SatyamSurana) March 25, 2024″ये लोग भारत की सफलता पचा नहीं पा रहे”सत्यम का कहा है कि उनके खिलाफ चलाए जा रहे नफरती अभियान के दौरान पहला मैसेज एक भारतीय से मिला था और इस अभियान में शामिल अधिकांश लोग भारतीय ही थे. उन्होंने कहा कि यह कोई व्यक्तिगत अभियान नहीं था, बल्कि एक “सुनियोजित नफरत और टूलकिट अभियान” था,  जिसमें ऐसे लोग शामिल थे जो भारत में मौजूदा बीजेपी सरकार के खिलाफ राजनीति से प्रेरित हैं. सत्यम का  ​​दावा है कि जिन लोगों ने उन्हें निशाना बनाया, वे उस समूह का हिस्सा हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की सफलता को पचा नहीं पा रहे हैं और इसलिए इस तरह का झूठा और दुर्भावनापूर्ण प्रचार फैला रहे हैं.  

सत्यम  का आरोप (Indian Student In UK) है कि वोटिंग से ठीक 12 घंटे पहले उनके खिलाफ एक बहुत ही ‘सुनियोजित’ कैंपेन चलाया गया, इस कैंपेन में उनको बीजेपी से जोड़ा गया. उनको ‘फासीवादी’ भी बताया गया.
Bol CG Desk

Related Articles

Back to top button