स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंध के अवसर पर मंत्री केदार कश्यप का शुभकामना संदेश
Quick Feed

हमें संविधान पर गर्व, हमारा लोकतंत्र पाताल तक गहरा : राज्यसभा में बोले गृहमंत्री अमित शाह

स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंध के अवसर पर मंत्री केदार कश्यप का शुभकामना संदेश

हमें संविधान पर गर्व, हमारा लोकतंत्र पाताल तक गहरा : राज्यसभा में बोले गृहमंत्री अमित शाहकेंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने राज्‍यसभा में संविधान पर चर्चा (Discussion on Constitution) का जवाब दिया. इस दौरान शाह ने कहा कि हमें संविधान पर गर्व है. हमारा लोकतंत्र पाताल तक गहरा है. साथ ही उन्‍होंने कहा कि कोई यह न समझे कि हमारा संविधान अन्य देशों के संविधान की नकल है, हमने अन्य संविधानों से अच्छी बातें ली हैं, लेकिन अपनी परंपराओं को नहीं छोड़ा है. उन्‍होंने कहा कि संविधान में गीता, रामायण के चित्र मौजूद हैं. इस दौरान ईवीएम के मुद्दे को लेकर भी कांग्रेस पर हमला बोला. ईवीएम को लेकर आरोप लगाने वाले शर्म करें : शाह केंद्रीय गृह मंत्री ने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस जब हारती है तो ईवीएम दोषी हो जाता है. साथ ही उन्‍होंने कहा कि महाराष्‍ट्र की जनता ने जवाब दिया है. ईवीएम को लेकर आरोप लगाने वाले शर्म करें. उन्‍होंने कहा कि संविधान में पहला संशोधन 18 जून, 1951 को किया गया. संविधान समिति ने यह संशोधन इसलिए किया क्योंकि कांग्रेस आम चुनाव होने तक इंतजार करने के लिए तैयार नहीं थी. उन्‍होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करने के लिए संविधान में अनुच्छेद 19ए जोड़ा गया था और इस बदलाव को तत्‍कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा लागू किया गया था. संविधान संशोधन से समझे जा सकते हैं इरादे : शाह उन्‍होंने बताया कि भाजपा ने 16 साल तक शासन किया और संविधान में 22 संशोधन किये. इसके विपरीत कांग्रेस ने 55 सालों के शासन में 77 संशोधन किये. उन्‍होंने कहा कि दोनों ही पार्टियों ने संविधान में संशोधन किया है. संशोधनों को लागू करने के विभिन्न तरीके हैं – कुछ संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन करते हैं, जबकि अन्य केवल औपचारिकता करते हैं.  संविधान में संशोधन के पीछे के उद्देश्यों की जांच करके किसी पार्टी के चरित्र और इरादों को समझा जा सकता है. देश आज मजबूती से दुनिया के सामने खड़ा है : शाहउन्‍होंने कहा कि आज जब 75 साल के समय के बाद संविधान को स्वीकार करने के बाद पीछे मुड़कर देखते हैं तो सरदार पटेल को मैं धन्यवाद देना चाहता हूं कि उनके अथक परिश्रम के कारण देश मजबूती के साथ दुनिया के सामने खड़ा है. उन्‍होंने कहा कि आज हम दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर सम्मान के साथ खड़े हैं. शाह ने कहा कि आज हम जिस मुकाम पर खड़े हैं, उस मुकाम पर महर्षि अरविंद और स्वामी विवेकानंद की वो भविष्यवाणी सच होती दिखाई पड़ती है कि भारत माता अपने देदीप्यमान ओजस्वी स्वरूप में जब खड़ा होगा तो दुनिया की आंखें चकाचौंध हो जाएगी और पूरी दुनिया रोशनी के साथ भारत की ओर देखेगी. साथ ही कहा कि जो लोग कहते थे कि हम आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हो पाएंगे, उनको भी हमारी जनता ने, हमारे संविधान ने खूबसूरती से जवाब दिया है. शाह ने कहा कि संविधान की रचना के बाद डॉ अंबेडकर ने बहुत सोच समझकर कहा था कि कोई भी संविधान कितना भी अच्छा हो, वह बुरा बन सकता है, अगर जिन पर उसे चलाने की जिम्मेदारी है, वो अच्छे नहीं हों. उसी तरह कोई भी संविधान कितना भी बुरा हो, वो अच्छा हो सकता है, अगर उसे चलाने वालों की भूमिका सकारात्मक और अच्छी हो. ये दोनों घटनाएं हमने संविधान के 75 साल के कालखंड में देखी हैं. 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि कोई यह न समझे कि हमारा संविधान अन्य देशों के संविधान की नकल है, हमने अन्य संविधानों से अच्छी बातें ली हैं, लेकिन अपनी परंपराओं को नहीं छोड़ा है.
Bol CG Desk

Related Articles

Back to top button