महिला दिवस: मोदी सरकार की 10 योजनाएं… जिन्होंने बदल दी महिलाओं की जिंदगी

महिला दिवस: मोदी सरकार की 10 योजनाएं… जिन्होंने बदल दी महिलाओं की जिंदगी1- IAF की पहली महिला पायलट बनीं तनुष्का सिंह, उड़ाएंगी फाइटर जेट जगुआर2- लेफ्टिनेंट जनरल साधना सक्सेना नायर पहली महिला महानिदेशक चिकित्सा सेवा (सेना) बनीं3- शल्य चिकित्सक वाइस एडमिरल आरती सरीन, सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा के महानिदेशक का पद संभालने वाली पहली महिला बनीं3- Olympics 2024: Manu Bhaker Makes History, Becomes First Indian Woman Shooter To Win Olympics Medal4- Jharkhand woman creates history as 1st biker to scale Lipulekh Pass5- कौन हैं रितु कारिधाल जिन्हें मिली चांद पर चंद्रयान 3 उतारने की जिम्मेदारी, यूपी से है ये रिश्ताये कुछ एक सुर्खियां हैं. बेटियों के बढ़ते कदम की. आसमां को छूते उनके इरादों की. बेटियां पढ़ रही हैं. बेटियां बढ़ रही हैं. किचन से कॉककिट तक उनके बढ़ते कदमों की आहट हर रोज सुनाई दे रही है. ISRO के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स का वे हिस्सा हैं. खेल के मैदानों में वह देश का मान बढ़ा रही हैं. ओलिंपिक में रेकॉर्डतोड़ निशाना लगा रही हैं. अपने कौशल और क्षमता से वह घर की गाड़ी का डबल इंजन बन रही हैं. जो महिलाएं कल तक पटरी पर सामान बेचकर गुजारा कर रही थीं, उनके सपने अब थोड़ा बड़े हैं. ‘राष्ट्रीय महिला कोष योजना’ जैसी स्कीमों से वे दुकान चलाने लगी हैं. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर जानिए कौन सी हैं वे योजनाएं जिन्होंने बेटियों के सपनों और इरादों को पंख लगा दिए हैं… बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना’बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ मोदी सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जो भारत में लड़कियों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद कर रही है. यह योजना 2015 में शुरू की गई थी. योजना के तहत बाल लिंग अनुपात में सुधार और लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. साथ ही बालिकाओं के प्रति सामाजिक मानसिकता में बदलाव लाना और उन्हें सशक्त बनाना है. इस योजना के तहत, सरकार विभिन्न माध्यमों से लोगों को बालिकाओं के महत्व के बारे में जागरूक करती है. इस योजना के तहत, सरकार स्थानीय समुदायों को बालिकाओं के कल्याण के लिए काम करने के लिए प्रोत्साहित करती है. इस योजना का प्रभाव भी दिखाई दे रहा है. साल 2017-18 से महिला सकल (Female Faculty) नामांकन अनुपात (JIR) पुरुष जीईआर से आगे निकल गया. वहीं, उच्च शिक्षा में महिला नामांकन में 2.07 करोड़ (2021-22), जो कुल संख्या 4.33 करोड़ का लगभग 50 प्रतिशत है. महिला और 100 पुरुष संकाय (Male Faculty) का अनुपात भी 2014-15 में 63 से बढ़कर 2021-22 में 77 हो गया है. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही एक मातृत्व लाभ कार्यक्रम है. यह योजना 2017 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है. जनवरी 2025 तक 3.81 करोड़ महिलाओं को 17,362 करोड़ रुपए वितरित किए गए हैं. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पहले जीवित बच्चे के जन्म के दौरान आर्थिक इस योजना के तहत, पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को 5,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है. यह राशि तीन किश्तों में सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा की जाती है. यदि दूसरी बार गर्भवती होने पर महिला बेटी को जन्म देती है, तो एकमुश्त 6000 रुपये दिए जाते हैं. हालांकि, यह पैसा सिर्फ बेटी के जन्म पर ही मिलता है.महिला शक्ति केंद्र से महिलाएं हुईं सशक्तमहिला शक्ति केंद्र (MSK) भारत सरकार द्वारा 2017 में शुरू की गई एक योजना है. इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना है. यह योजना सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से महिलाओं को सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों से जोड़ने में मदद करती है. योजना का मकसद ग्रामीण महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करना, शिक्षा और कौशल विकास प्रदान करना, उद्यमिता और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना और सामाजिक सशक्तीकरण के माध्यम से सशक्त बनाना है.सुकन्या समृद्धि योजनामोदी सरकार की ओर से सुकन्या समृद्धि योजना 2015 में शुरू की गई थी. इसका उद्देश्य बालिकाओं के भविष्य के लिए बचत को प्रोत्साहित करना है. इस योजना के तहत, 10 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं के नाम पर बैंक खाते खोले जा सकते हैं. सुकन्या समृद्धि योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक बचत योजना है, जिसका उद्देश्य बालिकाओं के भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित करना है. यह योजना ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान का एक हिस्सा है. बालिकाओं के भविष्य के लिए बचत को प्रोत्साहित करना, शिक्षा और विवाह के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना और बालिकाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना, इस योजना का मकसद है. यह खाता बालिका के माता-पिता या कानूनी अभिभावक द्वारा खोला जा सकता है. एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं. योजना में आकर्षक ब्याज दर मिलती है, जो सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित की जाती है.उज्ज्वला योजना… ने धुंए से दिलाई मुक्तिमोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है- ‘उज्ज्वला योजना’. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना को अपने कार्यकाल के शुरुआती दिनों में ही शुरू किया था. यह योजना 2015 में शुरू की गई थी. उज्ज्वला योजना खासतौर पर ग्रामीण महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव लेकर आई है. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का दायरा बढ़ कर 10 करोड़ परिवारों तक हो गया है. सरकार उज्ज्वला योजना के तहत 75 लाख परिवारों को नये एलपीजी कनेक्शन देने की योजना आने वाले सालों में है. इस योजना में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कुल खर्च 12,000 करोड़ रुपये होगा. उज्ज्वला योजना का उद्देश्य ग्रामीण और वंचित परिवारों को स्वच्छ ईंधन (LPG) उपलब्ध कराना है. इसका उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे (BPL) के परिवारों की महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान करना है. इस योजना के तहत, सरकार प्रति एलपीजी कनेक्शन 1600 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करती है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में खाना पकाने के लिए उपयोग किए जाने वाले जीवाश्म ईंधन की जगह एलपीजी के उपयोग को बढ़ावा देना है.तीन तलाक पर प्रतिबंध से मुस्लिम महिलाएं हुई सशक्तमुस्लिम महिलाओं की जिंदगी में ‘तीन तलाक पर प्रतिबंध’ कानून वो बदलाव लेकर आया है, जिसका वो दशकों से इंतजार कर रही थीं. तीन तलाक, जिसे तलाक-ए-बिद्दत भी कहा जाता है, एक ऐसी प्रथा थी, जिसमें एक मुस्लिम व्यक्ति अपनी पत्नी को मौखिक रूप से, लिखित रूप में या इलेक्ट्रॉनिक रूप से तीन बार “तलाक” शब्द कहकर तलाक दे सकता था. इस प्रथा को मोदी सरकार के प्रयासों के बाद अगस्त 2017 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा असंवैधानिक घोषित किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में शायरा बानो बनाम भारत संघ मामले में तीन तलाक को असंवैधानिक और कुरान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ बताया था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, केंद्र सरकार ने मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 पारित किया. इस अधिनियम के तहत, तीन तलाक को एक दंडनीय अपराध बनाया गया है, जिसमें दोषी पति को तीन साल तक की कैद और जुर्माने की सजा हो सकती है. यह अधिनियम पीड़ित महिलाओं को अपने और अपने नाबालिग बच्चों के लिए गुजारा भत्ता मांगने का अधिकार भी देता है. इस प्रतिबंध का मुख्य उद्देश्य मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें समान अवसर प्रदान करती है.Photo Credit: IANSमहिला ई-हाट योजना से महिलाओं के व्यापार को लगे पंख महिलाओं को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के मकसद से मोदी सरकार ने इस योजना को साल 2016 में लॉन्च किया था. इसका उद्देश्य महिला व्यपारियों को अपने प्रोडक्ट ऑनलाइन बेचने के लिए एक मंच प्रदान करना है. यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनके उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बढ़ावा देने में मदद करती है. महिला उद्यमी डिजिटल मार्केटिंग और ई-कॉमर्स के बारे में इस योजना के तहत प्रशिक्षण भी प्राप्त कर सकती हैं. महिला उद्यमी महिला ई-हाट पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं. महिला ई-हाट पोर्टल पर महिला उद्यमी अपने उत्पादों को मुफ्त में लिस्टेड कर सकती हैं. महिलाओं को अपने प्रोडक्ट बेचने के लिए यहां कोई कमीशन भी नहीं देनी होती है. ‘सखी निवास’, कामकाजी महिला छात्रावासयह योजना कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित और सुविधाजनक आवास प्रदान करती है. यह योजना उन महिलाओं के लिए है, जो अपने घर से दूर काम करती हैं और उन्हें रहने के लिए सुरक्षित स्थान की आवश्यकता होती है. मोदी सरकार का लक्ष्य 523 छात्रावासों से 26,306 महिलाएं लाभान्वित करने का है. कामकाजी महिला छात्रावास योजना भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही एक योजना है, जिसका उद्देश्य कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित और आरामदायक आवास उपलब्ध कराना है. राष्ट्रीय महिला कोष योजना से महिलाओं को आसान लोनयह योजना गरीब महिलाओं को छोटे-छोटे लोन देती है, ताकि वे अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकें. राष्ट्रीय महिला कोष (RMK) भारत सरकार द्वारा स्थापित एक संगठन है जिसका उद्देश्य गरीब महिलाओं को सूक्ष्म ऋण प्रदान करना है. मुद्रा योजना के तहत 69 प्रतिशत सूक्ष्म ऋण महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को दिए गए हैं. इसका प्रभाव यह हुआ है कि प्रमुख घरेलू निर्णयों में महिलाओं की भागीदारी में 84% (2015) से बढ़कर 88.7 प्रतिशत (2020) हो गई है.वन स्टॉप सेंटर योजना दे रही मार्गदर्शन वन स्टॉप सेंटर योजना हिंसा से प्रभावित महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है. यह योजना महिलाओं को सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करती है और उन्हें अपने जीवन को फिर से खड़ा करने में मदद करती है. इस योजना के मुख्य उद्देश्य, हिंसा से प्रभावित महिलाओं को एक ही स्थान पर सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करना, कानूनी, चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करना, आश्रय और पुनर्वास सेवाएं प्रदान करना और उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करना है.