स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंध के अवसर पर मंत्री केदार कश्यप का शुभकामना संदेश
रायपुर। कांग्रेस शासन में किसानों के बदहाली के लिए मुख्यमंत्री बघेल को जिम्मेदार बताते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। साव ने कहा कि सिंचाई की सुविधा में विस्तार करने, सिंचाई का रकबा डबल करने की बात कांग्रेस सरकार ने की थी। लेकिन पांच सालों में कोई काम नही किया। एक एकड़ जमीन को भी इन्होंने सिंचित नही किया। किसानों के हजारों पंप कनेक्शन पेंडिग पड़े हैं। सिंचाई का विस्तार नही करने से सिंचाई के अन्य साधन पर निर्भर किसान को बिजली कनेक्शन भी नही मिल पाया। साव ने कहा इसके साथ ही कांग्रेस सरकार ने दलहन तिलहन की खेती के साथ समर्थन मूल्य, टमाटर और अनाज को भंडारित करके रखने के लिए स्टोरेज और प्रोसेसिंग प्लांट जैसी आवश्यकताओं से किनारा कर लिया है।
विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपनी घोषणा पत्र जारी कर दिया है उसके बाद भी बीच में मुख्यमंत्री छुटपुट घोषणाएं कर रहे हैं। अरुण साव का आरोप है कि भाजपा के घोषणा पत्र से घबराई कांग्रेस सरकार ने कर्जमाफी के साथ 3200 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदी की घोषणा की है। इसके अलावा कांग्रेस ने तिवरा की फसल के लिए भी समर्थन मूल्य का ऐलान की किया है, लेकिन कृषि और किसानों से जुड़े किसी और मुद्दे को चुनावी घोषणा पत्र में शामिल नहीं किया है। जो बताता है कि कांग्रेस केवल कर्ज माफी के बल पर चुनाव लड़ रही है।
इन पांच सालों में कांग्रेस ने फल और सब्जियों के व्यापार में नहीं दिया जोर मिलते है बहुत कम दामः
प्रदेश में फल और सब्जी की खेती भाजपा शासन में लगभग छः लाख एकड़ में होती थी। इसमें सर्वाधिक रकबा सब्जियों की है। सब्जियों की खेती से ज्यादा लाभ के कारण बड़ी संख्या में छोटे किसान भी इस कार्य मे लगे हैं। लोकल बाड़ियों से सब्जियों की पैदावार के लिहाज से जनवरी- फरवरी पीक सीजन होता है। इस बंपर आवक से किसानों को सब्जियों के सही दाम नहीं मिलता। यही हाल केला-पपीता उत्पादक किसानों का होता है। रबी में भी करीब लाखों हेक्टेयर में फल और सब्जियों की खेती होती है, लेकिन इस ओर इन पांच सालों में कांग्रेस सरकार ने बिल्कुल भी ध्यान नही दिया। साव ने कहा कि भाजपा शासन में सब्जी फल एयर कार्गो के माध्यम से निर्यात करने की व्यवस्था थी। कांग्रेस शासन आने के बाद सरकार ने इस दिशा में ध्यान नही दिया। सब्जियों के निर्यात की व्यवस्था नही होने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है।
कांग्रेस सरकार में दलहन-तिलहन का तेजी से घटा रकबा :
सरकार द्वारा दलहन और तिलहन की खेती को बढ़ावा देने जोर दिया जाता रहा है, लेकिन इस कांग्रेस सरकार में दलहन व तिलहन का रकबा घटता चला गया। प्रदेश में लाखों हेक्टेयर में दलहन और तिलहन की खेती हो रही थी। धान का रकबा भले ही 15 लाख एकड़ बढ़ गया लेकिन अन्य क्षेत्र में इस सरकार ने किसानों के विकास को रोक दिया। नीति और नियम ध्वस्त कर कांग्रेस सरकार ने किसानों को भ्रमित किया है। जिसके कारण प्रदेश में दलहन व तिलहन की पर्याप्त खेती नही होने के कारण बाजार को बाहरी आवक पर निर्भर रहना पड़ता है। दलहन तिलहन की खेती पर फोकस कर इससे निजात दिलाई जा सकती थी। लेकिन इन पांच सालों में कांग्रेस सरकार ने इस ओर ध्यान नही दिया। अब चुनाव के समय तिवरा को समर्थन मूल्य पर खरीदने के अलावा कांग्रेस के पास कोई अन्य प्रस्ताव नही है। सोयाबीन से किसानों ने पहले ही किनारा कर लिया है।
डेयरी व फिशरीज पर अब तक कोई प्लान नहींः
डेयरी व फिशरीज भी कृषि का हिस्सा है, लेकिन इन्हें बढ़ावा देने के लिए अब तक कुछ भी नहीं किया जा सका है। मौजूदा घोषणा पत्र में भी कांग्रेस ने इस पर ध्यान नहीं दिया। प्रदेश में लाखों लीटर दूध उत्पादन हो रहा है। जबकि खपत इससे तीन से चार गुना ज्यादा है। सरकार ने गौठान योजना के तहत इसे बढ़ावा देने का प्रयास किया है, जो कि फेल हो गया बल्कि कांग्रेस ने गौठान को घोटाला का माध्यम बनाया दिया।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों के उन्नति और बेहतर भविष्य के लिए पिछले 15 सालों में भाजपा की सरकार ने बहुत कार्य किए। किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या नही थी। आज किसान इन छोटी छोटी समस्यों से जूझ रहा है। रकबा बढ़ाने का वादा कर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार ने किसानों से छल किया है। भाजपा शासन में किसानों को शाकम्बरी योजना जैसे कई योजनाओं से लाभ मिल रहा था। मत्स्य, कुक्कुट पालन क्षेत्र में भी बेहतर काम हो रहे थे। दुग्ध व्यपार को भी आगे ले जाने का काम भाजपा ने किया था। साव ने कहा भाजपा की सरकार बनने वाली है किसानों के हर छोटी से छोटी समस्या का निवारण किया जाएगा।